जनता दल यूनाइटेड में गुटबाजी की चर्चाओं के मुखर होने पर पार्टी के दिग्गजों को सामने आकर यह कहने की नौबत आ रही है कि इस तरह की कोई बात नहीं। हालांकि, अब पटना में दिख रही पोस्टरों की बड़ी शृंखला पार्टी के भीतर एक नए ट्रेंड की गवाही दे रही है। आपस में ही शक्ति प्रदर्शन को लेकर स्पर्धा स्वभाविक रूप से नजर आ रही है। जेडीयू नेतृत्व भले ही इनकार करे, लेकिन पार्टी में वर्तमान अध्यक्ष ललन सिंह एवं पूर्व अध्यक्ष व केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री आरसीपी सिंह के बीच वर्चस्व की जंग की चर्चा पर विराम नहीं लग रहा है।
जेडीयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद छह अगस्त को ललन सिंह पहली बार पटना पहुंचे थे। उनके स्वागत में जिस तरह से शहर में पोस्टर लगे और हवाई अड्डे से लेकर पार्टी के प्रदेश कार्यालय तक भीड़ उमड़ी उसने एक बड़ी लकीर खींची। अब पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह 16 अगस्त को पटना आ रहे हैं। उनके स्वागत को ले भी पार्टी के कुछ लोग बड़े स्तर पर तैयारी कर रहे।
आरसीपी सिंह के स्वागत में जगह-जगह लगाए गए पोस्टर
आरसीपी सिंह के स्वागत में बने बड़े फ्लेक्स को पिछले दिनों पार्टी दफ्तर के बाहर लगाया गया था। उसमें ललन सिंह की तस्वीर व नाम नजर नहीं आने के बाद थोड़ी तल्खी आई, लेकिन फ्लेक्स लगाने वाले व्यक्ति के माफी मांगने के बाद मामला शांत हो गया। वह शांति शायद तात्कालिक थी। अब फिर से बड़ी संख्या में नए पोस्टर व फ्लेक्स पटना के कई हिस्सों में दिख रहे हैं। पटना के पुनाईचक मोड़ पर फ्लेक्स की बड़ी शृंखला दिखाई दे रही है। बेली रोड में स्ट्रीट लाइट के पोल के ऊपर दो-दो छोटे होर्डिंग्स लगाए गए हैं। आर ब्लाक और आयकर गोलंबर से पार्टी दफ्तर तक पोस्टर दिख रहे हैं। स्पष्ट है कि अभी से यह बताया जा रहा है कि 16 अगस्त के लिए क्या तैयारी है।
16 अगस्त को पटना में होगा आरसीपी सिंह का स्वागत
वैसे आरसीपी सिंह ने तकनीकी तौर पर अपने समर्थकों को यह संदेश भिजवाया है कि पार्टी दफ्तर में उनके कार्यक्रम को स्वागत समारोह नहीं कहा जाए। समारोह का आधार यह रहे कि वे पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से मिलने आ रहे हैं। तय कार्यक्रम के अनुसार पार्टी दफ्तर में उनका संबोधन भी होगा। कार्यक्रम की तैयारी में लगे जेडीयू के लोगों का कहना है कि 16 अगस्त को दोपहर 12 बजे के करीब आरसीपी पहुंचेंगे। समर्थकों का बड़ा जत्था उनका स्वागत करेगा और काफिले की शक्ल में वे पार्टी दफ्तर पहुंचेंगे। अगले दिन वे अपने गांव जाएंगे।