जदयू कार्यालय में पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविंद निषाद एवं अभिषेक झा ने वर्चुअल माध्यम से पार्टी की बात रखी। उन्होंने जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम को पुनः आरंभ करने की सराहना करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम को लेकर बिहार के लोगों में जबरदस्त उत्साह है। बिहार की ७९ प्रतिशत जनता ग्रामीण परिवेश से आती है और आर्थिक चुनौतियों के कारण बिहार के छात्र–छात्राएं उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते थे। इस परेशानी को दूर करने हेतु स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना बिहार में चला कर पूरे देश में एक मिसाल पेश की। आर्थिक दृष्टिकोण से कमजोर विद्यार्थियों को ४ लाख रुपए की धनराशि इंजीनियरिंग मेडिकल इत्यादि की पढाई करने हेतु इस योजना के माध्यम से दी जाने लगी। २० अगस्त २०२० तक ८६५४४ छात्र छात्राओं ने स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड का लाभ लिया। इन ८६५४४ विद्यार्थियों को १०१८ करोड ८९ लाख ९० हजार ४७५ रुपए स्वीकृत किया गया। बिहार से बाहर पढ रहे ४२३२१ विद्यार्थियों को ३७५५ करोड ५० लाख ४८ हजार ३७५ रुपए स्वीकृत किया गया। बिहार में रहने वाले ४४२२३ विद्यार्थियों के लिए ६४३३ करोड ४८ लाख ५७ हजार १३६ रुपए स्वीत किया गया है। इसके अलावा विभिन्न सामाजिक समूह का स्कॉलरशिप भी उनको मिलता रहा और सरकार ने इस दिशा में सार्थक प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि जब बिहार के इतने विद्यार्थी इंजीनियरिंग मेडिकल और अन्य कोर्स की पढाई करने बाहर जाने लगे तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने यह निर्णय लिया की बिहार में ही बहुत सारे इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। श्री नीतीश कुमार चाहते तो निजी करन को बढावा दे सकते थे परंतु उन्होंने इस चुनौती को स्वीकार किया और आज स्थिति अलग है। १९६० से २००५ तक एक भी इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं खुला‚ निजी क्षेत्र के तीन इंजीनियरिंग कॉलेज भी लालू राबडी राज में बंद हो गए। २००५ से २०२० तक ३९ इंजीनियरिंग कॉलेज खुले। १९५४ से २००५ तक राज्य में सरकारी क्षेत्र में ३ इंजीनियरिंग कॉलेज थे और उनकी प्रवेश क्षमता ८०० थी। आज के दिन में यह प्रवेश क्षमता बढकर ९२७५ हो चुकी है। राज्य में कुल १० सरकारी मेडिकल कॉलेज संचालित हैं जिनमें १२९० एमबीबीएस की सीट और ४४१ पीजी की सीट्स है। मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिले में एक तिहाई आरक्षण बेटियों को देने का ऐतिहासिक फैसला नितीश कुमार जी के नेतृत्व में सिर्फ बिहार में हुआ है। बिहार के बच्चों को बिहार में उच्च तकनीकी शिक्षा देना तथा स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के माध्यम से आर्थिक अडचनों को दूर करना नीतीश कुमार जी की प्राथमिकता में रहा है और उनके इस कदम से बिहार के बच्चों को लाभ मिल रहा है।
बिहार में पहली बार खेलो इंडिया यूथ गेम्स आयोजित, 4 मई को मोदी करेंगे उद्धाटन
खेल के रंग, बिहार के संग, इसी थीम लाइन के साथ बिहार में पहली बार खेलों का महाकुंभ आयोजित हो...