टोक्यो पैरालिंपिक में भारत के पैरा-शूटरों ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए 4 सिंतबर को भारत के नाम 2 और मेडल पक्के कर दिए। भारत के पैरा-शूटर मनीष नरवाल (Manish Narwal) ने शूटिंग P4 मिक्स्ड 50 मीटर पिस्टल SH1 इवेंट में जहां गोल्ड अपने नाम किया, तो वहीं सिंहराज (Singhraj) ने सिल्वर मेडल जीता।
मनीष ने 218.2 के कुल स्कोर के साथ पहला स्थान जबकि सिंहराज ने 216.7 के कुल स्कोर के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। बता दें, क्वॉलिफिकेशन राउंड में 536 अंकों के साथ सिंहराज चौथे नंबर पर जबकि मनीष नरवाल 533 अंकों के साथ सातवें स्थान पर रहे थे।
टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympics) में बैडमिंटन खिलाड़ी और नोएडा के डीम सुहास यतिराज (Suhas Yathiraj) ने फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया है. अब वह गोल्ड से महज एक कदम दूर हैं. बैडमिंटन मेन्स सिंगल्स के एसएल4 क्लास सेमीफाइनल में सुहास ने इंडोनेशिया के फ्रेडी सेतिवान को सीधे सेटों में 2-0 से हराया. सुहास ने सेमीफाइनल मुकाबला सिर्फ 30 मिनटों में 21-9, 21-15 से जीता. अब तक कोई भी भारतीय खिलाड़ी ओलंपिक या पैरालंपिक खेलों में बैंडमिटन में गोल्ड मेडल जीतने का कारनामा नहीं कर सका है. सुहास फाइनल में जीत के साथ नया इतिहास भी रच देंगे.
सुहास के फाइनल में पहुंचने के साथ ही भारत को टोक्यो पैरालंपिक में एक और पदक पक्का हो गया. भारत ने अब तक टोक्यो पैरालंपिक में अब तक दो गोल्ड, छह सिल्वर और पांच ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं. वहीं सुहास का एक मेडल पक्का है. दूसरी तरफ प्रमोद भगत (Pramod) भी एसएल3 क्लास के फाइनल में पहुंचे हैं. अब प्रमोद और सुहास के पास भारत की तरफ से बैडमिंटन में पहला गोल्ड जीतने का मौका है. दोनों का एक-एक पदक तो पक्का है. इसके साथ ही भारत के 15 पदक पक्के हो चुके हैं.
ओलंपिक में नहीं मिला बैडमिंटन में गोल्ड
इससे पहले भारत को किसी भी ओलंपिक और पैरालंपिक में बैडमिंटन में गोल्ड नहीं मिला है. इससे पहले लंदन ओलंपिक 2012 में साइना नेहवाल ने कांस्य, रियो ओलंपिक 2016 में पीवी सिंधु ने सिल्वर और टोक्यो 2020 में सिंधु ने कांस्य पदक जीता था. सुहास और प्रमोद का कम से कम सिल्वर मेडल पक्का हो चुका है. दोनों के पास ही गोल्ड जीतने का सुनहरा मौका है.