काबुल में फंसे भारतीय लोगों को निकालने के लिए प्रयास लगातार जारी है। फिलहाल खबर ये है कि भारतीय वायुसेना का विमान 90 लोगों को लेकर काबुल से तजाकिस्तान पहुंच गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, भारतीय वायुसेना का C-130J ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट ने काबुल से भारतीय नागरिकों के साथ कुछ अफगान हिंदू और सिखों को लेकर उड़ान भरी। एयरक्राफ्ट ने तजाकिस्तान में रिफ्यूलिंग के लिए लैंडिंग की है। सूत्रों ने बताया कि भारत सरकार के अधिकारी भारतीय नागरिकों को रेस्क्यू करने के लिए काबुल में मौजूद हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अफगानिस्तान में करीब 450 भारतीयों के फंसे होने की संभावना है. इनकी वापसी के लिए भारत सरकार अमेरिका और अन्य दूतावास के साथ मिलकर काम कर रही है. काबुल एयरपोर्ट तक पहुंचने से लेकर विमान के दिल्ली लैंड करने में भी कई परेशानियां आ रही हैं. द हिंदू की रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि तालिबान के राजधानी पर कब्जा करने के बाद भी औपचारिक सरकार का गठन नहीं हुआ है. ऐसे में उन लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है, जिनके पास जरूरी दस्तावेज नहीं हैं.
एक अधिकारी ने कहा, ‘हमारी सबसे बड़ी परेशानी यह है कि जो लोग काबुल में हैं वे भी तालिबान के गार्ड्स की मंजूरी के बगैर घर से एयरपोर्ट के लिए नहीं निकल सकते हैं.’ उन्होंने समझाया कि भारतीय दूतावास से महज 10 किमी दूर स्थित हामिद करजई एयरपोर्ट की इंचार्ज अमेरिकी सेना है. वे भी एयरपोर्ट के बाहर मदद नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में स्थानीय गार्ड्स से हर चेकपॉइंट पर सामना करना जरूरी हो गया है.
अफगानिस्तान में आतंकवाद निरोधी मिशन पर अमेरिका की पैनी नजर बनी रहेगी: बाइडन
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका अफगानिस्तान में आतंकवाद निरोधी अभियान पर पैनी नजर बनाकर रखेगा। उन्होंने तालिबान को चेतावनी दी कि काबुल हवाईअड्डे पर उसके अभियानों में कोई गड़बड़ी की गई या अमेरिकी बलों पर हमला हुआ तो उसे इसका कड़ा जवाब दिया जाएगा।
व्हाइट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन में बाइडन ने कहा, “हमने तालिबान के समक्ष यह स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी हमला, हमारे बलों पर हमला, हवाईअड्डे पर हमारे अभियानों में गड़बड़ी का तेजी से एवं शक्तिशाली तरीके से जवाब दिया जाएगा।”
उन्होंने कहा, “हवाईअड्डे और उसके इर्दगिर्द किसी भी संभावित आतंकवादी हमले, अफगानिस्तान में आईएसआईएस से संबंधित संगठनों से खतरे पर हम करीब से नजर रख रहे हैं। जैसा कि मैंने कहा, हम हमारे आतंकवाद निरोधी मिशन पर पैनी नजर बनाकर रखेंगे, हमारे सहयोगियों और साझेदारों और उन सभी के साथ मिलकर काम करेंगे जिनकी क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने में दिलचस्पी है।”