राज्य में तीन नये विश्वविद्यालय खोले जायेंगे।अब इंजीनियरिंग‚ मेडि़कल एवं खेल के लिए अलग विश्वविद्यालय होगा। यह फैसला शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया गया। बैठक में कुल 11 एजेंडों पर निर्णय लिया गया। एक अन्य फैसले में राज्य सरकार ने ड़ीड़ीसी एवं बीड़ीओ के अधिकार में कटौती कर दी है। पंचायती राज का काम अब पंचायती राज पदाधिकारी या फिर उप सचिव स्तर के अधिकारी देखेंगे। इसके अलावा सरकार ने हर विधानसभा में 1–1 पीएचसी तथा पांच–पांच उप स्वास्थ केंद्र खोलने का फैसला किया है। बैठक के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग द्वारा बताया गया कि कोविड–१९ के संक्रमण से बचाव के लिए राज्य की जेलों में बंद वैसे कैदी‚ जिनकी सजा चार माह से कम बची हुई है‚ उन्हें रिहा किया जायेगा। राज्य सरकार ने १७५४.९९ करोड़ रुपये के व्यय पर 1015 स्वास्थ्य उप केंद्र‚ 228 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र‚ वैसे ८६ प्रखंड जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं है‚ वहां इनके निर्माण तथा एनएचएम द्वारा निर्माण किये जाने वाले ५० सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र निर्माण के अलावा अन्य कार्य के लिए मॉडल प्राक्कलन के आधार पर योजना की स्वीकृति दी है। कोरोना महामारी को लेकर चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल तथा सदर एवं अनुमंडलीय अस्पतालों में ऑक्सीजन संयंत्र के संचालन के लिए ट्रांसफॉर्मर की आपूर्ति एवं इंस्टॉल कार्य कराये जाने के उद्ेश्य से साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को २६ करोड़ ५१ लाख ५५ हजार ३०६ रुपये और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड को २७ करोड़ ५६ लाख ८२ हजार ७४६ रुपये अर्थात कुल ५४ करोड़ आठ लाख ३८ हजार ५२ रुपये व्यय की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई। लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम‚ २०११ में नॉन क्रीमीलेयर प्रमाण–पत्र और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए प्रमाण–पत्र जारी करने जैसी सेवाओं को शामिल किये जाने की मंजूरी दी गई है।
राज्य में तीन नये विश्वविद्यालयों की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है. मेडिकल साइंसेज विश्वविद्यालय, इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय और खेल विश्वविद्यालय की स्थापना से जुड़े अधिनियमों को राज्य कैबिनेट ने गुरुवार को पास कर दिया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की हुई बैठक में कुल 20 एजेंडों पर सहमति दी है.
इस सत्र में पास कराये पायेंगे संबंधित विधेयक : कैबिनेट द्वारा पारित इन अधिनियमों को इसी मॉनसून सत्र में विधानमंडल से पास कराया जायेगा. तीनों विश्वविद्यालयों के चांसलर मुख्यमंत्री होंगे. संबंधित विधेयकों के पास होने के बाद अधिनियमों के प्रावधानों के अनुसार उसके गठन, प्रशासनिक पदों सहित सभी स्तर के पदों के गठन, कार्य संचालन की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी.
कुलपति और प्रतिकुलपति की नियुक्ति राज्यपाल की कमेटी की जगह मुख्यमंंत्री द्वारा गठित कमेटी करेगी. यह पहली बार हो रहा है कि जब किसी भी विश्वविद्यालय के चांसलर की शक्ति मुख्यमंत्री के पास होगी. इसके अलावा बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम के तहत नॉन क्रीमीलेयर का प्रमाणपत्र और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए प्रमाणपत्र जारी करने की नयी सेवाओं को शामिल करने का निर्णय लिया गया है.
कैबिनेट ने बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग कार्य संचालन नियमावली-2021 के प्रारूप की स्वीकृति दी है. साथ ही कनीय सांख्यिकी संवर्ग नियमावली 2021 की स्वीकृति दी गयी. कैबिनेट ने स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार और सुदृढ़ीकरण के लिए 1754.99 करोड़ की स्वीकृति दी है. यह राशि 1015 स्वास्थ्य उप केंद्रों, 228 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और 86 प्रखंड, जहां पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र निर्मित नहीं है, उन पर खर्च की जायेगी.
इनके निर्माण और एनएचएम द्वारा निर्माण किये जानेवाले 50 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण के अलावा अन्य कार्य के लिए मॉडल इस्टीमेट की भी प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी है. सरकार द्वारा पहली अप्रैल, 2020 द्वारा जारी संकल्प के माह तक सेवानिवृत्त राज्यकर्मियों के संविदा नियोजन की स्वीकृति दी गयी. बिहार पशु चिकित्सा सेवा (नियुक्ति एवं सेवा शर्त )(संशोधन) नियमावली 2021 के गठन को भी स्वीकृति दी गयी.
औरंगाबाद जिले के बारूण अंचल के 7.30 एकड़ गैरमजरूआ मालिक, बिहार सरकार की भूमि को शुल्क के आधार पर दो करोड़ 66 लाख के भुगतान पर डीएफसीसीआइएल परियोजना के निर्माण के लिए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, रेल मंत्रालय को हस्तांतरित करने की स्वीकृति दी गयी.
कैबिनेट ने कटिहार जिले के सेमापुर बरारी पीएचसी के तत्कालीन चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ बिंदेश्वरी प्रसाद साह को पांच वर्ष तक अनधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने के कारण सेवा से बर्खास्त करने की स्वीकृति दी.