अफगानिस्तान में नई सरकार बनाने की कोशिशें तेज हो गई हैं. सरकार गठन को लेकर लगातार बैठकें जारी हैं. 11 सितंबर को अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए आतंकी हमले की 20वीं बरसी पर तालिबान बड़ा ऐलान कर सकता है. इसी दिन सरकार बनाने की घोषणा की जा सकती है. ताबिलान को तब तक मंत्रियों के नामों पर चर्चा के लिए समय भी मिल जाएगा वहीं अमेरिका को इससे एक खास संदेश देने की भी कोशिश की जाएगी. तालिबान से डील के बाद आखिरकार 20 साल बाद अमेरिकी सैनिकों की अफगानिस्तान से वापसी हो चुकी है.
अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद अब तालिबान वहां नई सरकार का गठन करना चाहता है. टोलो न्यूज के मुताबिक अब हम पूरी तरह से स्वतंत्र अफगानिस्तान में रहते हैं.नई सरकार की घोषणा बहुत जल्द की जाएगी.’हालांकि सामगनी ने भविष्य की सरकार की संरचना और विशेषताओं के बारे में जानकारी नहीं दी. उन्होंने कहा, यह एक समावेशी सरकार होगी और सभी लोग इसमें खुद को देखेंगे. ये सभी बातें टोलो न्यूज को तालिबान के सांस्कृतिक आयोग के सदस्य अनामुल्ला समांगानी ने कही. सामांगानी की बात का कई लोग अलग ही अर्थ निकाल रहे हैं. हालाकि क्या होगा ये तो वक्त ही बाताएगा. फिलहाल अफगानिस्तान में नई सरकार बनाने की चर्चाएं तेज हो गई हैं.
दरअसल, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान एक ऐसी सरकार बनाने के लिये संघर्ष कर रहा है जो समावेशी और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्वीकार्य हो. उम्मीद की जा रही थी कि तालिबान शनिवार को काबुल में नई सरकार के गठन की घोषणा कर सकता है. जिसका नेतृत्व संगठन के सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर कर सकते हैं. तालिबान ने 15 अगस्त को काबुल पर काबिज होने के बाद दूसरी बार, काबुल में नई सरकार के गठन की घोषणा स्थगित की है. तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने शनिवार को बताया कि नई सरकार और कैबिनेट सदस्यों के बारे में घोषणा अब अगले सप्ताह की जाएगी.
तालिबान द्वारा गठित एक समिति के सदस्य खलील हक्कानी ने बताया कि सरकार गठन को लेकर विभिन्न संगठनों से बातचीत चल रही है. उन्होने कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान अपने अकेले की भी सरकार बना सकता है, लेकिन वह सबको साथ लेकर चलना चाहता है. इसलिए समावेशी सरकार बनाने पर विचार हो रहा है. जिसकी घोषणा जल्द ही कर दी जाएगी. हो सकता है अगले सप्ताह तक नई सरकार का गठन हो जाए.