माइक्रो ब्लागिंग प्लेटफार्म ट्विटर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बाद उनकी पार्टी कांग्रेस का खाता भी ब्लॉक कर दिया। पार्टी के २३ बड़े़ नेताओं सहित ५००० कार्यकर्ताओं के अकाउंट पर भी कार्रवाई की गईर् है। ट्विटर के अनुसार नियमों के उल्लंघन के बाद ऐसा किया गया है। राहुल गांधी ने दिल्ली में एक नौ वर्षाय बालिका की बलात्कार और हत्या के बाद उसके परिजनों से सांत्वना मुलाकात की तस्वीर बिना उनकी पहचान छिपाए पोस्ट कर दी थी। उनकी पोस्ट को पार्टी के तमाम नेताओं ने रीट्वीट किया था। ट्विटर की कार्रवाई के बाद राहुल गांधी सहित पूरी कांग्रेस ट्विटर के खिलाफ खड़़ी हो गई है। कांग्रेस का कहना है कि ट्विटर सरकार के दबाव मे आकर कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। ट्विटर भारत में भाजपा सरकार द्वारा लोकतंत्र का गला घोटने में उसका साथ दे रहा है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के अनुसार असली मुद्ा नौ साल की बच्ची से बलात्कार और उसके जबरन अंतिम संस्कार का है और यह भी है कि दिल्ली पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने से १५ घंटे तक इनकार किया। ट्विटर ने साफ किया है कि यदि कोई ट्वीट उसके नियमों का उल्लंघन करता पाया जाता है और अकाउंट होल्ड़र की तरफ से उसे डि़लीट नहीं किया जाता तो माइक्रोब्लागिंग प्लेटफार्म एक नोटिस देने के बाद ट्वीट को छिपा देता है और अकाउंट तब तक ब्लॉक कर दिया जाता है जब तक कि वास्तविक अकाउंट होल्ड़र संबंधित ट्वीट नहीं हटा देता या अपील की प्रक्रिया सफलतापूर्वक अंंजाम तक नहीं पहुंचती। इस सारे घटनाक्रम से ऐसा लगता है कि भारत में ट्विटर को कुछ ज्यादा ही भाव दिया जा रहा है और वह अपने नियमों से चीजों को संचालित करना चाहता है। पूर्व आईटी तथा विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद का अकाउंट बंद करना और भारत सरकार के नए सोशल मीडि़या नियमों को मानने से पहले जोरदार नानु्कुर करना इसी का उदाहरण है। ट्विटर भारत में व्यवसाय करने आई एक कंपनी मात्र है। देश के नेताओं की इस पर बढ़ती जा रही निर्भरता उसकी गलतफहमी बढ़øा रही है। देेखा जाए तो ट्विटर के जरिए अपनी राजनीति चमकाने के चक्कर में हमारे नेता चाहे वे सत्ता पक्ष के हों या विपक्ष के अपना सही काम भूलते जा रहे हैं जबकि दो तिहाई भारतीय तो आज तक यह जानते ही नहीं कि ट्विटर किस चिडि़़या का नाम है।