केंद्र सरकार की ओर से देश में 21 जून को सभी के लिए फ्री कोरोना वैक्सीन की शुरुआत की गई है. 21 जून को देश में रिकॉर्ड 86 लाख 16 हजार लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगाई गई. यह देश में 16 जनवरी से शुरू हुए वैक्सीन अभियान में एक दिन में अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा रहा. वहीं अब तक करीब तीस करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो वैक्सीन लोगों को कोरोना होने पर अस्पताल में भर्ती होने और मौत से सुरक्षा देंगी. वैक्सीन की उपलब्धता के आधार पर माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में रोजोना करीब 50-8- लाख डोज़ दिए जाएंगे. इस रफ्तार से अगर वैक्सीन लगी को कोरोना की तीसरी लहर के असर को कम किया जा सकता है.
राज्य शहरी और ग्रामीण इलाकों में लोगों को वैक्सीन के प्रति जागरुक कर रहे हैं, कहीं कहीं पर इसे अनिवार्य भी किया गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन वैक्सीन के प्रति हिचकिचाहट को दस बड़ी चुनौतियों में से एक बताया है. भारत में भी वैक्सीन के प्रति हिचकिचाहट देखने को मिल रही है.
सर्वे एजेंसी लोकल सर्किल ने लोगों के वैक्सीन के प्रति रुझान को लेकर लोगों की राय जानी और हिकिचाहट को समझने की कोशिश की है. इस सर्वे के लिए लोकल सर्वे ने सिर्फ उन्हीं लोगों की राय जानी जिन्होंने वैक्सीन नहीं ली है. इस सर्वे में देश के 279 जिलों से 9 हजार प्रतिक्रियाएं मिलीं. सर्वे में शामिल लोगों में 65% पुरुष थे जबकि 35% महिलाएं थीं. सर्वे में शामिल 48% लोग टियर 1 शहरों से, 24% टियर 2 शहरों से और 28% टियर 3, 4 और ग्रामीण इलाके से हैं.
जानिए सर्वे की बड़ी बातें
– जिन्होंने अभी तक वैक्सीन नहीं ली उनमें से सिर्फ 29% ने वैक्सीन लेने को लेकर इच्छा जताई. 24% ने कहा कि जब तक यह साबित नहीं हो जाता कि मौजूदा वैक्सीन वर्तमान और भविष्य आने वाले वेरिएंट के खिलाफ कारगर है.
– 33 करोड़ व्यस्क आबादी में अभी भी वैक्सीन लगवाने को लेकर हिचकिचाहट. 20 करोड़ ने कहा कि जल्द ही वैक्सीन लगवाएंगे. 16 करोड़ ने कहा कि जब तक इस बात को लेकर संतुष्ट नहीं हो जाते कि मौजूदा वैक्सीन वर्तमान और भविष्य आने वाले वेरिएंट के खिलाफ कारगर है.
– कुल 94 करोड़ आबादी को टीका लगना है, जिसमें 24 करोड़ को एक डोज़ लग चुकी है. अभी करीब 70 करोड़ लोगों को और वैक्सीन देनी है.
– सर्वे का निष्कर्ष- जानकारों ने अगले दो महीने में तीसरी लहर आने की आशंका जताई है. ऐसे में सरकार को वैक्सीन की उपलब्धता और इसके खिलाफ हिचकिचाहट को लेकर कदम बड़े कदम उठाने चाहिए.