प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की किसानों के लिए महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan) योजना में एक बड़ी गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। सरकार ने खुद यह बात स्वीकार की है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि देशभर में 42 लाख से अधिक ऐसे किसानों का पता चला है, जो गलत तरीके से पीएम किसान योजना का लाभ ले रहे हैं।
कृषि मंत्री ने बताया कि देशभर में अबतक कुल 42,16,643 अपात्र किसानों की पहचान की गई है। इनके खातों में पीएम किसान योजना के अंतर्गत कुल 29,92,75,16,000 रुपये जमा कराए गए हैं, जिनकी वसूली सरकार द्वारा की जाएगी। उन्होंने कहा कि पीएम किसान स्कीम का लाभ पाने के लिए किसान परिवार के लिए भूमि का आकार कोई मानदंड नहीं है।
पीएम किसान स्कीम एक निरंतर और सतत रूप से चलने वाला काम है और जब भी संबंधित राज्य/संघ राज्य से पीएम किसान पोर्टल पर पंजीकृत किसानों का सही और सत्यापित डेटा प्राप्त होता है और उसके बाद आधार/पीएफएमएस के माध्यम से सत्यापन होता है तो स्कीम के लाभ डीबीटी मोड के माध्यम से लक्षित लाभार्थी के बैंक खाते में अंतरित कर दिए जाते हैं।
सबसे ज्यादा असम में हैं अपात्र किसान
मंत्री ने बताया कि पीएम किसान के तहत सबसे ज्यादा अपात्र किसानों की संख्या असम में है। यहां 8,35,268 किसानों से वसूली की जानी है। इसके बाद तमिलनाडु (7,22,271), पंजाब (5,62,256), महाराष्ट्र (4,45,497), गुजरात (2,36,543), कर्नाटक (2,08,705), मध्य प्रदेश (2,51,391), राजस्थान (2,13,937) और उत्तर प्रदेश (2,65,321) का स्थान है।
सिक्किम में एक किसान से होगी 10000 की वसूली
मंत्री ने लोकसभा में यह भी बताया कि पीएम किसान योजना का लाभ उठाने वाले अपात्र किसानों की सबसे कम संख्या सिक्किम में केवल एक है। इसके बाद लक्ष्यद्वीप में ऐसे किसानों की संख्या 5, लद्दाख में 23, पश्चिम बंगाल में 19, चंडीगढ़ में 30 और अरुणाचल प्रदेश में 136 है।