बिहार में इथेनॉल उद्योगों की तेजी से स्थापना सुनिश्चित करने की राह में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए सूबे के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने शुक्रवार को दिल्ली में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी से मुलाकात की। श्री हुसैन ने केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री से मुलाकात में आग्रह किया कि मंत्रालय के निर्देशन में बिहार में उत्पादित इथेनॉल की १०० फीसद बायबैक की गारंटी के लिए तेल विपणन कंपनियों – बैंक और इथेनॉल इकाई के बीच त्रिपक्षीय करार सुनिश्चित कराएं ताकि बिहार में इथेनॉल उद्योगों की स्थापना के लिए इच्छुक इकाइयों को यथाशीघ्र बैंक ऋण उपलब्ध हो। मुलाकात में श्री हुसैन ने जानकारी दी कि बेहद कम समय में बिहार में इथेनॉल उत्पादन के लिए ३०‚३८२.१५ करोड के निवेश प्रस्ताव आए हैं जिन पर उद्योग विभाग की तरफ से त्वरित कार्रवाई करते हुए निवेशकों को प्रस्ताव की स्वीकृति का प्रमाणपत्र भी दे दिया गया है। लेकिन त्रिपक्षीय करार के अभाव में ऋण उपलब्ध कराने में बैंक द्वारा उदासीनता बरती जा रही है। सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि अगर तेल विपणन कंपनी बैंक और इथेनॉल उत्पादन इकाई के बीच ७ साल के लिए १०० फीसद बाय बैक का त्रिपक्षीय करार केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय के सहयोग से सुनिश्चित होता है तो बिहार में इथेनॉल उद्योग की स्थापना तेजी से हो सकेगी। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी से श्री हुसैन की बहुत अच्छी और सार्थक मुलाकात हुई। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि इथेनॉल उद्योगों की स्थापना की दिशा में बिहार ने शानदार काम किया है। बेहद कम समय में बिहार में इथेनॉल उद्योगों के लिए आए निवेश प्रस्ताव जाहिर करता है कि बिहार इथेनॉल उत्पादन के लिए उपयुक्त डेस्टिनेशन है और यहां इस उद्योग को बढावा देने के लिए जितनी भी मदद की दरकार होगी‚ पेट्रोलियम मंत्रालय उसके लिए तैयार है। बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री से इथेनॉल खरीद का कोटा भी बिहार को अधिक से अधिक देने की मांग की है। सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि इथेनॉल उत्पादन के लिए जरूरी कच्चे माल की उपलब्धता अन्य पडोसी राज्यों की तुलना में बिहार में काफी ज्यादा है इसलिए अगर बिहार को ज्यादा से ज्यादा इथेनॉल खरीद का कोटा मिलेगा तो मोदी सरकार के बयोफ्यूल मिशन को बढावा देने के लक्ष्य को भी हासिल करने में आसानी होगी और बिहार को भी लाभ होगा। आपको बता दें राष्ट्रीय बयोफ्यूल्स नीति २०१८ के तहत केंद्र सरकार ने २०३० तक पेट्रोल में २० फीसद तक इथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य रखा था जिसे घटाकर पहले २०२५ और फिर २०२३ कर दिया है। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए देश के कई राज्यों में केंद्र सरकार की तरफ से इथेनॉल या अन्य बायोफ्यूल को बढावा के लिए पूरी मदद की पेशकश की गई है। बिहार देश का पहला ऐसा राज्य है जो राज्य में इथेनॉल उद्योगों को बढावा देने के लिए इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति लेकर आया। ३० जून २०२१ को इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति के तहत आवेदन की अवधि खत्म होने तक कुल ३०‚३८२.१५ करोड के निवेश प्रस्ताव सिर्फ इथेनॉल उद्योग लगाने के लिए आए। श्री हुसैन ने कहा है कि उद्योग विभाग इथेनॉल इकाइयों की स्थापना की राह में आने वाली हर दिक्कतों को तत्काल दूर करने के लिए तत्पर है और उनकी पूरी कोशिश है कि बिहार में जल्द से जल्द और ज्यादा से ज्यादा उद्योग लग सकें।
क्या इस हफ्ते भी जारी रहेगा गिरावट का दौर या आएगी रिकवरी !
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के ब्याज दर पर निर्णय, पश्चिम एशिया के संघर्ष और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की गतिविधियों से...