प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को डेनमार्क की समकक्ष मेटे फ्रेडरिक्सन के साथ नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा, कारोबार, निवेश सहित द्विपक्षीय संबंधों के सम्पूर्ण आयामों पर विस्तृत चर्चा की। फ्रेडरिक्सन आज सुबह भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंची जहां विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने उनकी आगवानी की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने हैदराबाद हाऊस में वार्ता स्थल पर प्रधानमंत्री मोदी और फ्रेडरिक्सन की तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया, “भारत और डेनमार्क के बीच हरित सामरिक गठजोड़ को आगे बढ़ाते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन का द्विपक्षीय संवाद के लिये स्वागत किया।”
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मेटे फ्रेडरिक्सन के बीच पिछले वर्ष स्थापित ‘हरित सामरिक गठजोड़’ के प्रगति की समीक्षा किये जाने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि 28 सितंबर 2020 को डिजिटल माध्यम से हुई शिखर बैठक में भारत और डेनमार्क ने “हरित सामरिक गठजोड़” स्थापित किया था। दोनों पक्ष आपसी हितों से जुड़े क्षेत्रीय और बहुस्तरीय मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे।
इससे पहले, फ्रेडरिक्सन ने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद, राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रेडरिक्सन का स्वागत किया जहां डेनमार्क की प्रधानमंत्री ने सलामी गारद का निरीक्षण किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वार्ता से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फ्रेडरिक्सन से भेंट की। जयशंकर ने ट्वीट किया, “भारत की पहली यात्रा पर डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन का स्वागत है। हमारा हरित सामरिक गठजोड़ इसके परिणामस्वरूप और आगे बढ़ेगा।”
डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन 9 से 11 अक्टूबर तक भारत की यात्रा पर आई हैं। भारत और डेनमार्क के मजबूत कारोबारी एवं निवेश संबंध हैं। भारत में डेनमार्क की 200 से अधिक कंपनियां मौजूद हैं, जबकि डेनमार्क में 60 से अधिक भारतीय कंपनियां हैं। दोनों देशों के बीच नवीकरणीय ऊर्जा, स्वच्छ प्रौद्योगिकी, जल एवं कचरा प्रबंधन, कृषि एवं पशुपालन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, डिजिटकलीकरण, स्मार्ट सिटी, पोत क्षेत्रों में मजबूत सहयोग है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेट फ्रेडरिक्सन की अगवानी की, जहां उनका औपचारिक स्वागत किया गया। अब दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई है। फ्रेडरिक्सन नौ से 11 अक्टूबर तक तीन दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंची हैं। विदेश राज्य मंत्री (MoS) मीनाक्षी लेखी ने दिल्ली हवाई अड्डे पर फ्रेडरिक्सन का स्वागत किया, जो भारत की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर हैं।
पीएम मोदी और डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेट फ्रेडरिक्सन के बीच द्विपक्षीय वार्ता के बाद एग्रीमेंट का आदान-प्रदान हुआ। वहीं, इस दौरान दोनों नेताओं ने अपना संबोधन भी दिया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, ‘आज की हमारी मुलाकात भले ही पहली रूबरू मुलाकात थी लेकिन कोरोना कालखंड में भी भारत और डेनमार्क के बीच संपर्क और सहयोग की गति बरकरार रही थी।’
पीएम मोदी ने बताया कि आज से एक साल पहले हमने अपने वर्चुअल समिट में भारत और डेनमार्क के बीच ग्रीन स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप स्थापित करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था। यह हम दोनों देशों की दूरगामी सोच और पर्यावरण के प्रति सम्मान का प्रतीक है।
वहीं, पीएम फ्रेडरिक्सन ने कहा, ‘आज हम पानी और ग्रीन ईंधन पर काम करने के लिए सहमत हुए हैं। हम स्वास्थ्य और कृषि जैसे क्षेत्रों पर भी साथ मिलकर काम करने पर सहमत हुए हैं। हमारा हरित सहयोग बहुत महत्वाकांक्षी है।’ उन्होंने आगे कहा कि हम दो लोकतांत्रिक देश हैं जो नियमों पर आधारित एक अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में विश्वास करते हैं। भारत और डेनमार्क के बीच सहयोग इस बात का एक बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे ग्रीन ग्रोथ और ग्रीन ट्रांजिशन साथ-साथ चल सकते हैं।
पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि हम जिस स्केल और स्पीड से आगे बढ़ना चाहते हैं उसमें डेनमार्क की विशेषज्ञता और तकनीक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है। भारत की अर्थव्यवस्था में आए रिफार्म्स विशेष रूप से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में उठाए गए कदम ऐसी कंपनियों के लिए अपार अवसर प्रस्तुत कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने बताया, ‘हमने आज यह निर्णय भी लिया कि हम अपने सहयोग के दायरे का सतत रूप से विस्तार करते रहेंगे। स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमने एक नई पार्टनरशिप की शुरुआत की है। भारत में कृषि उत्पाद और किसानों की आय बढ़ाने के लिए हमने कृषि संबंधित तकनीक में भी सहयोग करने का निर्णय लिया है।’
डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेट फ्रेडरिक्सन ने इस दौरान कहा, ‘हम भारत को एक बहुत करीबी पार्टनर मानते हैं। मैं इस यात्रा को डेनमार्क-भारत द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक मील के पत्थर के रूप में देखती हूं।’ उन्होंने आगे कहा कि पिछले साल मैंने और पीएम मोदी ने हरित रणनीतिक साझेदारी (ग्रीन स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप) पर हस्ताक्षर किए और सहमति व्यक्त की। जब भारत और बाकी दुनिया में हरित संक्रमण की बात आती है तो हम एक महत्वाकांक्षी भारतीय सरकार को बड़ी जिम्मेदारी लेते हुए देखते हैं।