राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों के जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी, पंचायत को बाढ़ की स्थिति को देखते हुए पंचायत चुनाव कराने की तैयारी करने का निर्देश दिया है। शनिवार को आयोग ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पंचायत चुनाव की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की। बैठक की अध्यक्षता राज्य निर्वाचन आयुक्त डॉ. दीपक प्रसाद ने की। आयुक्त डॉ. प्रसाद ने सभी जिलों को आरक्षण से जुड़ी त्रुटियों को एक सप्ताह में दूर करने का निर्देश दिया। बैठक करीब ढाई घंटे तक चली।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आयोग ने बैठक में विभिन्न राज्यों से जिलों में लाए गए ईवीएम में बार कोड चिपकाने और उसे स्कैन कर स्टॉक एंट्री कराने के निर्देश दिए। इस कार्य को तीन दिनों के अंदर पूरा करने को कहा गया। साथ ही अलग-अलग राज्यों से लाई गई ईवीएम को अलग-अलग रखने, उन ईवीएम पर संबंधित राज्य के नाम का स्टीकर चिपकाने का निर्देश दिया गया ताकि पंचायत चुनाव के बाद उसे लौटाने में सुविधा हो। अगर कोई ईवीएम खराब है तो उस पर खराब होने का स्टीकर चिपकाने को कहा।
सूत्रों ने बताया कि कुछ जिलों में एक ही नंबर का ईवीएम इंट्री किया गया है। आयोग ने निर्देश दिया कि उसे संबंधित जिले के साथ बातचीत कर तीन अगस्त तक आपस में सही कर लें। सूत्रों ने बताया कि बैठक में नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा नवगठित, उत्क्रमित व सीमा विस्तारित नगरपालिका के फलस्वरूप हुए परिवर्तन को पंचायत निर्वाचन नियमावली की सुसंगत नियमों के अनुसार संशोधित करने का निर्देश दिया गया। साथ ही, उसी के अनुसार मतदाता सूची और मतदान केंद्रों में भी संशोधन करने के निर्देश दिए गए। बैठक में आदर्श मतदान केंद्रों के गठन को लेकर स्थलों को चिह्नित करने के निर्देश भी जिलाधिकारियों को दिया गया।
सूत्रों ने बताया कि जिलों को कहा गया है कि वे जिला स्तर पर मतगणना केंद्र बनाए जाने की संभावना पर विचार करें। आयोग का मानना है कि प्रखंड स्तर पर मतगणना में खर्च ज्यादा होता है व स्थानीय स्तर पर हस्तक्षेप की संभावना कम से कम हो, अगर ऐसा संभव हो तो उस पर आगे निर्णय लिया जाएगा। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव मुकेश कुमार सिन्हा व अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा सभी जिलों के जिला निर्वाचन पदाधिकारी, पंचायत शामिल हुए।