अमेरिका के अफगानिस्तान से सेना वापसी के अदूरदर्शितापूर्ण फैसले ने पूरे एशिया खासकर मध्य एशिया में हलचल मची है। १५ अगस्त को काबुल के साथ ही पूरे अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से अफगानिस्तान में भारी उथलपुथल मची हुई है‚ साथ ही कुछ देश अपने अपने संकीर्ण हितों के कारण स्थिति का फायदा उठाकर इस आग में रोटियां सेकने को बेताब नजर आ रहे हैं। लगता है तालिबान के अत्याचारों को लेकर भयभीत बेबस अफगानियों‚ महिलाओं और बच्चों की लाचारी से लगता है उन्हें कोई लेना देना नहीं है। पाकिस्तान और चीन इस होड़़ में सबसे आगे हैं। ये खुद तालिबान को मान्यता देने और दुनिया के अन्य देशों से मान्यता दिलाने को लेकर अति उत्साह में दिखाई देतेे हैं। दोनो देश इसके लिए एक संयुक्त रणनीति के तहत काम कर रहे हैं। अंतरराष्ट्राय विशेषज्ञों ने इन दोनों देशों को इस अति उत्साह के कारण दीर्घकालीन नुकसान की चेतावनी दी है। हांगकांग से प्रकाशित ‘साउथ चाउना मानिÈग पोस्ट’ में एक लेख में पाकिस्तानी विश्लेषकों के हवाले से कहा गया है कि पाक को यह समझना चाहिए कि पाकिस्तान को अपने पड़सी देश में शांति से सबसे अधिक फायदा होता है और संघर्ष तथा अस्थिरता से सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़़ता है। सिंगापुर के एक थिंक टैंक के अनुसार पाकिस्तान तालिबान की मदद करके भारत को अफगानिस्तान से बाहर रखना चाहता था जबकि तालिबान का मकसद पाकिस्तान की मदद से अमेरिका का अफगानिस्तान से बाहर करना था। पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख फैज हमीद दो जुलाई को पाक के राजनेताओं की एक संसदीय ब्रीफिंग में तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान(टीटीपी) को तालिबान के सिक्के का ही दूसरा पहलू बता चुके हैं। टीटीपी ने पाकिस्तान में आतंक की सैकड़़ों वारदात को अंजाम दिया है। इनमें एक सैन्य स्कूल पर हमला जिसमें १३० से अधिक बच्चों सहित १७५ से अधिक लोग मारे गए थे तथा एक एयर फोर्स अड्डे़ पर हमला शामिल हैं जिसमें भारी नुकसान हुआ था‚ शामिल हैं। तालिबान ने काबुल की जेल से जिन कैदियों को छोड़़ा है उनमें सैकड़़ों टीटीपी के सदस्य हैं। चीन के लिए भी शिनजियांग के उइगुर मुस्लिमों को तालिबान का समर्थन मुसीबतें खड़़ी कर सकता है। पाक– चीन दोनों के लिए तालिबान को मान्यता दिलाने की मुहिम खतरनाक साबित होे सकती है।
भारत-आसियान साझेदारी होगी मजबूत…..
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारत-आसियान व्यापक साझेदारी को मजबूत करने के लिए 10 सूत्री योजना की घोषणा की...