सिकंदराबाद से दरभंगा भेजे गये पार्सल में उच्च क्षमता के विस्फोटक होने की लैब रिपोर्ट सामने आने के बाद अब इसकी जांच एनआईए ने शुरू कर दी है। जांच के लिए एनआईए की टीम दरभंगा पहुंच चुकी है। दरभंगा पार्सल ब्लास्ट के तार उत्तर प्रदेश से जुड़े होने की बात सामने आयी है।
उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने शामली जिले के कैराना कोतवाली क्षेत्र से दो लोगों हाजी कासिम और उसके पुत्र काफिल को गिरफ्तार किया है। जांच पड़ताल में पता चला था कि यह पार्सल तेलंगाना के सिकंदराबाद स्टेशन से बुक किया गया था‚ जिसे दरभंगा में मोहम्मद सूफियान नाम का शख्स रिसीव करने वाला था‚ जबकि पार्सल पर शामली निवासी का मोहम्मद काफिल का मोबाइल नंबर अंकित था। एसटीएफ ने दोनों से पूछताछ शुरू कर दी है। इस बीच‚ सिकंदराबाद के आरपीएफ इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है। उधर‚ सिकंदराबाद में एटीएस ने उन चार लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है‚ जिन्हें संदिग्ध रूप से पार्सल कार्यालय के आसपास देखा गया था। दरभंगा जंक्शन पर विस्फोट के समय वहां सीसीटीवी कैमरे में कैद फुटेज में जिस व्यक्ति की संदिग्ध उपस्थिति पाई गई थी‚ उसकी जांच करने पर पता चला है कि वह नेपाल भाग गया है‚ क्योंकि उसके मोबाइल का अंतिम लोकेशन नेपाल के पास मिला है। बताया जाता है कि जिस ‘सुफियान’ नाम से पार्सल सिकंदराबाद से दरभंगा भेजा गया था‚ यह नाम एक ऐसे आतंकवादी का है जिसकी ट्रेनिंग पाकिस्तान में हो चुकी है। एनआईए को काफी दिनों से इसकी तलाश है। ज्ञात हो कि सिकंदराबाद जंक्शन से १५ जून को कपड़े से भरी गठरी में छुपाकर एक शीशी में विस्फोटक भेजा गया था। दरभंगा जंक्शन पर १७ अगस्त को जब यह ट्रेन पहुंची और इस पार्सल को प्लेटफॉर्म संख्या ३ से उतारकर प्लेटफॉर्म संख्या १ पर लाकर रेलवे के कर्मचारी ने जोर से पटक कर रखा‚ तो इसमें विस्फोट हो गया और कपड़े का बंड़ल जलकर राख हो गया।
विस्फोटक मामूली था जिससे कोई हानि नहीं हुई। यहां तक कि जहां विस्फोट हुआ‚ वहां कोई ग़ढा भी नहीं हुआ‚ लेकिन इस विस्फोट ने देश की सभी जांच एजेंसियों का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट कर लिया। विस्फोट से इतना तय हो गया कि शीशी में किसी विस्फोटक पदार्थ को छुपा कर भेजा गया था‚ जिसके पटकने मात्र से वह विस्फोट कर गया। इसकी दरभंगा से सिकंदराबाद तक जांच शुरू हो गई। इतना तय हो गया कि यह देश की सुरक्षा व्यवस्था से जुड़ा हुआ मामला है और कहीं ना कहीं किसी आतंकवादी संगठनों के द्वारा ही ऐसा किया गया होगा। अब तक जो जांच हुई है उसमें इसके पीछे आईएसआई का हाथ होने की बात सामने आ रही है।
केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने रेलवे स्टेशन पार्सल ब्लास्ट मामले की जांच एनआईए ने शुरू कर दी है. एनआईए की टीम ने दरभंगा स्टेशन पहुंचकर ब्लास्ट से जुड़ी हर पहलू को खंगाला. सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, दहशतगर्दी के इस खेल को खेलने का नापाक मंसूबा सरहद के पार पाकिस्तान से ISI के इशारे पर रचा गया था. क्या थी प्लांनिग और इसे अंजाम तक पहुंचाने वाले वो कौन थे, इस बात की तफ्तीश की जा रही है. इस बीच बड़ी खबर यह है कि दरभंगा ब्लास्ट मामले की जांच में यह पता लगा है कि जिस नंबर से पार्सल बुक किया गया था जब उसकी सीडीआर खंगालने पर एक बड़ी जानकारी सामने आई है.
मिली जानकारी के अनुसार एनआईए, बिहार एटीएस और UP ATS के जांच में यह पता लगा है कि एक नया मोबाइल नंबर, जिससे लगातार पार्सल बुक करने वाले नंबर पर बात होती थी, वो नंबर धमाके के दौरान दरभंगा जंक्शन पर एक्टिव था. जब नंबर का टावर लोकेशन डंप किया गया तो फिलहाल वह नंबर नेपाल से सटे इलाके में एक्टिव बताया जा रहा है. बता दें कि बीते 17 जून को दरभंगा रेलवे स्टेशन पर एक पार्सल में ब्लास्ट हो गया था जो सिकंदराबाद स्टेशन से दरभंगा के लिए बुक किया गया था.
जांच एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार, दहशतगर्दो के इस खेल के अनुसंधान के दौरान कई बातें जांच एजेंसियों के सामने आई हैं. मगर जो बात सबसे बड़ी लीड के तौर पर हाथ आई वह यह थी कि पार्सल बुक करने वाला शख्स का मोबाइल नंबर है. मोबाइल नंबर ने ही इस नापाक मंसूबे की प्लांनिग को जांच एजेंसियों के सामने ला दिया. इस ब्लास्ट के लिये जिस हाईडेंसिटी केमिकल का इस्तेमाल किया गया था उसे दरभंगा तक पहुंचाने के लिये दहशतगर्दों ने मात्र 296 रुपये खर्च किया था.