राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत द्वारा हिंदुत्व और लिंचिंग को लेकर दिए गए बयान पर सियासी गलियारों में घमासान मचा है. इस बीच बिहार सरकार में मंत्री और बीजेपी के प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि मोहन भागवत द्वारा दिया गया बयान एक गार्जन के रूप में था. इससे पहले भी वह इस तरह के बयान दे चुके हैं. AIMIM प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी के ट्वीट पर निशाना साधते हुए शाहनवाज हुसैन ने कहा उनका तो काम ही सुबह उठते ही राहुल गांधी के कहने पर तीन से चार ट्वीट करना है. इसके अलावा शाहनवाज हुसैन दिग्विजय सिंह पर भी निशाना साधते नजर आए. उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह जैसे 2-4 नेता अगर और कांग्रेस में हो तो कांग्रेस की लुटिया डूब जाए…
राजनीतिक दलों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं
आपको बता दें कि हिंदुत्व और लिंचिंग को लेकर एक बार फिर बहस शुरू हो गई है. मोहन भागवत द्वारा हिंदुत्व और लिंचिंग को लेकर दिए गए बयान के बाद राजनीतिक दलों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. इससे पहले AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी निशाना साधते हुए कहा था कि ये नफरत हिंदुत्व की देन है. उन्होंने ट्वीट किया कि मुजरिमों को हिंदुत्ववादी सरकार की पुश्त पनाही हासिल है. ओवैसी ने लिखा कि ये नफरत हिंदुत्व (Hindutva) की देन है, इन मुजरिमों को हिंदुत्ववादी सरकार की पुश्त पनाही हासिल है. केंद्रीय मंत्री के हाथों अलीमुद्दीन के कातिलों की गुलपोशी हो जाती है, अखलाक के हत्यारे की लाश पर तिरंगा लगाया जाता है.
क्या है भागवत का बयान
दरसअल रविवार को एक किताब के विमोचन कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि अगर कोई हिन्दू कहता है कि मुसलमान यहां नहीं रह सकता है, तो वो हिन्दू नहीं है. गाय एक पवित्र जानवर है, लेकिन जो इसके नाम पर दूसरों को मार रहे हैं, वो हिन्दुत्व के खिलाफ हैं. ऐसे मामलों में कानून को अपना काम करना चाहिए. मोहन भागवत ने यह भी कहा कि सभी भारतीयों का डीएनए एक है, चाहे वो किसी भी धर्म का हो.