प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आज पंजाब (Punjab) के अमृतसर (Amritsar) में जलियांवाला बाग की नई गैलरी का उद्घाटन किये . पीएम मोदी ने कार्यक्रम से पहले ट्वीट कर यह जानकारी दी. ट्वीट में पीएम मोदी ने सभी लोगों को लाइट एंड साउंड शो में आंमत्रित किया. उन्होंने कहा कि लाइट एंड साउंड 1919 शहीदों के प्रति सद्धाभाव है. इसलिए सभी को लाइट एंड साउंड शो से जुड़ना चाहिए. आपको बता दें कि जलियांवाला बाग स्मारक (Jallianwala Bagh Memorial) के पुनर्निमित परिसर का उद्घाटन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया जाएगा. प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर मिली जानकारी के अनुसार पीएम मोदी आज शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जलियांवाला बाग की नई गैलरी को राष्ट्र को समर्पित किये .
पूरे किए गए कार्य
लंबे समय से बेकार पड़ी और कम उपयोग वाली इमारतों का दोबारा अनुकूल इस्तेमाल सुनिश्चित करते हुए चार संग्रहालय दीर्घाएं निर्मित की गई हैं. ये दीर्घाएं उस अवधि के दौरान पंजाब में घटित विभिन्न घटनाओं के विशेष ऐतिहासिक महत्व को दर्शाती हैं. इन घटनाओं को दिखाने के लिए श्रव्य-दृश्य प्रौद्योगिकी के माध्यम से प्रस्तुति दी जाएगी जिसमें मैपिंग और 3डी चित्रण के साथ-साथ कला एवं मूर्तिकला अधिष्ठापन भी शामिल हैं. 13 अप्रैल, 1919 को घटित विभिन्न घटनाओं को दर्शाने के लिए एक साउंड एंड लाइट शो की व्यवस्था की गई है.
इस परिसर में विकास से जुड़ी कई पहल की गई हैं. पंजाब की स्थानीय स्थापत्य शैली के अनुरूप धरोहर संबंधी विस्तृत पुनर्निर्माण कार्य किए गए हैं. शहीदी कुएं की मरम्मत की गई है और नवविकसित उत्तम संरचना के साथ इसका पुनर्निर्माण किया गया है. इस बाग का केंद्रीय स्थल माने जाने वाले ‘ज्वाला स्मारक’की मरम्मत करने के साथ-साथ इसका पुनर्निर्माण किया गया है, यहां स्थित तालाब को एक ‘लिली तालाब’ के रूप में फिर से विकसित किया गया है, और लोगों को आने-जाने में सुविधा के लिए यहां स्थित मार्गों को चौड़ा किया गया है.
इसमें अनेक नई और आधुनिक सुविधाओं को जोड़ा गया है जिनमें लोगों की आवाजाही के लिए उपयुक्त संकेतकों से युक्त नव विकसित मार्ग; महत्वपूर्ण स्थानों को रोशन करना; देशी वृक्षारोपण के साथ बेहतर भूदृश्य एवं चट्टानों युक्त निर्माण कार्य, इत्यादि; पूरे बगीचे में ऑडियो नोड्स लगाना शामिल हैं. इसके अलावा मोक्ष स्थल, अमर ज्योत और ध्वज मस्तूल को समाहित करने के लिए अनेक नए क्षेत्रों का विकास किया गया है.
दूसरी ओर किसानों द्वारा इस कार्यक्रम का विरोध किया जा रहा है। कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान शनिवार सुबह ही जलियांवाला बाग से कुछ ही दूरी पर घी मंडी के पास जमा हो गए और उन्होंने बाग तक आने वाले सभी रास्ते बंद कर दिए। किसानों की चेतावनी है कि आज होने वाले उद्घाटन समारोह में किसी भाजपा नेता को नहीं आने देंगे। किसानों के विरोध प्रदर्शन का पता चलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंचा और किसानों को समझाने की कोशिश की। सुरक्षा के मद्देनजर जलियांवाला बाग के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
श्वेत मलिक का कार्यक्रम रद्द, अब वर्चुअल उद्घाटन समारोह से जुड़ेंगे
राज्यसभा सदस्य और पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्वेत मलिक पहले उद्घाटन समारोह में शामिल होने जलियांवाला बाग आने वाले थे, लेकिन किसानों के विरोध-प्रदर्शन के बाद उन्होंने अपना कार्यक्रम बदल लिया है। मलिक का कहना है कि वो अब घर से ही वर्चुअली उद्घाटन समारोह से जुड़ेंगे।
प्रदर्शन कर रहे किसानों को यह भी सूचना मिली थी कि हरियाणा के मुख्यमंत्री भी जलियांवाला बाग पहुंचने वाले हैं। हालांकि, पुलिस ने उन्हें इससे इनकार किया है। दूसरी ओर किसानों का कहना है कि जब तक प्रधानमंत्री का ये कार्यक्रम खत्म नहीं होता, वो धरने पर बैठे रहेंगे।
