राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव को लेकर पदाधिकारियों और पंचायत चुनाव से जुड़े़ हुए कर्मियों के तबादले पर रोक लगा दी है। इस संबंध में आयोग ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर दिशा निर्देश दिया है। हालांकि सरकार आवश्यकता पड़़ने पर आयोग की सहमति से पदाधिकारियों का तबादला कर सकती है॥। आयोग ने कहा कि जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी (पंचायत)‚ अनुमंडल पदाधिकारी‚ जिला पंचायत राज पदाधिकारी‚ प्रखंड़ विकास पदाधिकारी‚ अंचलाधिकारी‚ निर्वाची पदाधिकारी‚ सहायक निर्वाची पदाधिकारी तथा जिला निर्वाचन पदाधिकारी (पंचायत) द्वारा मनोनीत उप निर्वाचन पदाधिकारी (पंचायत) के स्थानान्तरण पर पाबंदी रहेगी। निर्वाचन कार्य से जुडे अन्य क्षेत्रीय पदाधिकारियों–कर्मचारियों के स्थानान्तरण पर भी रोक रहेगी। निर्वाचन कार्य में प्रतिनियुक्त किये जाने योग्य पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों (शिक्षक सहित) आदि के पदस्थापन–स्थानान्तरण पर रोक रहेगी। मेडिकल‚ पारा मेडिकल तथा आपातकालीन सेवाओं से जुडे पदाधिकारियों एवं कर्मचारियोंके पदस्थापन–स्थानान्तरण को इस आदेश से मुक्त रखा गया है। यदि प्रशासनिक दृष्टि से चुनाव से जुडे पदाधिकारियों‚ कर्मचारियों का पदस्थापन एवं स्थानान्तरण आवश्यक हो तो सक्षम प्राधिकारी द्वारा इसकी पूर्वानुमति राज्य निर्वाचन आयोग से अवश्य प्राप्त कर ली जायेगी। यह पाबंदी संबंधित जिलों में जिला निर्वाचन पदाधिकारी (पंचायत) सह जिला पदाधिकारी के निर्वाचन की घोषणा प्रपत्र में किए जाने से लेकर निर्वाचन परिणाम की विधिवत घोषणा होने तक लागू रहेगी। गौरतलब है कि राज्य में त्रि स्तरीय पंचायत और ग्राम कचहरी का चुनाव २४ सितम्बर से १२ दिसम्बर के बीच ११ चरणों में कराया जायेगा। चुनाव की अधिसूचना २४ अगस्त को जारी की जायेगी। इसी के मद्ेनजर आयोग ने चुनाव कार्य से जुड़े़ हुए पदाधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले पर रोक लगा दी है।
अधिकारियों को दी निष्पक्ष चुनाव कराने की हिदायत
राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को पंचायत चुनाव निष्पक्ष कराने की हिदायत दी है। आयोग ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को चुनाव में बिल्कुल निष्पक्ष रहना चाहिए। जनता को उनकी निष्पक्षता का विश्वास होना चाहिए तथा उन्हें ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे ऐसी आशंका भी हो कि वे किसी उम्मीदवार की मदद कर रहे हैं। आयोग ने कहा कि चुनाव के दौरा के समय यदि कोई मंत्री निजी मकान पर आयोजित किसी कार्यक्रम का आमंत्रण स्वीकार कर ले तो किसी सरकारी कर्मचारी को उसमें शामिल नहीं होना चाहिए। यदि कोई निमंत्रण पत्र प्राप्त हो तो उसे विनम्रतापूर्वक अस्वीकार देना चाहिए। किसी सार्वजनिक स्थान पर चुनावी सभा के आयोजन के लिए अनुमति देते समय विभिन्न उम्मीदवारों के बीच कोई भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। यदि एक ही दिन और समय पर एक से अधिक उम्मीदवार एक ही जगह पर सभा करना चाहते हों तो उस उम्मीदवार को अनुमति दी जानी चाहिए जिसने सबसे पहले आवेदन पत्र दिया है। किसी भी उम्मीदवार को सरकारी भवन या उसके परिसर का उपयोग चुनाव–प्रचार और चुनाव बैठक के लिए करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। पंचायत निर्वाचन के क्रम में सरकार के पदधारी यह सुनिश्चित करेंगे कि वे ऐसी शिकायत के लिए अवसर न दें कि उन्होंने चुनाव अभियान के प्रयोजनार्थ अपनी पदीय स्थिति का उपयोग किया है। किसी प्राकृतिक प्रकोप या दुर्घटना को छोडकर‚ जिसमें कि प्रभावित लोगों को तत्काल राहत पहुंचाना आवश्यक हो‚ निर्वाचन की घोषणा से लेकर मतदान समाप्त होने तक की अवधि के दौरान पदाधिकारी कोकिसी मंत्री‚ सांसद‚ विधायक के क्षेत्रीय भ्रमण को चुनावी दौरा माना जायेगा और ऐसे दौरे में पंचायत के किसी कर्मचारी को उनके साथ नहीं रहना चाहिए।