बिहार की राजधानी पटना में भी बाढ़ का बड़ा खतरा है। गंगा नदी अपने पूरे उफान पर है जिससे खतरा बढ़ता जा रहा है। गंगा का बढ़ता जल स्तर यह संकेत दे रहा है कि नदी 24 घंटे में खतरे का निशान भी पार कर सकती है। ऐसे में पटना में बाढ़ का खतरा है, पटना के नदी के आस पास इलाकों के रास्ते पानी शहर में भी आ सकता है। पूर्व में नालों के रास्ते भी पानी घुसा था और आशंका इस बार भी ऐसे ही बाढ़ के खतरे को लेकर है। गंगा के साथ सोन नदी भी पूरी उफान पर है जिससे बिहार के अन्य इलाकों में भी बाढ़ का बड़ा खतरा है।
उत्तर प्रदेश, पश्चिमी बंगाल और अन्य पड़ोसी प्रदेशों के साथ नेपाल में हो रही भारी बारिश के कारण बिहार में नदियों का जल स्तर तेजी से बढ़ा है। इस कारण गंगा और सोन नदी में उफान है। गंगा नदी में पानी पिछले दो दिनों में दो गुना से अधिक हो गया, वहीं सोन में महज 24 घंटे में 12 गुना से अधिक पानी बढ़ गया। गंगा नदी अगले 24 घंटे में पटना में खतरे के निशान को पार कर जाएगी। नदी का जलस्तर सभी स्थानों पर ऊपर बढ़ रहा है। सोन में 31 जुलाई की सुबह मात्र 28650 क्यूसेक पानी था, जो 1 अगस्त की सुबह 3.35 लाख क्यूसेक पहुंच गया। गंगा में पानी लगातार बढ़ता जा रहा है। अगले 24 घंटे में इसका जलस्तर एक से ढाई मीटर तक बढ़ने की संभावना है।
बक्सर में 30 जुलाई को 90 हजार क्यूसेक पानी था जो 1 अगस्त की रात बढ़कर 2.08 लाख क्यूसेक पर पहुंच गया। इसमें बढ़ोतरी जारी है। इधर, पटना जिले में धनरुआ प्रखंड में कररूआ, महतमाईन के बाद दरधा नदी में आए उफान से रविवार को आधा धनरुआ डूब गया। आधा दर्जन जगहों पर तटबंध टूटा व कई जगहों पर पानी ओवरफ्लो कर रहा है। इससे दर्जनों गांवों में पानी घुस गया। 2500 एकड़ में लगी घान की फसल डूब गई है। फतुहा में भुतही व महतमाईन नदियों का पानी गांवों में जा घुसा है। वहीं दनियावां में एनएच 30ए पर पानी चढ़ गया है।
बागमती, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, समस्तीपुर, गंडक, गोपालगंज, बूढ़ी गंडक समस्तीपुर, कमला मधुबनी व दरभंगा, अधवारा मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, कोसी सहरसा, खगड़िया व भागलपुर, लखनदेई मुजफ्फरपुर और परमान, पूर्णिया में फल्गू जहानाबाद में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बंगाल की खाड़ी की तरफ से पश्चिम की ओर बढ़ने वाले निम्न हवा के दबाव और बिहार, झारखंड से होते हुए पूर्वी उत्तर प्रदेश के ऊपरी हिस्से पर बने साइक्लोन सर्किल के प्रभाव से पटना सहित 19 जिलों में 3 से 11 एमएम तक बारिश होने के आसार हैं। मौसम विभाग ने तीन अगस्त तक ग्रीन अलर्ट जारी किया है।
पटना के धनरुआ प्रखंड में स्थित कररूआ व महतमाईन नदियों के जलस्तर में शनिवार को हुई बढ़ोत्तरी से अभी प्रशासन संभल भी नहीं पाया था कि रविवार को दरधा नदी भी पूरे उफान पर आ गई। रविवार की दोपहर तक दरधा नदी का पानी प्रखंड के रूपसपुर, लवाईच मठ, रमणीबिगहा, दरियापुर समेत अन्य कुछ गांव में फैल गया। लवाईच मठ के ग्रामीण, जिला परिषद सदस्य उर्मिला देवी समेत अन्य लोग अपने स्तर से नदी के तटबंध पर मिट्टी डाल पानी के बहाव को रोकने का प्रयास कर रहे थे। बाद में विभाग द्वारा वहां बोरी पहुंचाई गई। जबकि, रूपसपुर में विभाग के लोग युद्धस्तर पर लगकर पानी के बहाव को फिलहाल रोकने में सफल हो गए हैं। इधर, रविवार की दोपहर तक प्रखंड में स्थित कररूआ व महतमाईन नदियों के पानी से प्रखंड के बहरामपुर व छाती पंचायत, पभेड़ा व धनरुआ के अलावस देवधा पंचायत के दर्जनों गांव जलमग्न हो गए थे और इससे करीब 2500 एकड़ में लगी धान की फसल पूरी तरह डूब गई है।
