सूबे में अब बदमाशा बेखौफ हो चले हैं। सिर्फ राजधानी की ही बात करें तोे जिले में पुलिस का इकबाल प्रभावहीन दिख रहा है। अगस्त माह में अब तक हत्या‚ लूट और चेन छीनने की कई वारदातें राजधानी और इसके आसपास के क्षेत्रों में हो चुकी हैं। पटना जिले में हुए सिर्फ खूनी वारदातों पर नजर ड़ाली जाए तो स्थिति नियंत्रण से बाहर दिखती है। जिले में गत २२ दिनों में २४ खूनी वारदातें हुइ। इसमें २१ लोगों की हत्या कर दी गयी। इन वारदातों में तीन लोग घायल भी हुए। इन वारदातों के दौरान मारे जाने वालों में जाने वालों में ४ महिलाएं भी शामिल हैं। दो महिलाओं की हत्या दहेज के लिए कर दी गयी। ज्यादातर वारदातों को अंजाम देने के लिए बदमाशों ने पिस्तौल का इस्तेमाल करते हुए गोलियां दागीं। इन वारदातों ने पुलिस के अपराध नियंत्रण के दावे की हवा निकाल कर रख दी है। घटनाएं बयां कर रही हैं कि पुलिस से बदमाश बेखौफ हो चले हैं।
पुलिस ने कहा– कई मामलों का हुआ खुलासा पटना के एक वरीय पुलिस अधिकारी के मुताबिक पुलिस ने कई वारदातों में संलिप्त बदमाशों को दबोचकर मामले का खुलासा किया है। कई मामले में तो अपनों ने ही अपने का कत्ल किया। पुलिस कहीं लापरवाही नहीं बरत रही है। पुलिस ने अधिकांश मामले में बदमाशों को दबोचा है। बदमाशों पर पुलिस की पकड़़ ढीली नहीं पड़़ी है। उन्होंने शास्त्रीनगर की घटना का जिक्र करते हुए बताया कि दोनों सहोदर भाइयों को पुलिस ने दबोचा। परसा में पिता की हत्या में शामिल ऑटो चालक के दो बेटों को पुलिस ने पकड़़ लिया। एक की तलाश की जा रही है।
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