बिहार के पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर नई नीति लागू कर दी गई है. योगी सरकार की ओर से लागू की गई नीति की वजह से राज्य सहित देश भर का सियासी पारा चढ़ गया है. सभी योगी सरकार के इस फैसले पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं. इसी क्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने पर प्रतिक्रिया दी है.
महिलाओं का जागरूक होना जरूरी
मुख्यमंत्री ने सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि कानून बना कर जनसंख्या को कंट्रोल नहीं किया जा सकता. चीन में क्या हुआ ये सबने देखा. ऐसे में इसके लिए जागरूकता की जरूरत है. नीतीश कुमार ने कहा, ” एक बात साफ कह देना चाहते हैं, जो राज्य जो करना चाहे वो कर सकता है. लेकिन कानून बना कर जनसंख्या काबू करना संभव नहीं है. महिलाएं जब जागरूक रहेंगी तो प्रजनन दर कम होगा.”
सीएम नीतीश ने कहा, ” हम लोग तो इस पर काम करेंगे. कुछ लोगों को लगता है कि कानून बनाने से ये (जनसंख्या नियंत्रण) संभव है, तो वो उनकी सोच है. हमारी सोच अलग है. हम लोग तो अपने हिसाब और सोच से काम करेंगे.”
#WATCH | Every state is independent to do what they want. My opinion is very clear that population control can't be attained by just making laws…When women will be educated they'll become conscious enough & fertility rate will decrease: Bihar CM Nitish Kumar pic.twitter.com/THRykwJHJL
— ANI (@ANI) July 12, 2021
जेडीयू में कोई मतभेद नहीं
कैबिनेट विस्तार के बाद जेडीयू में घमासान की बात को सिरे से खारिज करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ” पार्टी में कोई मतभेद नहीं है. बाढ़ को लेकर हम काम कर रहे है. सभी देख रहे हैं कि किस तरह से लोगों की मदद की जा रही है. बाढ़ से प्रभावित कोई भी आदमी मदद से बचना नहीं चाहिए, यही हमारा लक्ष्य है. ”
कॉमन सिविल कोड को देश में लागू करने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉमन सिविल कोड ही क्यों शराबबंदी पूरे देश में लागू हो. इसके अलावा और भी बहुत सी चीज है उनपर ध्यान देना चाहिए. मुझे इसपर कुछ विशेष नहीं कहना है. शाराबबंदी पूरे देश में हो उस तरफ भी तो ध्यान देना चाहिए.
वहीं, कोरोना की तीसरी लहर को लेकर की जा रही तैयारी के संबंध में उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र की सरकार इस मुद्दे पर अलर्ट है. मेडिकल ऑक्सीजन के साथ ही हर चीज़ की व्यवस्था की जा रही है. अस्पतालों और अधिकारी हर तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं. परिस्थिति की लगातार निगरानी की जा रही है.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश प्रदेश में जनसंख्या कानून आ रहा है और राज्य में प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण विधेयक के एक मसौदे के अनुसार दो-बच्चों की नीति का उल्लंघन करने वाले को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने, सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने, पदोन्नति और किसी भी प्रकार की सरकारी सब्सिडी प्राप्त करने का अधिकार नहीं होगा। राज्य विधि आयोग ने उत्तर प्रदेश जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण एवं कल्याण) विधेयक-2021 का प्रारूप तैयार कर लिया है। उत्तर प्रदेश में आ रहे जनसंख्या कानून को लेकर ही पत्रकारों ने नीतीश कुमार से सवाल किया था।
उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग (यूपीएसएलसी) की वेबसाइट के अनुसार, ‘‘राज्य विधि आयोग, उप्र राज्य की जनसंख्या के नियंत्रण, स्थिरीकरण और कल्याण पर काम कर रहा है और एक विधेयक का प्रारूप तैयार किया गया है।’’ राज्य विधि आयोग ने इस विधेयक का प्रारूप अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया है और 19 जुलाई तक जनता से इस पर राय मांगी गई है। विधेयक के प्रारूप के अनुसार इसमें दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरियों में आवेदन से लेकर स्थानीय निकायों में चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का प्रस्ताव है तथा सरकारी योजनाओं का भी लाभ नहीं दिए जाने का जिक्र है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को ‘विश्व जनसंख्या दिवस’ के अवसर पर अपने सरकारी आवास पर ‘उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति 2021-2030’ का लोकार्पण करने के बाद आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए लोगों को बढ़ती जनसंख्या की समस्या के प्रति स्वयं तथा समाज को जागरूक करने का प्रण लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में इस विषय को लेकर समय-समय पर चिंता व्यक्त की गई कि बढ़ती जनसंख्या विकास में कहीं न कहीं बाधक हो सकती है और उस पर अनेक मंचों से पिछले चार दशकों से निरंतर चर्चा चल रही है।