इंडियन एयरफोर्स C-17 ट्रांसपोर्ट्स के दो विमानों ने 15 अगस्त को भारतीय दूतावास के कर्मचारियों , इनमें दूतावास की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहे भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के जवान भी थे, को निकालने के लिए काबुल की उड़ान भरी. किन मुश्किल और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में दूतावास के स्टाफ को सुरक्षित निकालने के काम को अंजाम दिया गया, इसका विवरण मंगलवार को सामने आया है. 15 अगस्त औैर 16 अगस्त की दरमियान रात में अफगानिस्तान में हालात काफी से बिगड़ गई थी और ‘निकासी’ संभव नजर नहीं आ रही थी. भारतीय दूतावास पर भी तालिबान की निगरानी थी और अति सुरक्षा वाले ग्रीन जोन का उल्लंघन किया गया.
#WATCH | Indian Air Force C-17 aircraft that took off from Kabul, Afghanistan with Indian officials, lands in Jamnagar, Gujarat. pic.twitter.com/1w3HFYef6b
— ANI (@ANI) August 17, 2021
तालिबानी आतंकियों ने साहिर वीजा एजेंसी पर छापा मारा जो भारत की यात्रा करने के इच्छुक अफगानियों के लिए वीजा की प्रक्रिया को ‘देखती’ है. इंडियन एयरफोर्स के पहले विमान से कल जिन 45 भारतीय कर्मचारियों के पहले बैच को निकाला गया, उन्हें शुरुआत में तालिबान के लोगों ने एयरपोर्ट के रास्ते पर रोक दिया. सूत्र बताते हैं कि तालिबान के आतंकियों ने एयरपोर्ट बढ़ रहे भारतीय स्टाफ के कुछ सदस्यों का सामान भी छीन लिया.
अफगानिस्तान में बेहद चुनौतीपूर्ण और अराजकता से भरी स्थिति के बीच भारत के पहले एयरक्राफ्ट ने काबुल से सोमवार को उड़ान भरी.इस दौरान देश से बाहर निकलने की उम्मीद में बड़ी संख्या में अफगान लोग एयरपोर्ट पर पहुंच गए थे. भारतीय दूतावास और सुरक्षा दल के शेष सदस्यों की ‘निकासी’ सोमवार को एयरपोर्ट का रूट बंद होने और लोगों की भीड़ एयरपोर्ट पर जमा होने से संभव नहीं हो सकी. संभव है कि भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकेन के बीच रात में हुई बातचीत से शायद भारतीय कर्मियों को आज सुबह काबुल एयरपोर्ट पर ले जाने में मदद मिली हो. भारतीय दूतावास के सभी 120 से अधिक सदस्य, जिसमें राजदूत रुद्रेंद्र टंडन, इंडियन एयरफोर्स की दूसरे C-17 विमान में सवार हुए और आज सुबह सुरक्षित रूप से अफगान हवाई क्षेत्र से निकले. ये सुबह 10 बजे के आसपास दिल्ली पहुंचे.
अफगानिस्तान के लगातार बिगड़ रहे हालातों के बीच कुछ भारतीय नागरिक अभी भी फंसे हुए हैं जो भारत लौटना चाहते हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अफगानिस्तान में अभी भी कुछ भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं जो अपने देश वापस लौटना चाहते हैं और सरकार उनके साथ संपर्क में है। विदेश मंत्रालय की तरफ से यह भी कहा गया है कि पिछले कुछ दिनों से अफगानिस्तान में हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं और अब स्थिति हर पल बिगड़ती जा रही है।
‘अफगानिस्तान में सिख और हिंदु समुदाय के लोगों के साथ लगातार संपर्क में हैं’
विदेश मंत्रालय की तरफ से यह भी बताया गया है कि भारत सरकार अफगानिस्तान में सिख और हिंदु समुदाय के लोगों के साथ लगातार संपर्क में है और इन समुदाय के जो लोग अफगानिस्तान को छोड़ना चाहते हैं उनकी सुरक्षित वापसी के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अफगानिस्तान की स्थिति सरकार नजर बनाए हुए हैं और सरकार अफगानिस्तान में भारतीय नागरिकों और अपने हितों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगी।
भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए सरकार सभी कदम उठाएगी
विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा कि अफगानिस्तान में सभी घटनाक्रमों पर करीब से नजर रख रही है। पिछले कुछ दिनों में काबुल में सुरक्षा स्थिति काफी खराब हो गई है; यह तेजी से बदल रही है। हम जानते हैं कि अफगानिस्तान में कुछ भारतीय नागरिक हैं, जो वापस लौटना चाहते हैं और हम उनके संपर्क में हैं। हम अफगान सिख, हिंदू समुदायों के प्रतिनिधियों के संपर्क में हैं; उन लोगों को मदद उपलब्ध कराई जायेगी, जो अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं। काबुल हवाई अड्डे से उड़ानों का वाणिज्यिक संचालन स्थगित, प्रक्रिया को फिर से शुरू करने के लिए उड़ानों के फिर से शुरू होने का इंतजार है। अफगानिस्तान में भारतीय नागरिकों और हमारे हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार सभी कदम उठाएगी।
अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर विदेश राज्यमंत्री लेखी ने कहा: भारत पूरी दुनिया में शांति चाहता है
विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षा लेखी ने पड़ोसी देश अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर सोमवार को कहा कि भारत पूरी दुनिया में शांति चाहता है। यहां अपने निर्वाचन क्षेत्र में ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ में शिरकत करने के बाद वह मीडियाकर्मियों को संबोधित कर रही थीं। अफगानिस्तान की स्थिति पर पूछे गये एक सवाल के जवाब में नयी दिल्ली से सांसद लेखी ने कहा, ‘भारत पूरी दुनिया में शांति चाहता है।’
राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश से चले जाने के बाद रविवार को राजधानी काबुल पर तालिबान का कब्जा हो गया और इसी के साथ दो दशक के उस अभियान का आश्चर्यजनक अंत हो गया जिसमें अमेरिका और उसके सहयोगियों ने देश को बदलने की कोशिश की थी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई के प्रदेश कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘जनता-जर्नादन सर्वोच्च है और मैंने लोगों के प्रति आभार प्रकट किया एवं उनका आशीर्वाद मांगा। ईमानदारी एवं समर्पण से उनके लिए काम करना ही बतौर मंत्री हमारा लक्ष्य है।’
लेखी ने यह भी कहा कि यह पहली बार है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में कई महिलाओं को जिम्मेदारी दी गयी हैं जिसके लिए वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देती हैं। उन्होंने दुनिया में कोविड के टीके विकसित होने के महीने भर के अंदर देश में उनकी उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा इस महामारी के दौरान मुफ्त खाद्यान्न वितरण के जरिए गरीबों की मदद करने में प्रधानमंत्री के ‘दृरदृष्टिपूर्ण नेतृत्व’ को लेकर उनकी प्रशंसा की।