शहीदों की सलामी से कार्यक्रम की शुरुआत होगी
कार्यक्रम की शुरुआत में शहीदों को सलामी दी जाएगी। इसके लिए BSF के जवानों की टुकड़ी को तैयार किया गया है। इतना ही नहीं, कार्यक्रम की शुरुआत में शबद गायन भी होगा। टेंट के अंदर बड़ी स्क्रीन लगाई गई है। इसके माध्यम से प्रधानमंत्री और देश के अन्य बड़े नेता कार्यक्रम के साथ जुड़ेंगे। प्रधानमंत्री शहीदों को नमन कर देश को संबोधित करेंगे।
उद्घाटन के बाद लाइट एंड साउंड प्रोग्राम होगा। इसमें जलियांवाला बाग कांड के दृश्य को हिंदी, अंग्रेजी और पंजाबी में दिखाया जाएगा। उद्घाटन के बाद यह ऐतिहासिक स्थल जनता के लिए खोल दिया जाएगा।
ऐसा होगा जलियांवाला बाग का नया रूपः-
एंट्रेंस- जहां से अंग्रेजों की सेना घुसी थी
अब जलियांवाला बाग में आते ही सबसे पहले सैलानियों का ध्यान एंट्रेंस पर जाने वाला है। ये वही तंग रास्ता है, जहां से जनरल डायर ने सेना को अंदर जाने के लिए कहा था। यहां अब खूबसूरत हंसते-खेलते लोग दिखाए गए हैं। ये दरवाजा उन शहीदों को समर्पित है, जो 13 अप्रैल 1919 को बैसाखी वाले दिन हंसते हुए अपने परिवार के साथ जलियांवाला बाग में पहुंचे थे।
शहीदों को समर्पित तीन गैलरियां
जलियांवाला बाग के नरसंहार और शहीदों को समर्पित तीन गैलरियों का निर्माण किया गया है। इस गैलरी में शहीदों से संबंधित दस्तावेज रखे गए हैं। इनसे आज की युवा पीढ़ी शहीदों को दी जाने वाली यातनाओं के बारे में जानेगी। शहीदों की वीरता के किस्से भी देखेंगे और पढ़ेंगे। एक गैलरी बुलेट मार्क लगी गैलरी के साथ बनाई गई है। जहां इस नरसंहार के बाद ब्रिटिश राज में क्या-क्या हुआ और डायर को अंग्रेजों ने कैसे बचाया आदि ब्रिटिश राज के क्रूर कामों के बारे में बताया गया है।
कुएं का नया रूप
जिस समय वो जघन्य हत्याकांड अंजाम दिया गया था, उस समय ये कुआं खुला ही होता था। इंदिरा गांधी के समय इस पार्क को पहली बार रेनोवेट किया गया था, तब इस कुएं पर छत बनाई गई थी। अब इसकी रूपरेखा में और भी बदलाव किया गया है। कुएं के चारों तरफ गैलरी बनाई गई है और सुरक्षा के लिए कांच लगाए गए हैं, जिससे कुएं को गहराई तक देखा जा सकता है।
शहीदी लाट को भी बनाया गया आकर्षक
पार्क के बीचों-बीच बनी शहीदी लाट में कोई बदलाव नहीं किया गया। इसके आसपास इतना सुंदर पार्क बना दिया गया है कि घंटों तक कोई भी यहां बैठकर इसकी खूबसूरती को निहार सकता है। लाट के आगे लगे फव्वारों की जगह पानी भरा गया है और उसमें पानी पर तैरने वाले फूल पत्ते लगाए गए हैं। पार्क के चारों तरफ भी सुंदर फूल लगाए गए हैं और छोटे-छोटे बगीचे तैयार किए गए हैं। सैलानी आएं और शहीदों को नमन करने के साथ-साथ सुंदर वातावरण का भी आनंद लें।
सुरक्षित की गई हैं दीवार
कुएं से थोड़ा आगे जाएंगे तो आपको एक दीवार दिखाई देगी। ये वो दीवार है, जिस पर गोलियों के निशान आज भी हैं, ताकि आज की युवा पीढ़ी उस समय मारे गए लोगों के दुख दर्द को समझ सके। इसे संरक्षित करने के लिए दीवार के आगे रेलिंग लगा दी गई है, ताकि लोग इसे देख सकें, लेकिन छू न सकें।
केंद्रीय मंत्री, विभिन्न राज्यों के राज्यपाल और सांसद भी रहेंगे मौजूद
उद्घाटन कार्यक्रम में केंद्रीय संस्कृति मंत्री किशन रेड्डी, केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी, संस्कृति राज्य मंत्री, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री, सभी लोकसभा व राज्यसभा सांसद और जलियांवाला बाग नेशनल मेमोरियल ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम के लिए बाग में शहीदी लाट के बाईं तरफ टेंट लगाया गया है, ताकि वहां मौजूद सभी लोग वहां बैठकर प्रधानमंत्री मोदी को सुन सकें। वहीं शहीदों को समर्पित 3 गैलरियों का निर्माण किया गया है।