बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने एक बार फिर से जातिगत जनगणना (Caste Based Census) के मुद्दे को उठाया है. तेजस्वी ने कहा कि लालू (Lalu Prasad Yadav) अगर जातिगत जनगणना को लेकर सड़क पर नहीं आते, तो हम इस मुहिम में सफल नहीं होते. हमारी कोशिश है कि वंचित समाज मुख्य धारा में आए. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने पार्लियामेंट में कहा है कि जातिगत जनगणना नहीं होगी, इसलिए हमलोग एक जुट हुए और पीएम नरेंद्र मोदी से मिलकर आये.
तेजस्वी ने कहा कि अभी हम नरेंद्र मोदी के फैसले का इंतज़ार कर रहे हैं. कुछ लोग इसे जात-पात की राजनीति बताते हैं, लेकिन ये समझना होगा कि जब धर्म की गिनती हो रही तो जाति की गिनती क्यों नहीं. जनगणना से फायदा विकास की योजना बनाने में भी होगा. हमलोगों की ये लड़ाई जारी रहेगी. हम पीएम को पत्र लिख कर रिमांडर भी भेजेंगे कि केंद्र सरकार बताए क्या करना है. अगर नहीं करना है तो बिहार सरकार अपने खर्चे पर इस जनगणना को कराए. इसके लिए पूरे देश मे आंदोलन होगा.
तेजस्वी ने कहा कि सोनिया गांधी जी ने इसके समर्थन में एक कमिटी बनाई है. हम देश के सभी नेताओं से दल बात करेंगे और सभी से संपर्क करेंगे. इसको लेकर एक सर्वसमति से माहौल बनाएंगे. आंदोलन होगा. बिहार की शिक्षा के बारे में बोलते हुए तेजस्वी ने कहा कि आज प्रदेश में शिक्षा की क्या स्थिति है. नीतीश कुमार ने शिक्षा व्यवस्था बर्बाद कर दिया है और एक परीक्षा ढंग से नहीं हो रही. शिक्षक परेशान हैं लेकिन सरकार मनमानी कर रही. सरकार का इंटरेस्ट एजुकेशन क्वालिटी सुधारने में क्यों नहीं, पद क्यों खाली हैं. शिक्षा का स्तर बिहार में सबसे ज्यादा खराब है और यहां अफसरशाही हावी है. यहां परीक्षा में साउथ की हिरोइन पास कर जाती है.