मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि राज्य में बाढ पीडि़त परिवारों को सभी प्रकार की मदद मुहैया कराई जा रही है। नीतीश ने आज कटिहार और पूर्णिया जिले के बाढ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वह जमीन पर जाकर भी प्रभावित लोगों के लिए चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्य का जायजा ले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण कटिहार का क्षेत्र भी प्रभावित हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष २०१६ में भी गंगा का जलस्तर बढ़ने से काफी क्षेत्र प्रभावित हुए थे। इस बार जलस्तर वर्ष २०१६ से थोड़ा कम है‚ लेकिन क्षेत्र कम प्रभावित नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि वर्ष २०१६ में भी वह यहां आये थे। कटिहार में लोगों को भोजन देने के साथ–साथ उनके अलग से रहने की व्यवस्था की जा रही है। सभी लोगों को हर प्रकार से राहत देना है। प्रभावित परिवारों को सभी प्रकार से मदद दी जा रही है। नीतीश ने कहा कि बाढ प्रभावितों को छह हजार रुपए प्रति परिवार दिये जाते हैं। साथ ही खेती में भी जो नुकसान हुआ है‚ उसका भी आकलन कर उनकी मदद की जाती है। अभी सभी लोगों को सुरक्षित रखने के साथ–साथ उनकी मदद की जा रही है। लोगों की कोरोना जांच एवं टीकाकरण कराने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी राहत शिविरों में यह काम किया जा रहा है। यदि महिला गर्भवती है तो उसका भी ख्याल रखा जाता है। मुख्यमंत्री ने इससे पूर्व कटिहार जिले के बरारी प्रखंड स्थित भगवती मंदिर महाविद्यालय (बीएम कॉलेज) लक्ष्मी और पूर्णिया जिले के रूपौली प्रखंड स्थित बुनियादी उच्च विद्यालय‚ सपहा में बाढ़ राहत शिविर का निरीक्षण में बाढ़ राहत शिविर का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने बाढ़ राहत शिविर में बाढ़ राहत चिकित्सा शिविर‚ बाढ़ प्रभावित गर्भवती महिलाओं का आश्रय स्थल‚ आंगनबाड़ी केंद्र में प्रभावित परिवारों के बच्चों को पढ़ने की सुविधा‚ कोरोना जांच‚ टीकाकरण की व्यवस्था‚ निःशुल्क दवा वितरण केंद्र‚ पशु आश्रय स्थल एवं सामुदायिक रसोई के प्रबंधन का जायजा लिया। उन्होंने बाढ़ राहत शिविर में रह रहे लोगों से सामुदायिक रसोई में मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता के संबंध में पूरी जानकारी ली। नीतीश ने निरीक्षण के क्रम में जिलाधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि बाढ़ राहत शिविर में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की कोरोना जांच करायें।
कोरोना संक्रमित पाए जाने वाले व्यक्तियों को आइसोलेशन में रखा जाए। उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत शिविर में रह रहे लोगों को कोई कठिनाई न हो‚ इसका विषेष ध्यान रखें। मुख्यमंत्री ने कटिहार और पूर्णिया जिले के हवाई सर्वेक्षण के बाद पटना पहुंचने पर पत्रकारों से बातचीत में राहत पैकेज के संबंध में पूछे गये सवाल के जवाब में कहा कि अभी तो बाढ़ प्रभावित लोगों को रहने की व्यवस्था करने के साथ–साथ उनकी मदद की जा रही है। फसल की जो क्षति हुई है या खेती में जो नुकसान हुआ है‚ उसके लिये भी काम करना है। नीतीश ने बाढ़ से हुई क्षति को लेकर केंद्र से की जाने वाली मांग पर कहा कि हमलोग तो अपनी तरफ से मांग करते ही हैं। वर्ष २००७ से ही हमलोगों ने सारी नीति बना दी है‚ उसको और बेहतर करते हुए हर किसी की सहायता करते हैं। मवेशियों के लिए भी हमलोग व्यवस्था कर रहे हैं। उनके रहने का भी इंतजाम किया गया है‚ चारे की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने पंचायत चुनाव की घोषणा पर कहा कि पंचायत चुनाव के बारे में निर्णय हो गया है। केंद्र सरकार की तरफ से जातीय जनगणना को लेकर पत्र का जवाब मिलने के संबंध में उन्होंने कहा कि इसके संबंध में खबर मिल जायेगी।
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