भारतीय जनता पार्टी ने बिहार भाजपा के महासचिव का प्रभार भीखूभाई दलसानिया को सौंप दिया है. दलसानिया को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद सहयोगियों के रूप में जाना जाता है. दरअसल भीखूभाई ने पार्टी के महासचिव के रूप में गुजरात में लगभग दो दशक तक सेवा की थी इस कारण भी पीएम मोदी से उनके प्रगाढ़ संबंध हैं. बता दें कि भीखूभाई दलसानिया आमतौर पर सुर्खियों में नहीं रहना चाहते हैं. वह पार्टी के सबसे पुराने आरएसएस सदस्य हैं और एक अच्छे नीति निर्माता माने जाते हैं. जानकारों की राय है कि भीखूभाई दलसानिया को बिहार बीजेपी के महासचिव पद की जिम्मेदारी मिलने से बिहार बीजेपी को बड़ा फायदा मिलेगा.
भाजपा के आधिकारिक सूत्र कहते हैं कि पार्टी संगठनकर्ता के रूप में भीखूभाई के लंबे कार्यकाल का अनुभव रहने के कारण पार्टी ने बिहार में पंचायत चुनाव से ठीक पहले सोच समझकर उन्हें ये जिम्मेदारी दी है. दरअसल भीखूभाई राजनीति के कुशल रणनीतिकार माने जाते हैं. भीखूभाई की इन खूबियों का गुजरात बीजेपी को काफी फायदा मिला. पार्टी अनुशासित रही, और लगातार शानदार प्रदर्शन करती रही. भीखूभाई की इन खूबियों का फायदा बिहार बीजेपी को मिलेगा. बिहार में पार्टी मजबूत होगी और आने वाले चुनावों में एनडीए का प्रदर्शन और भी शानदार होने की उम्मीद की जा सकती है.
भीखू भाई का सियासी सफर–
-भीखूभाई गुजरात के सौराष्ट्र इलाके के जामनगर में पाटीदार समुदाय में पैदा हुए
-RSS की विचारधारा मानने वाले भीखुभाई ने 1997 में बीजेपी जॉइन किया
-कार्यकर्ता से लेकर गुजरात के संगठन महामंत्री जैसे अहम पदों को संभाला
-भीखूभाई दलसानिया 2005 से 2021 तक गुजरात बीजेपी के महासचिव रहे
-2014 के लोकसभा, 2017 के विधानसभा चुनाव में बड़ी भूमिका निभाई
-भीखूभाई आरएसएस और बीजेपी के बीच कड़ी की भूमिका निभाते हैं
-पार्टी संगठन में बड़ी जिम्मेदारी निभाने के बावजूद कोई चुनाव नहीं लड़ा
दरअसल भारतीय जनता पार्टी बिहार में पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करना चाहती है. पार्टी नेतृत्व जानता है कि गुजरात से ज्यादा बिहार में चुनौतियां हैं. इनके नेताओं का मानना है कि गुजरात में एक मजबूत कैडर है और अगले संसदीय और विधानसभा चुनावों के लिए बिहार में भी इसी तरह के कैडर की आवश्यकता है. जाहिर है सादगी पसंद और ताम झाम से दूर रहने वाले भीखूभाई संगठन के कार्य में अधिक समय दे पाएंगे ऐसे में बिहार भाजपा को इसका लाभ मिलना तय है.
नागेंद्र नवंबर 2011 में बिहार के संगठन महामंत्री बनाए गए थे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इन दोनों की नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू करने का निर्देश दिया है। भीखुभाई 1997 से ही भाजपा से जुड़े हुए हैं। जामनगर के रहने वाले हैं।
वे एक समय गुजरात के मुख्यमंत्री के प्रबल दावेदारों में से एक थे। पाटीदार (पटेल) समाज से आने वाले भीखुभाई संगठनकर्ता के तौर पर बेहद सधे हुए माने जाते हैं। भाजपा के आला नेताओं के बेहद करीबी होने के साथ ही संघ के प्रिय हैं।