एक साथ अचानक तीन नदियों के बढ़े जलस्तर से प्रखंड का आधा हिस्सा बाढ़ की चपेट में आ गया है। बीते एक पखवारा से जारी मूसलधार बारिश की वजह से दरधा व कररूआ के अलावा महतमाईन नदियोंके जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि हो गई है, जिससे धनरुआ प्रखंड में इन नदियों का पानी आधा दर्जन से ऊपर जगहों पर तटबंध को तोड़ ओवरफ्लो कर गया है। दरधा नदी से अलीपुर, रमणीबिगहा, लवाईच मठ, रूपसपुर में तटबंध को क्षति पहुंची है, वहीं कररूआ नदी के खगड़ी खंधा कोठिया के अलावा डुमरा व धमौल तटबंध टूट जाने से पाकड़तर, धमौल, मखदुमपुर, काशीपुर के अलावा भखरी गांव पूरी तरह जलमग्न हो गया है। कार्यपालक अभियंता संजय कुमार सिंह ने बताया कि पानी को रोकने का इंतजाम किया जा रहा है।
वही दनियावां प्रखंड के अलग-अलग हिस्सों में भागों में बहने वाली लोकाइन, महतमाइन और भुतही नदी के जल स्तर में वृद्धि के बाद दनियावां-बिहारशरीफ एनएच-30ए पर होरिल बिगहा के पास तीन से चार फुट से ज्यादा पानी चढ़ गया है. एहतियात के तौर पर स्थानीय प्रशासन ने इस मार्ग से गाड़ियों के आवागमन पर रोक लगा दी है. इस सड़क पर पानी आ जाने से वाहनों को मकसुदपुर और शाहजहांपुर होकर जाना होगा. दरधा, कररूआ व महतमाइन नदी के जल स्तर में हुई अचानक वृद्धि धनरूआ प्रखंड के 80% गांव बाढ़ से पीड़ित हो गये हैं. कुछ जगहों पर तटबंध टूट गये. सोमवार की शाम तक आधा दर्जन से अधिक टूटे तटबंधों की मरम्मत करा दी गयी थी. सीओ ऋषि कुमार ने बताया कि प्रखंड के कुछ हिस्से को छोड़ अधिकतर गांव में बाढ़ का पानी फैल गया है.
इफल्गू नदी में आई बाढ़ से बरसाती नदियां अपने उफान पर हैं। प्रखंड के कई गांव भी बरसाती नदियों में अचानक आई बाढ़ की चपेट में आ गई हैं। मासाढ़ी पंचायत के दौलतपुर गांव में तो भुतही व महतमाईन नदियाें ने अपना रौद्र रूप दिखाना भी शुरू कर दिया है। नदी का पानी गांव में जा घुसा है। इस गांव का अन्य आसपास के गांव से संपर्क बिल्कुल खत्म हो चुका है।सैकड़ों बिगहा में धान की फसल भी डूब चुकी है। फतुहा के बीडीओ धर्मवीर कुमार, पंचायत के मुखिया राजीव कुमार व जिला पार्षद सुधीर यादव दौलतपुर गांव पहुंचे तथा निरीक्षण किया। उन्होंने ग्रामीणों से हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया।
स्कूल में लेना पड़ा शरण
पटना-गया मुख्य सड़क एसएच-1 के दोनों ओर पानी का दबाब बना हुआ है। जिस तेजी से नदी के जलस्तर में वृद्धि हो रही है, उससे रात तक सड़क के ऊपर पानी चढ़ने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि उक्त सड़क का निर्माण करा रही एजेंसी अपने कई प्लांट के डूब जाने के बावजूद सड़क पर विशेष निगरानी रख रही है। कोल्हाचक मुसहरी डूबा, पचास से ऊपर घरों के लोगों ने स्कूल में शरण ली है। बांसबिगहा मार्ग से जाने वाले आधा दर्जन गांवों में पानी इस कदर फैल गया है कि लोगों का आना जाना बंद हो गया है। रविवार की शाम दरधा नदी के बढ़े जलस्तर ने नदी के सटे कोल्हाचक मुसहरी को अपनी आगोश में ले लिया। पचास घरों की इस मुसहरी के लोग आनन-फानन में भागकर पास स्थित एक स्कूल में शरण लेने पहुंचे। मसौढ़ी के पूर्व विधायक स्व धर्मेंद्र प्रसाद के पैतृक आवास कोल्हाचक में बाढ़ का पानी घुस गया है।
पुनपुन व दरधा निशान से ऊपर, गंगा व सोन भी इसके करीब
जिले में दरधा और पुनपुन नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. वहीं, सोन व गंगा नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान के काफी करीब है. दरधा नदी का पानी कोल्हाचक, सतपरसा, गुलरिया बिगहा, रूपसपुर आदि में तटबंध से ऊपर बह रहा है. कोल्हाचक मुसहरी के 40 पीड़ित परिवारों के बीच सोमवार से जिला प्रशासन ने सामुदायिक रसोई शुरू की है.
