कोरोना की दूसरी लहर के दौरान पूरे देश में सर्वाधिक बिहार के 15,729 प्रवासी मजदूरों ने अपने गृह राज्य के बाहर ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ (One Nation One Ration Card) योजना के तहत अपने कोटे का राशन लिया. राज्यसभा में शुक्रवार को केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति (Sadhvi Niranjan Jyoti) ने सांसद सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) के एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में रहने वाले 3,073, दिल्ली में 2,773, हरियाणा में 1,838, दादर व नगर हवेली और दमन व दीव में 1,577 तथा गुजरात में 1,428 प्रवासी बिहारी मजदूरों ने राशन का उठाव किया. इस साल अप्रैल से जुलाई के बीच जब कोरोना की दूसरी लहर पीक पर थी, तब जुलाई महीने में दूसरे राज्यों में राशन का उठाव करने वाले बिहारी मजदूरों की संख्या अप्रैल की 3,249 की तुलना में करीब दोगुनी यानी 6,419 रही.
2019 में शुरू हुई थी ONORC योजना
नरेंद्र मोदी सरकार ने ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ योजना देश के सभी नागरिकों के लिए किसी भी राज्य की सरकारी राशन दुकान से राशन उपलब्ध करवाने के लिए अगस्त 2019 में शुरू किया था. वैसे सभी नागरिक जो काम करने के लिए किसी दूसरे राज्य पलायन कर जाते हैं वे इस योजना के जरिए देश की किसी भी सरकारी दुकान से राशन ले सकते हैं. हालांकि पश्चिम बंगाल, छतीसगढ़ और असम की सरकारों ने अभी अपने यहां ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ योजना को लागू नहीं किया है.
फर्जी राशन कार्ड के इस्तेमाल को रोकना
इस योजना का मकसद, देश में फर्जी राशन कार्ड के इस्तेमाल को रोकना है. साथ ही इसका मकसद यह भी है कि कोई व्यक्ति एक स्थान से दूसरे स्थान पलायन करता है तो उसे राशन लेने में कोई परेशानी न हो और प्रवासी श्रमिक-मजदूरों को खाद्य सुरक्षा मिले. इसके तहत कम कीमतों पर खाद्य पदार्थ जैसे गेहूँ और चावल मुहैया कराया जाता है.
दो तरह के राशन कार्ड जारी करती हैं सरकारें
गौरतलब है कि सभी राज्य सरकारें दो तरह के राशन कार्ड जारी करती हैं. पहला APL राशन कार्ड और दूसरा BPL राशन कार्ड. लोगों को उनकी आय के आधार पर ही APL और BPL राशन कार्ड जारी किए जाते हैं. APL कैटेगरी में उन लोगों को रखा जाता है जो गरीबी रेखा से ऊपर जीवन यापन कर रहे हैं. गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों को BPL राशन कार्ड जारी किया जाता है.
कहीं से भी राशन मुहैया कराने वाली योजना
राशन कार्ड हिन्दी और अंग्रेजी के अलावा स्थानीय भाषा में भी जारी किया जा सकता है. यह देश भर में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत 81 करोड़ लाभुकों को कहीं से भी राशन मुहैया कराने वाली योजना है. तत्कालीन केंद्रीय उपभोक्ता मामले,खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने मार्च 2021 तक देश भर में इसे लागू करने का लक्ष्य रखा था.