भाजपा के ‘मंत्र’ को अब उसके सहयोगी दल भी अपनाने लगे हैं। भाजपा ने सबसे पहले अपने कार्यालय में जनता दरबार की शुरूआत की और अब उसका ‘मंत्र’ लेकर सहयोगी दल भी अपने कार्यालय में जनता दरबार लगाना शुरू कर दिए हैं। ज्ञात हो कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने दिल्ली में सहयोग कार्यक्रम की शुरूआत किए थे। पहली बार कोई प्रधानमंत्री अपने राजनीतिक कार्यालय में आने की परंपरा ड़ाली । इसके बाद भाजपा के मंत्री दफ्तर में जनता की समस्याएं सुनने लगे। इसी परंपरा का निर्वनह करते हुए प्रदेश भाजपा ने यहां सहयोग कार्यक्रम की शुरूआत की। भाजपा का यह सहयोग कार्यक्रम रंग लाया और जनता की भीड़़ जुटने लगी। भाजपा के दफ्तर में दो रोज पूर्व सहयोग कार्यक्रम निरस्त था फिर जनता अपनी समस्याएं लेकर कार्यक्रम में आई थी। भाजपा के सहयोग कार्यक्रम को देखते हुए जनता दल (यू) ने भी हाल ही में अपने कार्यालय में जनता दरबार की परंपरा शुरू कर दी है। वहां भी नियमित रूप से अब जदयू कोटे के मंत्री जनता की समस्याएं सुन रहे हैं। इतना ही नहीं अब एनड़ीए के पार्टनर हम ने भी जनता दरबार की शुरूआत कर दी है। हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने कल अपने कार्यालय में जनता की समस्याएं सुनी। इस तरह भाजपा के मंत्र पर सहयोगी दल भी मंत्रजाप कर रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तो बहुत पहले से बतौर सीएम जनता दरबार में भाग लेते रहे हैं पर राजनीतिक दल के रूप में भाजपा ने सबसे पहले यह परंपरा की शुरूआत की। मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री द्वारा भी जनता दरबार लगाने की परंपरा है।
राजनीतिक दलों में भाजपा का संगठन मैनेजमेंट सबसे आला है। यह बात विरोधी दल भी स्वीकार करते रहैं। हाल ही में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बिहार भाजपा के कार्यकर्ताओं को टास्क दिए हैं जिसके तहत सभी प्रतिनिधियों को सप्ताह में २ दिन हर टीकाकरण केंद्र पर जा रहे हैं। सभी कार्यकर्ताओं को घर–घर जाकर यह पता लगाना है कि उन्हें गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त अनाज मिल रहा है या नहीं। यह कार्यक्रम दीपावली तक चलेगा। इस बीच जरुरतमंदों को दिए जा रहे अनाज वितरण को सुनिश्चित कराना है। जाहिर है केन्द्रीय नेतृत्व के इस कार्यक्रम से भाजपा कार्यकर्ताओं की पहुंच जनता के बीच बढ़ेगी। साथ ही वोट पक्के होंगे। मंड़ल स्तर तक ५० लाख वेंड़रों के पास पहुंचने का टारगेट दिया गया है। भाजपा कार्यकर्ता रेहडी–पटरी वालों को दिए जाने वाले ऋढ योजना का लाभ पाने में सहयोग कर रहे हैं।
संगठन को सशक्त करने के लिए नया कार्यक्रम तैयार कर लिया गया है। २५ सितंबर से २५ दिसंबर अर्थात दीनदयाल उपाध्याय की जयंती से लेकर अटल जी की जयंती तक सशक्त बूथ पर कार्यक्रम होंगे। इसके अलावा २५ सितंबर से ६ अप्रैल २०२२ तक यानी पार्टी स्थापना दिवस तक कार्यकर्ता सक्रीय रहेंगे। ताजा कार्यक्रम के तहत अब १५ सितंबर से भाजपा कार्यकर्ता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जन्मदिवस मनाने के लिए जनता के बीच जाएंगे।