केंद्र सरकार को दलितों–पिछडों को सम्मान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध बताते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने आज कहा कि इतिहास गवाह है कि आजादी के बाद से ही कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने विकास के नाम पर दलितों–पिछडों का जमकर शोषण किया है। कभी भी इन्हें वोट–बैंक से अधिक का महत्व नहीं दिया गया। लेकिन मोदी राज में परिस्थितियां तेजी से बदलीं और आज दलित–पिछडों का कल्याण महज चुनावी नारा नहीं बल्कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक बन चुका है॥। ड़ॉ. जायसवाल ने कहा कि सरकार द्वारा हालिया हुए मंत्रिमंडल विस्तार में भी दलितों–पिछडों को सम्मान दिलाने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धिता साफ दिखाई पडी है। वर्तमान कैबिनेट में अनुसूचित जाति के १२‚ अनुसूचित जनजाति के ८ और ओबीसी के २७ मंत्री हैं।यानी सरकार के कुल ७७ मंत्रियों में से ४७ मंत्री इस समाज से आते हैं। आधे से भी अधिक मंत्रिपदों पर इन वर्गों से आने वाले सांसदों की नियुक्ति‚ यह बताने के लिए काफी है। डॉ. जायसवाल ने कहा कि पिछले ७ वषोंर् में दलितों–पिछडों के लिए सरकार द्वारा किये गये कायोंर् की बात करें तो सरकार की अधिकांश योजनाओं में इनके कल्याण और सशक्तिकरण की छाप दिखेगी। आज जनधन‚ मुद्रा‚ सौभाग्य‚ शौचालय व आवास निर्माण‚ आयुष्मान भारत‚ स्किल डेवलपमेंट जैसी अनेकों योजनायें धरातल पर चल रही हैं जिसका सर्वाधिक लाभ इस समाज को मिल रहा है। इसी सरकार ने बाबा साहब के जीवन से जुडे स्थानों को पंचतीर्थ के तौर पर विकसित किया तथा साथ ही मुम्बई में २५० मीटर की प्रतिमा लगा कर उनके सम्मान को बढाया। पिछडा आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के लिए पिछडे समाज की १९५५ से चली आ रही मांग को संसद के दोनों सदन से पास करवाया। पिछडे समाज के समुचित विकास के लिए अत्यंत पिछडी जातियों की सब–कैटेगरी बनाने की दिशा में अग्रसर है।
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