बिहार के कई इलाकों में बाढ़ से हालात बेकाबू होने को है. गंगा और कोसी सहित सात नदियाें का जल स्तर लाल निशान पार कर रहा है. बागमती, बूढ़ी गंडक, गंडक, पुनपुन और अधवारा समूह की नदियों में उफान है. इन सभी नदियों के जल स्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. पटना के कई क्षेत्रों में गंगा का पानी प्रवेश कर गया है. इसी वजह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने गुरुवार को नालंदा, गया और पटना जिला के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण (Aerial Survey of Flood Affected Areas) किया. इस दौरान उनके साथ जल संसाधन मंत्री संजय झा भी मौजूद थे. बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों से वापस पटना लौटने के बाद सीएम नीतीश ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि आने वाले समय में बाढ़ के हालात और भी गंभीर हो सकते हैं इसलिए अधिकारियों को उचित कदम उठाने का दे निर्देश दिया गया है.
सीएम नीतीश ने बाढ़ ग्रस्त इलाक़ों का हवाई निरीक्षण करने के बाद कहा कि हमने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि बाढ़ के हालात पर पूरी नजर रखी जाए. कई इलाक़ों में बाढ़ की स्थिति गंभीर है. राहत व बचाव के मद्देनजर पटना और नालंदा के DM को निर्देश दे दिया गाय है. सभी हालात पर नजर बना कर रखें और जो भी बाढ़ प्रभावित है उनकी पूरी मदद की जाए. सीएम नीतीश ने बताया कि पटना में गंगा का जल स्तर में भी बढ़ा हुआ है और पटना के हालात पर भी पूरी नजर बनी हुई है.
सीएम नीतीश ने कहा कि चार जिला बाढ़ प्रभावित है. नालंदा गया पटना और जहाना बाद में बाढ़ का असर है. अगर गंगा का जल स्तर और बढ़ा तो बाढ़ का खतरा और बढ़ सकता है. इसलिए अधिकारियों को निर्देश दिया है कि हालात पर नजर बना कर रखें. अगले हफ्ते एक बार फिर हम बाढ़ ग्रस्त इलाकों का दौरा करने जाएंगे. सीएम नीतीश ने कहा कि छोटी-छोटी नदियों को जोड़ने से बाढ़ से राहत मिल सकती है. इसके लिए प्रयास किए जाएंगे, लेकिन ये बाद की बात है.
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के सर्वेक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने दक्षिण बिहार की नदियों के जलस्तर की स्थिति‚ ओवरटॉपिंग‚ नदियों के कटाव की स्थिति‚ क्षतिग्रस्त स्थलों पर बाढ से राहत–बचाव कार्य‚ सहित तमाम स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने पटना जिले के दनियांवा‚ फतुहा‚ धनरुआ प्रखंड़‚ नालंदा जिले के हिलसा‚ करायपरसुराय‚ एकंगरसराय‚ रहुई प्रखंड़‚ जहानाबाद जिले के हुलासगंज‚ मोदनगंज प्रखंड़ तथा गया जिले के बोधगया‚ टेकारी प्रखंड़ों का हवाई सर्वेक्षण किया।
हवाई सर्वेक्षण के बाद पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि इन जिलों के कई इलाके बाढ़ से बहुत ज्यादा प्रभावित हैं और अगर गंगा नदी का जलस्तर और बढ़ता है‚ तो इन इलाकों में बाढ़ का खतरा और ज्यादा बढ जायेगा। नीतीश ने कहा‚‘अगले सप्ताह हम फिर इन क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। बाढ़ को नियंत्रित करने के लिए विभाग ने कार्य शुरू कर दिया है‚ लेकिन फिर से वर्षा होने पर गंगा नदी का जलस्तर और ज्यादा बढ़ेगा‚ जिससे इन क्षेत्रों में और पानी फैल सकता है।’मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटी नदियों को जोड़़ने से काफी लाभ होगा।
बता दें कि गंगा नदी के बढ़े जलस्तर और आसपास की बरसाती नदियों में अप्रत्याशित रूप से से आये बारिश के पानी के कारण पटना (Patna Flood) इन दिनों चारों तरफ से पानी से घिर गया है. कई बरसाती नदियों पर बने बांध टूट जाने के कारण गांवो में बाढ़ आ गया है. गंगा की बात करें तो पिछले 24 घंटो में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है, जिसके कारण गंगा घाटों (Ganga Flood) से ऊपर आकर पाथवे पर बहने लगी है. पटना के भद्र घाट और कृष्णा घाट पर गंगा का पानी ऊपर बने उस पाथवे पर चढ़ गया है जहां रोज लोग टहलने के लिये जाते हैं.
गंगा घाटों पर बने पाथ वे पर घुटना भर पानी भर जाने के कारण लोग दहशत में है. पटना में दीघा घाट से लेकर दीदारगंज घाट तक गंगा खतरे के निशान से ऊपर है. पिछले दिनों गंगा का जलस्तर दीघा घाट पर 20 सेंटीमीटर बढ़ा तो गांधी घाट पर लगभग 40 सेंटीमीटर तक बढ़ गया. गंगा के लगातार बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन ने अलर्ट किया है. पुलिस बल को बांध और सुरक्षा दीवारों को लगातार मॉनिटरिंग करने का निर्देश जारी किया है. रात में भी गंगा के जलस्तर पर लगातार निगरानी रखने की बात कही है. बांधों के कटाव को रोकने के लिए बालू का इंतजाम किया गया है.