राज्य में बेहतर निर्माण एवं गुणवत्ता से परिपूर्ण सडकों के लिए राज्य में बिहार रोड रिसर्च इंस्टीच्यूट का भवन मोकामा में बनाया जाना प्रस्तावित है। इस संस्थान की स्थापना के पीछे का उद्ेश्य बिहार के अभियंताओं को बेहतर प्रशिक्षण देना है। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के भवन कॉम्पलेक्स का निर्माण किया जाना है। एशियन डेवलपमेंट के वित्तीय पोषण से इस संस्थान का निर्माण मोकामा में किया जाना है।
पथ निर्माण विभाग के मुताबिक इस संस्थान में बिहार एवं निकटवर्ती राज्यों के अभियंता प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे। इसे राष्ट्रीय स्तर पर सेन्ट्रल रोड रिसर्च इंस्टीच्यूट की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। भारत में राज्य स्तर पर इस तरह का यह पहला संस्थान होगा। इस संस्थान में आवासीय प्रशिक्षण की व्यवस्था होगी तथा बिहार एवं भारत के वरिष्ठ एक्सपर्ट द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। सडक निर्माण के क्षेत्र में आधुनिक तकनीक‚ बेस्ट प्रैक्टिस‚ कान्ट्रेक्टिंग सिस्टम सडक एवं पुलों की डिजाइन इत्यादि पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस संस्थान में पथों के विकास के लिए शोध एवं विकास संबंधी कार्य किये जाएगें। यह संस्थान पथों के निर्माण से संबंधित अन्य संबंधित विभागों को भी प्रशिक्षण एवं नवीन तकनीक से अवगत कराएगा। इसके अतिरिक्त संवेदक के सुपरवाईजर स्तर के कर्मियों के स्किल डेवलपमेंट का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने बताया कि वर्तमान में जब बिहार में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पथ विकास का कार्य प्राथमिकता के तौर पर किया जा रहा है‚ वैसी स्थिति में यह आवश्यक है कि पथों एवं पुलों के निर्माण में आधुनिक तकनीक का समावेश हो तथा लागत में भी कमी आये। बिहार रोड रिसर्च इंस्टीच्यूट के स्थापना से पथ निर्माण से जुडे अभियंताओं को नई तकनीक की जानकारी सुलभ तौर पर मिल पायेगी। विशेष जानकारी देते हुए बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने बताया कि इसकी स्थापना एवं इसमें प्रशिक्षण का मॉड़़¬ूल सेन्ट्रल रोड रिसर्च इंस्टीच्यूट द्वारा तैयार किया जाएगा तथा इस संस्थान के विकास एवं निर्माण के लिए मेंटर के रूप में कार्य करेगा। बिहार रोड रिसर्च इंस्टीच्घ्यूट के प्रशिक्षण मॉडयूल सेन्ट्रल रोड रिसर्च इंस्टीच्यूट के मदद से बनाया जाएगा‚ जो राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय मानकों के आधार पर होगा तथा इस प्रक्षेत्र में किये गये उत्ष्ट कार्यों के विषय में भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सेन्ट्रल रोड रिसर्च इंस्टीच्यूट के वैज्ञानिकों और तकनीकी दल राज्य के अभियंताओं को प्रशिक्षण देंगे। पथ निर्माण से जुडे वरिष्ठ अभियंताओं एवं क्षेत्रीय स्तर के वैज्ञानिकों को भी भविष्य में प्रशिक्षित कर प्रशिक्षण देने को तैयार किया जाएगा ताकि अभियंताओं को अद्यतन तकनीक से बनी सडकों‚ पुलों तथा उनके रखरखाव के मानकों से अवगत कराया जा सके। अद्यतन तकनीकी‚ ज्ञान‚ नवाचार प्रावैधिकी एवं संविदा प्रबंधन से विभाग में कार्यरत सभी अभियंताओं को अवगत कराने के लिए वृहद प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाये जाने की योजना है। साथ ही इन तकनीकी ज्ञान के आधार पर राज्य के पथों के निर्माण स्थानीय स्तर पर उपलब्ध संसाधनों‚ सामग्री को पर्यावरण हित में ध्यान रखते हुए शोध के लिए समुचित उपयोग किया जा सके। बिहार रोड रिसर्च इंस्टीच्यूट को विभाग द्वारा मोकामा स्थित स्थल पर बनाने के लिए संस्थान की परिकल्पना‚ भवन स्वरूप‚ संस्थान में अधिष्ठापन होने वाले यंत्र/संयत्र की प्रति एवं संख्या‚ प्रशिक्षण एवं शोध के लिए आवश्यक संरचना की आवयकता की गणना के लिए परामर्शी का चयन करने एवं परामर्शी द्वारा समर्पित डीपीआर को स्वीकृति के लिए विभाग को समर्पित करने तथा निर्माण के लिए बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड‚ पटना को प्राधिकृत किया गया है।
हमारे पास दंगाइयों का इलाज है उनको घुटने के बल चलने पर मजबूर कर देंगे….
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि हमारे पास दंगाइयों का इलाज है. हम उनको घुटने के बल चलने...