मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वैश्विक महामारी कोरोना की संभावित तीसरी लहर से लोगों को सचेत एवं जागरूक रहने की सलाह दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तैयार है। राज्य के अस्पतालों में दवाओं की कमी नहीं है। बावजूद इसके उन्होंने लोगों को सचेत किया कि बिना जरूरत कहीं बाहर नहीं निकलें।
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को अधिवेशन भवन में स्वास्थ्य विभाग की २‚७०५.३५ करोड़ रुपए की ९८९ परियोजनाओं का रिमोट के माध्यम से शिलान्यास‚ कार्यारम्भ‚ उद्घाटन एवं लोकार्पण किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जतायी जा रही है। इसे देखते हुए सभी लोग सचेत और जागरुक रहें। सभी लोग टीकाकरण कराएं‚ कोई भी छूटे नहीं। लोग मास्क जरूर पहनें‚ आपस में दूरी बनाकर रहें और हाथ को साफ–सुथरा रखें। बिना जरुरत कहीं बाहर नहीं निकलें।
मुख्यमंत्री ने कहा‚ ‘कोरोना के पहले दौर से ही कोरोना से मृत लोगों के परिजनों को चार लाख रुûपये देने का प्रावधान किया गया है। हम ज्यादा प्रचार–प्रसार नहीं करते हैं‚ हम काम में भरोसा रखते हैं। कल भी एक व्यक्ति आये उनकी पत्नी का दिल्ली में कोरोना से निधन हो गया था। उन्होंने बताया कि उन्हें मुआवजा नहीं मिला है। हमने कहा कि बिहार के रहने वालों की अगर बिहार के बाहर भी कोरोना से मृत्यु होती है तो उन्हें भी चार लाख रुपये का मुआवजा दिया जायेगा।’ सीएम ने कहा कि १८ से ४५ आयु वर्ग के लोगों के लिए टीके की व्यवस्था राज्यों को करनी थी‚ इसके लिए सरकार ने १५० करोड़ रुûपये से भी ज्यादा खर्च कर इस काम को शुरू किया। बाद में केंद्र सरकार के द्वारा सभी आयु वर्ग के लिए मुफ्त टीके की व्यवस्था की गई‚ इसके लिए प्रधानमंत्री को विशेष तौर पर बधाई देते हैं। अभी १२ वर्ष से १८ आयु वर्ग के बच्चों के टीके की बात चल रही है यदि उस पर भी निर्णय हुआ‚ तो राज्य सरकार इस दिशा में काम करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वैक्सीनेशन का कार्य भी राज्य बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। सरकार ने लIय रखा है कि ६ महीने में ६ करोड़ लोगों का टीकाकरण करवायेंगे‚ जो इस वर्ष के अंत तक हो जाएगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के साथ समीक्षा कर एक–एक चीज की जानकारी ली जाती है। कोरोना की गांव–शहर‚ हर जगह जांच की जा रही है। सरकार की इच्छा है कि दो लाख से भी ज्यादा जांच प्रतिदिन हो।