बिहार की कुशेश्वरस्थान व तारापुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं। 30 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। दो नवंबर को परिणाम सबके सामने होगा। चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही बिहार में सियासत गर्म हो गई है। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) दिवंगत विधायक शशिभूषण हजारी के पुत्र अमन हजारी को कुशेश्वरस्थान से टिकट दे सकता है। वहीं तारापुर से राजीव सिंह के नाम पर मुहर लग सकती है। इस तरह से एनडीए के उम्मीदवार तो साफ हैं, मगर महागठबंधन में रस्साकशी चल रही है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने दोनों सीट पर दावा कर दिया है तो कांग्रेस ने कुशेश्वरस्थान के लिए प्रत्याशी तय करने को पांच सदस्यीय कमेटी बना दी है। कांग्रेस ने कहा है कि चिराग अगर साथ आएं तो अच्छा रहेगा। दूसरी तरफ दो दिन पहले लोजपा सांसद की राजद नेता से मुलाकात भी हो चुकी है।
दरअसल, हाल ही में जमुई के लोजपा सांसद चिराग पासवान ने कहा था कि कुशेश्वरस्थान व तारापुर विधानसभा सीट पर हम अपने उम्मीदवार उतारेंगे। पार्टी सिंबल किसके पास है? इस सवाल के जवाब में चिराग ने कहा कि इसमें कोई कन्फ्यूजन नहीं है। चुनाव आयोग को सब पता है। बुधवार को केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने बड़ा बयान देते हुए कह दिया कि लोजपा का चुनाव चिह्न बंगला भी उनका है और पार्टी भी। इसके बाद चिराग के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। हाल ही में कांग्रेस नेता मदन मोहन झा ने कहा था कि उपचुनाव में अगर चिराग उनके साथ आते हैं तो स्वागत है। वहीं दो दिन पहले राजद नेता श्याम रजक ने चिराग से मुलाकात की थी। संभावना है कि अगर पशुपति पारस के दावे के बाद चिराग लोजपा से उम्मीदवार नहीं उतार पाते हैं तो उनके पास राजद-कांग्रेस का साथ होगा।
राजद और कांग्रेस के अपने-अपने दावे
इधर, राजद के नेता लगातार बयान दे रहे हैं कि वह दोनों सीट पर अपने प्रत्याशी उतारेंगे। लालू यादव के दल का कहना है कि वह कुशेश्वरस्थान व तारापुर विधानसभा सीट जीतकर महागठबंधन के खाते में डालना चाहता है। वहीं कांग्रेस भी एक सीट पर दावा कर रही है। गुरुवार को तो कांग्रेस ने बड़ा फैसला करते हुए कुशेश्वरस्थान से प्रत्याशी चयन के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का भी गठन कर दिया है। ऐसे में दो सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए महागठबंधन के प्रत्याशी का नाम सामने आने में बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है।