बिहार में बाढ़ (Flood) से हुई क्षति के लिए राज्य सरकार (Nitish Govt) ने केंद्रीय टीम से 3781 करोड़ रुपये की मांग की है. केंद्रीय टीम बाढ़ से क्षति का जायजा लेने बिहार पहुंची हुई है. आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि हालांकि यह प्रारंभिक डिमांड है. आगे आवश्यकता के अनुसार इसे बढ़ाया जा सकता है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव राकेश कुमार सिंह के नेतृत्व में केंद्रीय टीम आज पटना पहुंची. पटना हवाई अड्डे पर आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों ने टीम की अगवानी की. इसके बाद मुख्य सचिवालय स्थित सभागार में केंद्रीय टीम के साथ बिहार सरकार के अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. इस बैठक में बिहार के मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण के अलावा आपदा प्रबंधन के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृतलाल मीणा के अलावा कई आला अधिकारियों ने भाग लिया.
बैठक में बिहार सरकार की तरफ से एक प्रजेंटेशन दिखाया गया, जिसमें बाढ़ के दौरान कृषि, सड़क समेत विभिन्न चीजों की क्षति का ब्योरा पेश किया गया. करीब घंटेभर की बैठक के बाद केंद्रीय टीम एरियल सर्वे के लिए बाढ़ ग्रस्त इलाकों के लिए रवाना हो गई. यह टीम आज रात दरभंगा में रुकेगी और कल दरभंगा से भागलपुर पहुंचेगी. केंद्रीय टीम के साथ बिहार सरकार के अधिकारियों की कल शाम 5 बजे एक बार फिर से महत्वपूर्ण बैठक होनी है, जिसमें राज्य में बाढ़ से हुए नुकसान का विस्तृत जायजा लिया जाएगा. बिहार सरकार के अनुरोध पर ही केंद्र की टीम बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए पहुंची है.
राज्य की 20 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित है
बिहार में बाढ़ से हुई तबाही का आकलन करने केन्द्रीय टीम बिहार के दौरे पर है। दो दिनों के दौरे पर केन्द्रीय टीम कई जिलों का सर्वे कर बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करेगी। आज पहले दिन राज्य सरकार ने केन्द्रीय टीम के सामने आपने तरफ से नुकसान के हुए आकलन का विस्तृत ब्यौरा सामने रखा। इस ब्यौरे के मुताबिक राज्य के 26 जिलों में बाढ़ ने तबाही मचाई है। इससे राज्य को अबतक 3763.85 करोड़ का नुकसान हो चुका है। आपदा प्रबंधन विभाग ने बाढ़ राहत पर अबतक 1168.69 करोड़ खर्च किए हैं। राज्य की 20 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित है।
1469.99 करोड़ के बह गए बांध
राज्य सरकार ने अपनी ब्यौरे में विभागवार नुकसान की जानकारी दी है। इसके मुताबिक, सबसे अधिक नुकसान जल संसाधन विभाग को हुआ । जल संसाधन विभाग को 1469.99 करोड़ का नुकसान हुआ है और बाढ़ की वजह से बांध बह गए हैं। ग्रामीण कार्य विभाग के द्वारा 234.70 करोड़ की लागत से बनीं ग्रामीण सड़कें बह गई हैं तो पथ निर्माण विभाग की 203.14 करोड़ की सड़कों को नुकसान पहुंचा है। किसानों को भी जबदस्त नुकसान हुआ है और कृषि विभाग की तरफ से ये नुकसान 661.16 करोड़ का दिखाया गया है। ऊर्जा विभाग को 14.37 करोड़, पीएचईडी को 7.66 करोड़, पशुपालन को 4 करोड़ रुपये हुआ है। बाढ़ राहत कार्य पर आपदा प्रबंधन विभाग ने 1168.69 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।