उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने किसान नेता स्वामी सहजानंद सरस्वती की पुण्यतिथि और रविंद्र रंजन द्वारा संकलित स्मारिका के लोकार्पण के अवसर पर कहा कि बिहार सरकार अब तक की किसानों के प्रति सबसे संवेदनशील सरकारों में से एक है। केंद्र और राज्य सरकार की कई योजनाएं किसानों के लिए कारगर साबित हो रहीं हैं और वर्ष २०२२ तक किसानों की आय को दोगुना करने के लIय के लिए पूरी वचनबद्धता के साथ आगे बढ रही है।
स्वामी सहजानंद किसान वाहिनी की ओर से आयोजित पुण्यतिथि के कार्यक्रम में श्री प्रसाद ने कहा कि स्वामी सहजानंद सरस्वती की प्रासंगिकता कल भी थी‚ आज भी है और आगे भी रहेगी। सहजानंद को न सिर्फ उनके किसान आंदोलन के लिए याद किया जायेगा बल्कि उनके धार्मिक सुधार और सामाजिक न्याय का उल्लेख भी प्रासंगिक रहेगा। मुख्य अतिथि कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने न सिर्फ किसानों के लिए रोडमैप तैयार किया बल्कि उसे क्रियान्वित भी किया। स्वामी सहजानंद सर्वसमाज के नायक थे। उन्हें किसी जाति या वर्ग विशेष में नहीं समेटा जा सकता। सहजानंद जितने किसानों के थे उतने ही पिछडों और दलितों के भी थे।
स्वामी सहजानंद किसान वाहिनी के अध्यक्ष रविन्द्र रंजन ने सहजानंद की जयंती या पुण्यतिथि में से किसी एक को राष्ट्रीय किसान दिवस घोषित करने की मांग की। साथ ही स्वामी जी के विचारों को पाठ्य पुस्तक में शामिल करने और उनके उनके नाम कृषि विश्वविधालय खोलने की आवश्यकता बतयी। उन्होंने स्वामी सहजानन्द को भारत रत्न देने की भी मांग भी। विशिष्ठ अतिथि व रामजन्म भूमि आंदोलन से जुडे कामेश्वर चौपाल ने कहा कि साजिश के तहत स्वामी सहजानंद को महापुरुषों के स्मरण से मिटाने की कोशिश हो रही है। स्वामी सहजानंद सरस्वती पर स्मारिका का संकलन रविंद्र रंजन ने तथा संपदान गोपाल जी राय ने किया है। स्वागत भाषण समाजसेवी जीवन कुमार ने जबकि मंच संचालन पत्रकार धीरेन्द्र कुमार ने किया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता डॉ. सजहानन्द प्रसाद‚ अधिवक्ता मंच के अध्यक्ष तारकेश्वर ठाकुर ने भी सम्बोधन किया। कार्यक्रम में बिमल भारती‚ श्याम किशोर शर्मा‚ अखिलानंद सिंह‚ अरविन्द कुमार व अन्य लोग मौजूद थे।