आज राममनोहर लोहिया की पुण्यतिथि है . इस अवसर पर लोहिया पार्क में श्रद्धाजंलि समारोह का आयोजन किया गया जिसमे बिहार के राज्यपाल फागू चौहान के साथ ही सीएम नीतीश कुमार शामिल हुए।उनके साथ सरकरा के डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद एवं कई अन्य नेता भी शामिल हुए।पार्क पहुंचे राज्यपाल और सीएम ने स्व रामनोहर लोहिया के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। श्रद्धाजंलि समारोह में शामिल डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि डॉ लोहिया कमजोर तबके के लोगों को सामाजिक रूप से मजबूत करने के लिे लगातार प्रयास करते रहे।यही वजह है कि समाज के सभी तबका उनका सम्मान करता है।
आज डॉ राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि है ।
स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी, प्रखर चिन्तक तथा समाजवादी राजनेता एक अजेय योद्धा और महान् विचारक के रूप में श्रद्धांजलि अर्पित करती हुँ । देश की राजनीति में स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान और स्वतंत्रता के बाद ऐसे कई नेता हुए जिन्होंने अपने दम पर शासन का रुख़ बदल दिया जिनमें एक थे राममनोहर लोहिया। अपनी प्रखर देशभक्ति और बेलौस तेजस्वी समाजवादी विचारों के कारण अपने समर्थकों के साथ ही डॉ. लोहिया ने अपने विरोधियों के मध्य भी अपार सम्मान हासिल किया। डॉ. लोहिया सहज परन्तु निडर अवधूत राजनीतिज्ञ थे। उनमें सन्त की सन्तता, फक्कड़पन, मस्ती, निर्लिप्तता और अपूर्व त्याग की भावना थी। डॉ. लोहिया मानव की स्थापना के पक्षधर समाजवादी थे। वे समाजवादी भी इस अर्थ में थे कि, समाज ही उनका कार्यक्षेत्र था और वे अपने कार्यक्षेत्र को जनमंगल की अनुभूतियों से महकाना चाहते थे। वे चाहते थे कि, व्यक्ति-व्यक्ति के बीच कोई भेद, कोई दुराव और कोई दीवार न रहे। सब जन समान हों। सब जन सबका मंगल चाहते हों। सबमें वे हों और उनमें सब हों। वे दार्शनिक व्यवहार के पक्ष में नहीं थे। उनकी दृष्टि में जन को यथार्थ और सत्य से परिचित कराया जाना चाहिए। प्रत्येक जन जाने की कौन उनका मित्र है? कौन शत्रु है? जनता को वे जनतंत्र का निर्णायक मानते थे। आज के ही दिन 1967 में दिल्ली में निधन हो गया था ।
कल लोकनायक की जयंती थी . इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि ‘ लोकनायक जय प्रकाश नारायण जी के जो विचार हैं‚ उन्होंने जिस प्रकार नेतृत्व किया उससे हमलोगों को बहुत कुछ सीखने का मौका मिला। आज हमलोग उसी के आधार पर काम कर रहे हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी‚ लोकनायक एवं राममनोहर लोहिया के विचारों को अपनाते हुए हम लोगों को समाज को आगे बढ़ाना है‚ समाज में एकता बनाए रखना है‚भाईचारे की भावना रखनी है। इन सब चीजों की सीख हम सभी को इन्हीं लोगों से मिली है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर चरखा समिति (प्रभा–जयप्रकाश स्मृति संग्रहालय) कदमकुआं जाकर लोकनायक जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने लोकनायक की धर्मपत्नी जयप्रभा के चित्र पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने चरखा समिति में स्थित लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी के शयनकक्ष‚ सभा कक्ष‚ प्रभावती स्मृति कक्ष सहित पूरे परिसर का मुआयना किया। मुख्यमंत्री ने विजिटर बुक में भी अपना संदेश लिखा।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि ‘ आप सभी जानते हैं कि यह लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी का आवास है। हमलोग युवावस्था से यहां आते रहे हैं। जेपी मूवमेंट के दौरान सभी सदस्यों की यहां बैठक होती थी। उन्होंने कहा कि हमारा सौभाग्य है लोकनायक जय प्रकाश नारायण जी हमेंे स्नेह देते थे‚ मानते थे। हम अक्सर उनसे यहां आकर मिलते थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण हम यहां नहीं आ पा रहे थे। इस बार मौका मिला तो मुझे यहां आकर संतुष्टि मिली है। यहां के लोगों के साथ हमारा हर तरह से सहयोग रहता है। अगर यहां किसी प्रकार की कोई समस्या होगी‚ तो उसका समाधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी के विचारों को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। हमलोग उन्हीं के विचारों के आधार पर आगे बढ़ते हुए काम कर रहे हैं। हमारा मकसद है कि नई पीढ़ी के लोग भी इन सब चीजों को जानें।
उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर आयकर गोलंबर पर आयोजित राजकीय समारोह में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि संपूर्ण क्रांति के जनक लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने आजादी की जंग तो लडी ही‚ आजाद भारत में भी पनपती तानाशाही के विरुद्ध उन्होंने मजबूती से मैदान संभाला। उनके सार्थक प्रयोगों से १९७७ में सत्ता परिवर्तन हुआ। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढियों को लोकनायक जयप्रकाश नारायण के विचारों और योगदान के विषय में बताने की जरूरत है। केंद्र सरकार और बिहार सरकार के द्वारा इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।
बिहार विधान सभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर उन्हें याद करते हुए अपना श्रद्धासुमन अर्पित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा आपातकाल के समय जब लोकतंत्र पर राजतंत्र हावी होने लगा तब लोकनायक जयप्रकाश जी ने संपूर्ण क्रांति का आह्वान कर आपातकाल के विरुद्ध जन आंदोलन खडा करते हुए जन चेतना जागृत की । उन्होंने लोकतंत्र को एक बार फिर से पूरी शुचिता के साथ पुर्नस्थापित कर बिहार से एक नया संदेश देश को दिया। वह राजनीति में शुचिता के पक्षधर थे। लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति उनका संघर्ष हमारे विश्वास की प्रेरणा है। उनके बताये पदचिन्हों पर ही चल कर हम समाज और देश को आगे ले जा सकते हैं
जयप्रकाश नारायण की जयंती पर जेपी आवास पर माल्यर्पण कर उन्हें नमन करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता विधायक अरुण कुमार सिन्हा ने १९७४ के आंदोलन को याद करते हुए कार्यकर्ताओं से जेपी के विचारों को बताया एवं कहा कि जेपी भ्रष्टाचार मिटाना‚ बेरोजगारी दूर करना‚ शिक्षा में क्रांति लाने के साथ संपूर्ण व्यवस्था परिवर्तन के लिए संपूर्ण क्रांति को आवश्यक बताया था। श्री सिन्हा ने उस समय के क्रांति गीत गाकर कार्यकर्ताओं का उत्साह बढाया एवं सार्वजानिक जीवन में जेपी की महत्ता को बताया। लोकनायक मंडल भाजपा कुम्हरार विधानसभा भाजपा की ओर से जे पी आवास पर माल्यार्पण का कार्यक्रम किया गया।
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री विधायक तेजप्रताप यादव ने जेपी जयंती पर पदयात्रा के बाद कहा कि छात्र और जनता ही उनकी पार्टी है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी बुरे दौर से गुजर रहे हैं। जेपी जयंती पर उन्होंने कारगिल चौक से कदमकुआं स्थित जेपी आवास चरखा समिति तक नंगे पांव पैदल यात्रा की। इससे पूर्व तेजप्रताप अपनी मां पूर्व मुख्यमंत्री राबड़़ी देावी से मिलने के लिए उनके सरकारी आवास की ओर गये‚ लेकिन फिर उनसे मिले बगैर अपनी पैदल यात्रा के लिए निकल पड़े़। चरखा समिति पहुंचकर उन्होंने जेपी को श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद पत्रकारों से कहा कि जिस तरह उनके पिता जी जेपी के आर्दशों पर चले और छात्रों व युवकों की लड़़ाई लड़़ी‚ वह भी जेपी के आर्दश पर चलकर छात्रों और युवकों को सही राह दिखाएंगे। उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि तेजस्वी बुरे दौर से गुजर रहे हैं। वह जन यात्रा के जरिए सरकार की आंख खोलने का प्रयास करेंगे।
यात्रा के दौरान समर्थक उनके आगे-आगे पीने का बोतल बंद पानी डालते दिखते रहे फिर भी तेजप्रताप के पैरों में छाले आ गए हैं। अपना अलग संगठन छात्र जनशक्ति परिषद बनाकर तेजप्रताप ने सोमवार को ढाई किमी की यात्रा कर पटना के गांधी मैदान से JP आवास चरखा समिति कदमकुआं तक गए थे। तेजप्रताप ने पैरों में खुद के मरहम लगाने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है।
छात्र जन शक्ति परिषद की ओर से किए गए इस आयोजन में युवाओं के पैरों में भी छाले पड़ गए हैं। तेजप्रताप यादव ने इन सभी के पैरों की तस्वीर सोशल मीडिया पर डाली है और इन छालों को जेपी के विचारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता से जोड़कर बताया है। उन्होंने राजद के नेताओं को यह मैसेज भी दिया है कि इस तरह के कार्यक्रम वे लगातार जारी रखेंगे।
उनके पैरों के ये छाले सच कहें तो दिल के छाले भी हैं। उनका दिल राजद के कुछ नेताओं से टूट चुका है। वे जगदानंद को हिटलर कहकर हटाने की मांग भी कर चुके हैं। जब उल्टे उनके खास आकाश को छात्र राजद से हटा दिया गया तब राजद का संविधान दिखाते हुए उन्होंने कोर्ट तक जाने की धमकी पार्टी को दे दी थी। इसका भी असर नहीं हुआ।
अब उन्होंने अपनी अलग राह पकड़ ली है। इसकी शुरुआत छात्र जन शक्ति परिषद के प्रशिक्षण शिविर से शुरू हुई। अब राजद से अलग छात्र जनशक्ति परिषद का अपना कार्यक्रम है, अपना पीला और हरे रंगों वाला झंडा है, अपनी बांसुरी है। पैर के छाले बता रहे हैं कि बाहर दिखने वाला दर्द ऐसा है तो अंदर का दर्द कितना गहरा होगा।