सांसद सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा कि तकनीकी व व्यावहारिक तौर पर केंद्र सरकार के लिए जातीय जनगणना कराना संभव नहीं है। इस बाबत केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। मगर राज्य अगर चाहें तो वे जातीय जनगणना कराने के लिए स्वतंत्र हैं। जातीय जनगणना का मामला केवल एक कॉलम जोडने का नहीं है। इस बार इलेक्ट्रॉनिक टैब के जरिए गणना होनी है। गणना की प्रक्रिया अमूमन चार साल पहले शुरू हो जाती है जिसका काम पूरा किया जा चुका है। अंतिम समय में इसमें किसी प्रकार का बदलाव सम्भव नहीं है। कर्नाटक सरकार ने तो २०१५ में जातीय जनगणना कराई थी‚ मगर आज तक उसके आंकड सार्वजनिक नहीं किए जा सके हैं। वहीं श्री मोदी ने पीएम की अमेरिका यात्रा के संबंध में ट्वीट कर कहा कि नेहरूकालीन विदेश नीति की गलतियां सुधारने की दिशा में प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा बड कदम है। नेहरू के समय भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता की परोसी थाली चीन की तरफ सड़़का दी थी‚ जिसके चलते देश को कूटनीतिक झटके सहने पड और पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्े पर घेरना कठिन बना रहा। पीएम ने अमेरिका की पांच शीर्ष कंपनियों के सीईओ से बात की‚ जिससे आने वाले दिनों में चीन से निराश अमेरिकी कंपनियां भारत में निवेश बढÃा कर यहां रोजगार के अधिक अवसर सृजित कर सकतीं हैं।
नीतीश-BJP सरकार में पलायन के आंकड़े भयावह
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि बिहार से हर साल पांच करोड़ लोग कामकाज के सिलसिले में...