पंजशीर में तालिबान से लोहा ले रहे विरोधी गुट ने सोमवार को संघर्ष जारी रखने की हुंकार भरी. नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट (National Resistance Front) ने कहा कि पंजशीर घाटी में तालिबान के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी. तालिबान द्वारा पंजशीर घाटी (Panjshir Valley) पर कब्जा करने के दावे के बाद विद्रोही गुट ने यह बात कही है. नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट ने कहा कि वह “सामरिक रूप से अहम पोजिशन” पर तैनात है और तालिबान तथा उसके सहयोगी के खिलाफ संघर्ष जारी रखेगा.
इससे पहले, तालिबान की ओर से पंजशीर घाटी पर कब्जा करने का दावा किया गया. तालिबान के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने एक बयान में कहा कि इस जीत से हमारा देश पूरी तरह से युद्ध के दलदल से बाहर निकल गया है.
अफगानिस्तान के पंजशीर घाटी में कब्जे को लेकर रेजिस्टेंस फोर्स और तालिबान के बीच लड़ाई जारी है. इस लड़ाई में अहमद मसूद के दो करीबी फहीम दश्ती और जनरल अब्दुल वादुद की तालिबान हमले में मौत हो गई है. एक दिन पहले ही तालिबान विरोधी गुट के मुख्य प्रवक्ता फहीम दश्ती ने कहा था, अगर हम मर गए तो इतिहास हमारे जैसे उन लोगों के बारे में लिखेगा, जो आखिरी दम तक अपने देश के लिए खड़े रहे.
इस बीच नेशनल रेजिस्टेंस फोर्स के प्रमुख अहमद मसूद ने तालिबान के सामने जंग ख़त्म करने का प्रस्ताव रखा है. उन्होंने कहा कि अगर तालिबान पंजशीर से बाहर निकल जाता है तो विद्रोही गुट संघर्ष खत्म करने और बातचीत शुरू करने के लिए तैयार है.
तालिबान का दावा, पंजशीर घाटी ‘पूरी तरह कब्ज़े में’
अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जे के बाद पंजशीर घाटी (Panjshir Valley) पर कब्जा जमाने को लेकर तालिबान का अफगान नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट के साथ संघर्ष चल रहा है. इस बीच, तालिबान (Taliban) ने सोमवार को पंजशीर घाटी में “पूरी तरह कब्जा” करने का दावा किया है. तालिबान का दावा है कि विद्रोह के आखिरी गढ़ पंजशीर पर कब्जा कर लिया गया है. इसके तुरंत बाद, नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट ने कहा कि पंजशीर घाटी में तालिबान के खिलाफ लड़ाई “जारी रहेगी.”
तालिबान के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने एक बयान में कहा, “इस जीत से हमारा देश पूरी तरह से युद्ध के दलदल से बाहर निकल गया है.” सोशल मीडिया पर सामने आ रही तस्वीरों में तालिबान के लड़ाके पंजशीर के प्रांतीय गवर्नर के परिसर के गेट के सामने खड़े नजर आ रहे हैं.
अफगानिस्तान की अशरफ गनी सरकार को हटाने के बाद और अमेरिकी सुरक्षा बलों की 20 साल बाद अफगान से वापसी का जश्न मनाते हुए तालिबान ने पंजशीर घाटी की रक्षा कर रहे लड़ाकों को कुचलने की कोशिश शुरू की थी.
बता दें कि एक दिन पहले, अफगानिस्तान के उत्तरपूर्वी प्रांत पंजशीर में विद्रोही गुट के नेता अहमद मसूद ने कहा था कि तालिबान के पंजशीर छोड़ने पर रेजिस्टेंस फोर्स लड़ाई बंद करने और बातचीत शुरू करने के लिए तैयार है.
विद्रोह समूह ने रविवार को ट्वीट में कहा कि हाल में संघर्ष में उसके प्रवक्ता फहीम दश्ती और जनरल अब्दुल वदूद जारा मारे गए हैं. नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट ने तालिबान से लड़ने की कसम खाई थी, लेकिन यह भी कहा था कि वह बातचीत करने को तैयार है.
वहीं, काबुल में घुसने के तीन हफ्ते बीत जाने के बावजूद तालिबान अब तक अपनी सरकार को अंतिम रूप नहीं दे पाया है. उनके बीच भी गतिरोध की खबरें सामने आ रही है. तालिबान का वादा है कि नई सरकार पहले के तालिबानी सत्ता की तुलना में ज्यादा उदारवादी होगी.