राज्य सरकार ने एसटीइटी–२०१९ के रिजल्ट में दोनों श्रेणियों को शिक्षक नियुक्ति में सम्मिलित होने का अवसर देने का फैसला किया है। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। आदेश में कहा गया है कि विभाग ने २२ जून को एक कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने २३ जून को अपनी अनुशंसा दी है‚ जिसमें दोनों श्रेणियों को शिक्षक नियुक्ति में शामिल होने के लिए अवसर देने की सिफारिश की गई है। शिक्षा विभाग के सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी ने ५ बिंदुओं पर अपनी अनुशंसा दी है‚ जिसमें शिक्षक पात्रता परीक्षा प्रमाण पत्र की वैधता को जीवन पयंर्त करने की सिफारिश की गई। बिहार माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में सामान्यतः राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा वर्ग १ से ८ तक के लिए निर्धारित मापदंड का अनुपालन किया जाता है। इसे ध्यान में रखकर एसटीइटी प्रमाण पत्र की मान्यता को जून २०१२ के प्रभाव से जीवन पर्याप्त किया गया। जिनके प्रमाण पत्र की मान्यता जून २०२१ में समाप्त हो रही थी‚ इस नियमावली के तहत नगर निकाय एवं जिला परिषद में माध्यमिक शिक्षक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति के लिए बरकरार हो गई। समिति ने टीईटी– २०११ के परिणाम से सामंजन स्थापित करने और नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत के आधार पर बिहार बोर्ड द्वारा एसटीइटी–२०१९ के परिणाम जो दो श्रेणियों में दिये गये हैं। इसमें क्वालिफाइड़ एंड इन मेरिट लिस्ट एवं क्वालिफाइड बट नॉट इन मेरिट लिस्ट में अभ्यर्थियों को रखा गया है। इन सभी अभ्यर्थियों को माध्यमिक– उच्च माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति के सातवें चरण में सम्मिलित होने का अवसर देने की सिफारिश की गई है। इस आलोक में शिक्षा विभाग ने निर्णय लिया कि एस टीईटी–२०१९ के लिए न्यूनतम परिणाम के आधार पर घोषित क्वालिफाइड सभी अभ्यर्थियों को माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों के साथ में एवं आगे की नियुक्ति में सम्मिलित होने का अवसर दिया जाये। शिक्षक पद पर नियुक्ति में मेधा अंक के आधार पर मेधा सूची का निर्माण किया जाता है। इस प्रकार शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थी विषय वार एवं कोटिवार पद के आधार पर नियुक्ति हेतु पात्र होंगे।
नियोजन इकाई की मेधा सूची से ही होगी नियुक्ति
विभाग के आदेश में कहा गया है कि STET-2011 में उत्तीर्ण अभ्यर्थी, जिनके प्रमाण-पत्र की मान्यता जून 2021 में समाप्त हो रही थी, उनकी पात्रता विभिन्न नगर निकाय और जिला परिषद में माध्यमिक शिक्षक व उच्च माध्यमिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति के लिए बरकरार हो गई है। शिक्षक के पद पर नियुक्ति की कार्रवाई जिला परिषद और नगर निकाय के अधीन गठित नियुक्ति प्राधिकार द्वारा किया जाता है। इसके लिए मेरिट सूची अलग से बनाई जाती है।
इस प्रकार शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थी संबंधित नियोजन इकाई के स्तर से तैयार की गई मेधा सूची में उनके स्थान पर नियोजित इकाई अंतर्गत उपलब्ध विषयवार और कोटिवार पद के आधार पर नियुक्ति के लिए पात्र होंगे। इसमें STET-2019 के लिए न्यूनतम उत्तीर्णांक के आधार पर क्वालिफाइड घोषित सभी अभ्यर्थियों को माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों के 7वें और आगे की नियुक्ति के चरण में सम्मिलित होने का अवसर दिया जाएगा।
जो भी क्वालिफाई, सभी सातवें शिक्षक नियोजन के पात्र
मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा था कि सरकार ने इस मामले पर निर्णय कर लिया है। 2019 की STET में जो भी क्वालिफाई किए हैं, वे सभी सातवें शिक्षक नियोजन के लिए पात्र होंगे। चाहे वे बोर्ड द्वारा जारी सूची ‘क्वालिफाइड एंड इन मेरिट लिस्ट’ में हों या ‘क्वालिफाइड बट नॉट इन मेरिट लिस्ट’ में हों। विभाग ने निर्णय ले लिया है और जल्द ही अधिसूचना जारी कर देगा।
15 विषयों की हुई थी परीक्षा
बिहार विद्यालय परीक्षा बोर्ड द्वारा कुल 15 विषयों के लिए STET 2019 की परीक्षा आयोजित की गई थी, जिनमें से 12 विषयों के परिणाम 12 मार्च 2021 को घोषित किए गए थे। बाकी तीन विषय उर्दू, संस्कृत और विज्ञान का रिजल्ट सोमवार देर शाम जारी किया गया। कुल 15.8% उम्मीदवारों ने परीक्षा पास की है।
कुल मिलाकर 12 विषयों के लिए उपस्थित हुए 1.5 लाख में से 24,599 उम्मीदवारों ने परीक्षा पास की है। 15 विषयों की परीक्षा में बैठने वाले छात्रों की कुल संख्या लगभग 1.78 लाख थी। इनमें पेपर 1 के लिए कुल 1,09,667 उम्मीदवार और पेपर 2 के लिए 45,284 उम्मीदवार उपस्थित हुए थे।
STET-2019 रिजल्ट पर कंफ्यूजन; 3 महीने बाद मेरिट लिस्ट जारी, क्वालिफाई नंबर वाले बाहर
शिक्षक संघ ने इसे झुनझुना बताया
हालांकि आज के आदेश के बाद भी एक नया विवाद शुरू होने की आशंका है। टीईटी-एसटीईटी उतीर्ण नियोजित शिक्षक संघ ने कहा है कि 21 जून को रिजल्ट आने के बाद BSEB और शिक्षा विभाग पर जो आरोप लगे, उनको लेकर कोई निर्णय लेने के बजाए गलतियां छिपाने का खेल शुरू हो गया है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष मार्कण्डेय पाठक और प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पांडेय के अनुसार…
इस अधिसूचना में 2011 और 2019 के अभी STET उतीर्ण अभ्यर्थियों को लाइफ टाइम वैलिडिटी का झुनझुना पकड़ा दिया गया है।
सभी अभ्यर्थियों को 9000 नियोजन इकाइयों का चक्कर लगाने के लिए मजबूर कर दिया गया है।
2011 और 2019 के ‘क्वालिफाइड इन मेरिट’ और ‘क्वालिफाइड बट नॉट इन मेरिट’ सबको आपस में लड़ने को मजबूर किया गया है।
पाठक ने कहा कि STET-2019 में केंद्रीकृत ढंग से एक जगह ही आवेदन लेकर बहाली करने की जो बात थी, सरकार उससे मुकरती हुई दिख रही है। सरकार की मंशा ही नहीं लग रही है कि यह बहाली प्रकिया पूरी हो। सरकारी प्रक्रिया के तहत 2011 के STET की बहाली हो रही है जो अभी 2021 तक पूर्ण नहीं हो पाई है। तो जिस बहाली प्रकिया की शुरुआत ही 2021 में हुई है, वह 2041 तक भी पूर्ण हो जाए तो भगवान ही मालिक है।