आज आसमान में एक अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा. दरअसल, आज स्ट्रॉबेरी मून (Strawberry Moon) दिखाई देगा. आज दिखने वाले चांद को स्ट्रॉबेरी मून इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि इस चांद का रंग स्ट्रॉबेरी रंग जैसा दिखाई देगा. इसके अलावा चांद अपने सामान्य आकार से बड़ा भी दिखाई देगा. आज दिखने वाले चांद को स्ट्रॉबेरी मून, रेड मून (Red Moon), हनी मून (Honey Moon) और कई अन्य नाम दिए गए हैं.
कैसे मिला चांद को ‘स्ट्रॉबेरी मून’ नाम?
इस खगोलीय घटना को ये नाम प्राचीन अमेरिकी जनजातियों से मिला है, जहां स्ट्रॉबेरी की कटाई के मौसम की शुरुआत के समय फुल मून देखा जाता था. जून का फुल मून दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है.
यूरोप में इसे रोज़ मून के नाम से जाना जाता है, जो गुलाब की कटाई का प्रतीक है. वहीं, उत्तरी गोलार्ध में, इसे हॉट मून (Hot Moon) के रूप में जाना जाता है, क्योंकि यह भूमध्य रेखा के उत्तर में गर्मी के मौसम की शुरुआत करता है और इस मून को वहां गर्मी की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है.
बता दें कि इस साल कई खगोलीय घटना देखने को मिल रही हैं. इससे पहले बीते दिनों सुपर मून, ब्लड मून, चंद्र ग्रहण और फिर रिंग ऑफ फायर यानी सूर्य ग्रहण दिखाई दे चुका है.
ज्येष्ठ पूर्णिमा पर शुभ योग, भगवाव शिव को प्रसन्न करने के लिए ऐसे चढ़ाए बेलपत्र
ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि और गुरूवार का दिन है | पूर्णिमा तिथि आज रात 12 बजकर 9 मिनट तक रहेगी। उसके बाद आषाढ़ कृष्णपक्ष की प्रतिपदा लग जायेगी |
आज स्नान-दान-व्रतादि की पूर्णिमा है | इस पूर्णिमा को देव स्नान पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है । साथ ही आज बिल्व त्रिरात्रि भी है। आज बिल्व पत्रों से उमा-महेश्वर, यानी भगवान शंकर की पूजा की जाती है।
ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा में बिल्व त्रिरात्रि के दिन वैसे तो सुबह उठकर सरसों मिश्रित जल से स्नान करना चाहिए और बिल्ववृक्ष यानी बेलपत्र की विधिवत पूजा करके व्रत करना चाहिए और केवल एक बार भोजन करना चाहिए।
पूर्णिमा के साथ बिल्व त्रिरात्रि में कैसे भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाकर करें अपनी हर मनोकामना पूर्ण।
बिल्व त्रिरात्रि और पूर्णिमा के मौके पर ऐसे करें भगवान शिव की पूजा
अगर आपकी शादीशुदा जिंदगी में किसी प्रकार की परेशानी चल रही है तो आज आपको स्नान आदि के बाद बिल्ववृक्ष के पास जाना चाहिए और वहां जाकर वृक्ष के पास धूप जलानी चाहिए। इसके बाद उस धूप से निकलते धुएं को अपने दोनों हाथों से लेकर अपनी बंद आंखों पर धीरे-धीरे करके लगाएं और हाथों को कान के पीछे तक ले जायें। अब अपनी आंखों को खोल लें और बिल्व वृक्ष को प्रणाम करके घर वापस आ जायें।
अगर अपनी जिंदगी को खुशियों से भरना चाहते हैं तो आज स्नान आदि के बाद साफ कपड़े पहनें। इसके बाद एक लोटे में जल लेकर बिल्व वृक्ष, यानी बेल के पेड़ के पास जायें और उसकी जड़ में जल चढ़ाएं। साथ ही ‘ऊँ’…. शब्द का उच्चारण करें।
अगर आपका लवमेट आपकी किसी बात को लेकर आपसे नाराज़ चल रहा है तो उनकी नाराजगी को दूर करने के लिये आज स्नान आदि के बाद एक पात्र में जौ के दाने लेकर, पात्र समेत बिल्व वृक्ष के नीचे रख आयें और दो मिनट वहीं बैठकर भगवान शिव का ध्यान करें।
अगर आप हर प्रकार की परेशानियों से मुक्ति पाना चाहते हैं तो आज आपको स्नान आदि के बाद बिल्व वृक्ष के पास जाकर मिट्टी के दीपक में घी और बाती डालकर ज्योत जलानी चाहिए। साथ ही बेल का फल लेकर शिवजी को अर्पित करना चाहिए।
अगर आप जीवन में अथाह धन लक्ष्मी की प्राप्ति करना चाहते हैं तो आज आपको खीर और घी के साथ बिल्व वृक्ष, यानी बेल के पेड़ की समिधाओं से हवन करना चाहिए। बिल्व वृक्ष की समिधाएं आपको किसी भी पंसारी की दुकान से आसानी से मिल जायेगी।
अगर आप अपनी कोई इच्छा पूरी करना चाहते हैं तो आज आपको स्नान आदि के बाद बिल्व पत्रों से उमा-महेश्वर की विधि-पूर्वक पूजा करनी चाहिए। साथ ही मंत्र का जाप करना चाहिए। मंत्र है-‘ऊँ नमः शिवाय।‘
अगर आप अपने कार्यों में सफलता पाना चाहते हैं तो आज आपको स्नान आदि के बाद एक लोटे में जल लेना चाहिए और उसमें कुछ बेल पत्र डालने चाहिए। अब शिव मंदिर जाकर शिवलिंग पर वो जल अर्पित करना चाहिए।