यह दोहरी प्रसन्नता की बात है कि भारत में एक ओर जहां कोरोना विषाणु संक्रमणरोधी टीकों की खुराक देने के मामले में अमेरिका सहित अन्य सभी विकसित देशों को पछाड़़ दिया है वहीं दूसरी ओर प्रतिदिन महामारी से संक्रमित होने वाले मामलों का ग्राफ लगातार गिर रहा है। सोमवार को देश में कोरोना के ३७‚ ०५९ मामले सामने आए जबकि ८८४ लोगों की महामारी से मौत हुई। टीकाकरण के मामले में अमेरिका से आगे निकल जाना भारत जैसे विकासशील और विराट आबादी वाले देश के लिए बड़़ी उपलिब्ध है। महत्वपूर्ण बात यह भी है कि भारत में अमेरिका की तुलना में कम समय में अधिक लोगों का टीकाकरण हुआ। अमेरिका में १४ दिसम्बर २०२० को टीकाकरण की शुरुआत हुई थी ३२.३३ करोड़़ खुराकें दी गइ। जबकि भारत में टीकाकरण अभियान १६ जनवरी २०२१ को शुरू हुआ था और ३२.३६ करोड़़ खुराकें लगाइ जा चुकीं हैं। इसका श्रेय केंद्र और राज्य सरकारों के साथ–साथ चिकित्साकर्मियों को जाता है। भारत सरकार ने एक मिशन के तहत टीकाकरण का अभियान की शुरुआत की है। लक्ष्य है कि इस वर्ष के अंत तक अधिक–से–अधिक लोगों को कोरोनारोधी टीका लग जाए। वास्तविकता भी है कि महामारी की संभावित तीसरी लहर को रोकने‚ आर्थिक व्यवस्था को पटरी पर लाने‚ स्कूल और कॉलेज को खोलने और सामाजिक रिश्तों की कमजोर पडती जा रहीं गांठ को मजबूत बनाने एवं महामारी को जड़़ से उन्मूलन करने का एकमात्र हथियार टीकाकरण ही है। इसलिए इस अभियान को और तेज करने में समाज के हर तबके का योगदान अनिवार्य है। विशेषकर विपक्षी राजनीतिक दलों के नेताओं से यह अपेक्षा की जा रही है कि वे टीकाकरण के महा अभियान को सफल बनाने में बढ़–चढ़कर हिस्सा लें। इनके राजनीतिक कार्यकर्ता खुद टीका लगवाएं और दूसरों को भी टीका लेने के लिए प्रोत्साहित करें‚ लेकिन देखा जा रहा है कि समाज के कुछ लोग टीका के विरुद्ध दुष्प्रचार अभियान में लगे हैं। इसके कारण शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में लोग टीका लगवाने से झिझक रहे हैं। देश और दुनिया के महामारी विशेषज्ञ बार–बार यह अपील कर रहे हैं कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी भ्रम फैलाने वाले लोगों से देशवासियों को सावधान किया है। सरकारों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे लोगों के भ्रम का निवारण करने के लिए आगे आएं॥।
कहां छिपा है पाकिस्तान का परमाणु भंडार?
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत बेहद गुस्से में है. सरकार ने कई कठोर कदम भी उठाए हैं, जिससे पाकिस्तान बुरी...