पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सदानंद सिंह के निधन पर शोक की लहर दौड़़ गयी है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के विद्यालय में हुई और फिर कहलगांव के शारदा पाठशाला से मैट्रिक तथा इंटर की परीक्षा पास की। बाद में उन्होंने भागलपुर के मारवाड़ी महाविद्यालय से बी.कॉम और विधि महाविद्यालय से एलएलबी की पढाई पूरी की। श्री सिंह ने वर्ष १९६८ में राजनीति में प्रवेश किया। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की सरकार में स्व. इंदिरा गांधी को जेल भेजे जाने के विरोध में उन्होंने स्वेच्छा से गिरफ्तारी दी और चौदह दिन बाद जेल से रिहा हुए थे। १९६९ में वे कहलगांव विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में खड़े हुए और पहली बार ही उन्होंने जीत हासिल कर बिहार विधानसभा की सदस्यता ग्रहण की।
इसके बाद उन्होंने १२ बार विधानसभा का चुनाव लड़ा और इनमें से नौ बार लगातार निर्वाचित हुए थे। इस तरह उनके नाम से सबसे अधिक बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड है। अपने अच्छे व्यवहार और विकास कार्यों को उच्च प्राथमिकता देने के लिए अपने विधानसभा क्षेत्र में लोकप्रिय बने। श्री सिंह २०१५ में बिहार में कांग्रेस की खराब स्थिति के बावजूद अपने क्षेत्र से विजयी घोषित हुए थे।
श्री सिंह वर्ष २००० से २००५ तक बिहार विधानसभा के अध्यक्ष रहे और इस दौरान एक अभिभावक के रूप में काम करते हुए सभी दलों के बीच लोकप्रिय रहे। बाद में उन्होंने दस वर्ष तक विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता के पद को सुशोभित किया। बीच में बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी बनाये गये थे। एक जनप्रतिनिधि के रूप में उन्होंने बिहार सरकार के कई महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए कहलगांव और भागलपुर जिलों के विकास के लिए कई काम किए‚ जिसमें कहलगांव में स्थापित बटेश्वर गंगा पंप सिंचाई परियोजना मुख्य रूप से शामिल है। वह वर्ष १९७३–७४ में तत्कालीन मुख्यमंत्री अब्दुल गफूर की सरकार में ऊर्जा और सिंचाई राज्यमंत्री बनाये गये थे। बाद में १९८० में जगन्नाथ मिश्र की सरकार में भी सिंचाई राज्यमंत्री बने थे। वहीं‚ श्री सिंह लोकसभा में दहाड़ लगाने वाले भागलपुर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के दिग्गज सासंद भागवत झा आजाद के भी करीबी माने जाते थे।
मुख्यमंत्री ने पुष्पचक्र अर्पित कर दी अपनी श्रद्धांजलि
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं कंग्रेस के वरिष्ठ नेता स्व. सदानंद सिंह का पार्थिव शरीर बिहार विधानसभा लाया गया‚जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुष्प–चक्र अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी और दिवंगत आत्मा की चिर शांति के लिये ईश्वर से प्रार्थना की । स्व. सदानंद सिंह के पार्थिव शरीर पर उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद‚ बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा‚ राज्य सरकार के मंत्रीगण‚ विधायकगण‚ विधान पार्षण सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी पुष्प–चक्र अर्पित कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी। बिहार विधानसभा परिसर में पुष्प – चक्र अर्पित करने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं कंग्रेस के वरिष्ठ नेता स्व. सदानंद सिंह के पुत्र शुभानंद मुकेश से बात कर उन्हें सांत्वना दी। श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सदानंद बाबू के निधन से हमलोग बहुत दुखी हैं। वे एक लोकप्रिय नेता रहे हैं। बिहार विधानसभा के अध्यक्ष और बिहार सरकार में मंत्री रहे हैं । साथ ही विधानसभा के ९ बार सदस्य भी रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका सभी से मित्रवत व्यवहार था। हमलोगों का भी उनसे बहुत पहले से संबंध रहा है । उनकी उम्र भी ज्यादा नहीं थी। बीमारी के कारण उनका निधन हो गया । मुख्यमंत्री ने कहा कि जब वे बीमार पडे थे तो उनके पुत्र से बातचीत भी हुई थी । वे दिल्ली से लौटकर आए तो यहां भी उनका इलाज चल रहा था।
उपमुख्यमंत्री ने गहरी शोक–संवेदना व्यक्त की
उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सदानंद सिंह के निधन पर गहरी शोक–संवेदना प्रकट की है। स्वर्गीय सिंह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उपमुख्यमंत्री ने बिहार विधानसभा पहुंच कर उनके पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण किया एवं उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि स्व. सदानंद सिंह के निधन की खबर अत्यंत दुखदायी है।
अजातशत्रु थे कांग्रेस नेता सदानन्द सिंहः सुशील मोदी
सांसद सुशील कुमार मोदी ने सदानंद सिंह के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि राजनीति में वे अजातात्रु थे। कांग्रेस की राजनीति करने के बावजूद सभी दलों में उनके मित्र थे और सभी राजनीतिज्ञों से उनका मित्रतापूर्ण व्यवहार था। भागलपुर संसदीय क्षेत्र से चुनाव लडने के दौरान उनसे बना घनिष्ठ सम्बंध लगातार बरकरार रहा। वे व्यक्तिगत सम्बन्धों को जीवंत रखने वाले राजनेता थे।
पुराना साथी खो दियाः मांझी
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (से) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि मैंने अपना पुराना साथी खो दिया। ‘हम’ के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव संतोेष कुमार सुमन‚ राष्ट्रीय प्रवक्ता ड़ॉ. दानिश रिजवान‚ पूर्व मंत्री ड़ॉ. अनिल कुमार‚ ज्योति मांझी‚ प्रफुल्ल चन्द्रा‚ बी एल वैश्यंत्री‚ विजय यादव‚ रत्नेश पटेल सहित अन्य नेताओं ने भी सदानंद सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया ।