प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को सेना के हेलीकाप्टर से सुबह करीब 11 बजे एम्स ऋषिकेश के हेलीपैड पर लैंड किया। पीएम मोदी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में पीएम केयर्स फंड से निर्मित आधुनिक आक्सीजन प्लांट का उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही वह देशभर में इस फंड से स्थापित 35 आक्सीजन प्लांट का वर्चुअल लोकार्पण भी करेंगे।
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- मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंडवासियों की ओर से प्रधानमंत्री का स्वागत एवं अभिनंदन किया।
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का संबोधन समाप्त, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का संबोधन शुरू।
- स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश मे 92 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज लग चुकी हैं।
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा रोटा वायरस, रेबीज़ की वैक्सीन को भारत आने में सालों लगे। लेकिन मोदी सरकार में स्वनिर्मित वैक्सीन हैं और कोरोना की वैक्सीन का उत्पादन कर आमजन तक पहुंचाने में चंद महीने लगे।
- ऋषिकेश एम्स में आयोजित कार्यक्रम को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया संबोधित कर रहे हैं।
- मुख्यमंत्री धामी ने पीएम मोदी को पुस्तक भेंट कर स्वागत किया
- ऋषिकेश एम्स में आक्सीजन प्लांट का उद्घाटन करने पहुंचे नरेन्द्र मोदी।
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के अनुसार अब तक, पूरे देश में कुल 1,224 PSA ऑक्सीजन संयंत्रों को पीएम केयर्स के तहत वित्तपोषित किया गया है, जिनमें से 1,100 से अधिक संयंत्रों को चालू किया गया है, जिससे प्रतिदिन 1,750 मीट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन का उत्पादन होता है. पीएमओ ने एक बयान में कहा- ‘यह कोविड-19 महामारी शुरू होने के बाद से भारत की चिकित्सा ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए सकारात्मक उपायों का प्रमाण है.’
रोज मिलेगा 1750 मीट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन
इसके साथ ही देश के सभी जिलों में पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित हो जाएंगे. इस अवसर पर प्रधानमंत्री वहां उपस्थित जनसमूह को संबोधित भी करेंगे. पीएमओ ने बताया कि देश में अब तक कुल 1224 पीएसए ऑक्सीजन संयंत्रों को पीएम केयर्स कोष से राशि उपलब्ध कराई गई है. इनमें से 1100 पीएसए ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना की जा चुकी है और इनसे 1750 मीट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन प्रतिदिन उपलब्ध होगा. PMO ने बताया कि देश के प्रत्येक जिले में एक PSA ऑक्सीजन संयंत्र चालू करने की परियोजना को पहाड़ी क्षेत्रों, द्वीपों और दुगर्म भू-भाग वाले क्षेत्रों की जटिल चुनौतियों से निपटने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था.