दरधा नदी के बांध पर कई जगहों पर दबाव बना हुआ है, जिसे टूटने से बचाने के लिए इंजीनियरों और कर्मियों की टीम युद्ध स्तर पर काम कर रही है. ओवरफ्लो वाली जगहों पर बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य शुरू कर दिया गया है. फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है. जिला प्रशासन के वरीय पदाधिकारी इसकी लगातार मॉनीटरिंग कर रहे हैं.
गया और जहानाबाद का पानी दरधा नदी में आता है. इन जिलों में बारिश ज्यादा होने से जल स्तर में बढ़ोतरी हुई है. फतुहा प्रखंड में दो बरसाती नदियों भुतही व महात्माइन का जल स्तर बढ़ा है. मसाढ़ी पंचायत के दौलतपुर गांव में पानी फैल चुका है. डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने संबंधित एसडीओ, सीओ व बीडीओ सहित जल संसाधन विभाग की पूरी टीम को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया है.
इन जगहों पर खतरे के निशान के पार नदियां
पुनपुन नदी पुनपुन रेल पुल के खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इस स्थान पर खतरे का निशान 51.20 मीटर है, जबकि यहां पर नदी सोमवार सुबह में 51.48 मीटर बह रही थी. 772 चेन पुनपुन में भी खतरे का निशान 51.30 है. यहां भी 51.58 मीटर के साथ बह रही है. दरधा नदी कोल्हाचक में खतरे के निशान को पार कर 55.70 मीटर और वीर में 53.16 मीटर के साथ बह रही थी.
वही उत्तर बिहार के जिलों में बीते दो दिनों से हो रही बारिश से जहां नदियों में उफान देखा जा रहा है वहीं मोहल्लों में जलजमाव हो गया है। सोमवार को बागमती, गंगा, बूढ़ी गंडक समेत सभी नदियों के जलस्तर में तेजी की स्थिति रही। समस्तीपुर जिले के मोहनपुर में गंगा खतरे के निशान 45.50 मीटर को पार कर चुकी है। गंडक बराज वाल्मीकिनगर ने सोमवार को 1,60,300 क्यूसेक पानी छोड़ा है।
समस्तीपुर जिले में जहां बूढ़ी गंडक व बागमती के जलस्तर में कमी आ रही है वहीं गंगा के जलस्तर में वृद्धि होने लगी है। मोहनपुर में गंगा खतरे के निशान 45.50 मीटर को पार कर चुकी है। हालांकि अभी किसी तरह के खतरे की आशंका नहीं है। मोहनपुर में लगभग सभी जगह बांध और बंडाल सुरक्षित हैं। इधर, रविवार देर रात से सुबह तक हुई बारिश से सरायरंजन, ताजपुर और मोरवा, कल्याणपुर प्रखंड में कई जगहों पर जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो गयी। खेत-खलिहान से लेकर लोगों के घर तक जलजमाव हो गया। सड़कों पर जलजमाव से आवागमन की समस्या उत्पन्न हो गयी है।
गंडक नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है। डुमरिया घाट में गंडक नदी का जलस्तर लाल निशान से 71 सेमी ऊपर पहुंच स्थिर बना हुआ है। गंडक का चटिया में जलस्तर में वृद्धि जारी है। लाल बेगिया सिकरहना का जलस्तर स्थिर बना है। अहिरौलिया में बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में गिरावट जारी है। गंडक बराज वाल्मीकि नगर ने सोमवार को नदी में 1,60,300 क्यूसेक पानी छोड़ा है।