जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने रविवार को कहा है कि सीमा-सुरक्षा में लगे जवानों की तरह हमारे देश के किसान भी पेंशन के हकदार हैं. किसान दाता हैं, याचक नहीं. उनके बारे में देश को विचार करना चाहिए कि उनका सम्मान कैसे हो. किसान केवल अन्नदाता ही नहीं, प्राणदाता और रोजगारदाता भी हैं. आरसीपी सिंह ने यह बातें ‘टिकाऊ खेती, खुशहाल किसान’ विषय पर आयोजित जदयू के वर्चुअल सम्मेलन के दौरान कहीं. इस आयोजन से जूम ऐप के माध्यम पूरे राज्य से जदयू किसान प्रकोष्ठ के 1000 पदाधिकारी जुड़े थे. साथ ही विभिन्न फेसबुक पेज के माध्यम से करीब 80 हजार से अधिक लोगों ने इसे लाइव देखा.
खेती में बिहार को अव्वल बनाने की कही बात
आरसीपी सिंह ने कहा कि जैसे सूर्य ऊर्जा का अक्षय स्रोत है, वैसे ही हमारे किसान अन्न और जीवन के अक्षय स्रोत हैं. आज हमारा देश किसी मुल्क के आगे किसानों की बदौलत ही नहीं झुकता है. कोरोना के मुश्किल दौर में भी कृषि के क्षेत्र में प्रगति दिखी. उन्होंने कहा कि हमारे नेता व सीएम नीतीश कुमार का सपना है कि बिहार एक विकसित प्रदेश बने. यह तभी संभव होगा जब हम खेती में बिहार को अव्वल बनायेंगे. हमारी सरकार हर खेत तक पानी पहुंचाने के लक्ष्य पर काम कर रही है. 24 हजार 500 करोड़ रुपये की लागत वाली जल-जीवन-हरियाली जैसी महत्वाकांक्षी योजना सीएम नीतीश कुमार के दूरदर्शी सोच का परिणाम है.
सीएम नीतीश कुमार ने लागू किया कृषि रोड मैप
प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि बिहार की 85 फीसदी आबादी गांवों में रहती है और 79 फीसदी लोगों की आय का जरिया कृषि है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में कृषि रोडमैप लागू किया. अब देश के हर नागरिक की थाली में बिहार का एक व्यंजन हो, हमारी सरकार इस लक्ष्य पर काम कर रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य के लगभग 92 फीसदी लोग अंडा खाते हैं, इसको देखते हुए पोल्ट्री के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं.
‘रेनबो रिवोल्यूशन’ की बात करने वाला बिहार इकलौता राज्य
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ मंगला राय, पूर्व डीजी, आइसीएआर ने कहा कि ‘रेनबो रिवोल्यूशन’ की बात करने वाला बिहार इकलौता राज्य है. सीएम नीतीश कुमार ने समेकित और समावेशी विकास की बात की और उसे संभव करके दिखाया. बिहार के सबौर कृषि विश्वविद्यालय के लिए 1000 करोड़ रुपये निवेश किया गया. किसी एक कृषि विश्वविद्यालय में निवेश करने वाला बिहार पहला राज्य है. डॉ. सुधांशु सिंह, डायरेक्टर, आईआरआरआइ, वाराणसी ने कहा कि आधुनिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी से कृषि उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है. बढ़ती आबादी को देखते हुए पारिस्थितिकी तंत्र को क्षति पहुंचाए बिना इसको और बढ़ाने की जरूरत है. हमें ऐसी रणनीति की आवश्यकता है जिससे फसल अवशेषों का व्यापक प्रबंधन हो सके.
जदयू मुख्यालय स्थित कर्पूरी सभागार में येे रहे मौजूद…
जदयू मुख्यालय स्थित कर्पूरी सभागार में कार्यक्रम के दौरान धन्यवाद ज्ञापन जदयू किसान प्रकोष्ठ दक्षिण बिहार के प्रदेश अध्यक्ष नंद किशोर कुशवाहा ने किया. इस मौके पर विधान पार्षद संजय गांधी, डॉ नवीन कुमार आर्य, अनिल कुमार, चंदन कुमार सिंह, जदयू मीडिया सेल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अमरदीप, सुनील कुमार, मनोज कुमार, बिपिन कुमार सिंह मौजूद रहे.