लोक जनशक्ति पार्टी ( LJP) के दो ‘शेरों’ की लड़ाई जमीन पर भी शुरू होने वाली है। यह लड़ाई पासवान के वोट बैंक की है। यही वजह है कि चिराग पासवान और पशुपति पारस के बीच खुद को दिवंगत रामविलास पासवान का असली वारिस बताने की होड़ मची है। दिवंगत पासवान के बेटे चिराग कहते हैं मुझमें उनका अंश है। मैं ही उनका असली वारिस हूं। वहीं, भाई पशुपति पारस ने कहा है कि मैं उनके हर सुख-दुख में शामिल रहा हूं। मेरा और उनका अंश बराबर है।
इन सब बयानबाजी के बीच 5 जुलाई को रामविलास पासवान की जयंती पर चिराग पासवान आशीर्वाद यात्रा निकाल रहे हैं। वहीं, चाचा पारस भी भाई रामविलास की जयंती पर 10 हजार लोगों को भोज कराएंगे।
आपको बता दें कि LJP की टूट के बाद 16 जून को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चिराग पासवान ने कहा था कि शेर का बेटा हूं, छोड़ूंगा नहीं, लड़ूंगा। इस पर 18 जून को चाचा पशुपति पारस ने पलटवार करते हुए कहा था कि मैं उसी शेर का भाई हूं। जदयू नेता आरसीपी सिंह ने भी इसका समर्थन किया था।
5 जुलाई को शक्ति प्रदर्शन
5 जुलाई को रामविलास पासवान की जयंती है। निधन के बाद ये पहली जयंती है। इसको लेकर LJP के दोनों गुटों में बराबर की तैयारी है। इस दिन चिराग पासवान आशीर्वाद यात्रा लेकर निकलने वाले हैं। इसके पीछे का लक्ष्य यह है कि चिराग पासवान पूरे बिहार में घूमकर ये साबित करेंगे कि रामविलास पासवान के निधन के बाद वही उनके असली वारिस हैं। चिराग का ही पासवान वोट बैंक पर अधिकार है।
वहीं, पशुपति पारस उस दिन 10 हजार लोगों को भोज कराने की तैयारी कर रहे हैं। इस दिन दलित सेना और LJP के 10 हजार से ज्यादा कार्यकर्ताओं को बुलाने की तैयारी है। पारस गुट ने तो राज्य सरकार से जगह देने के लिए अर्जी भी लगा दी है। इनका मानना है कि रामविलास पासवान के निधन के बाद ये पहली जयंती है, जिसे धूमधाम से मनाया जाएगा। एक तरह से चाचा – भतीजा में शक्ति प्रदर्शन करने की होड़ शुरू हो गई है।
चिराग का पलड़ा भारी, जनता तय करेगी अपना नेता
बिहार की सियासत के जानकार पूरे प्रकरण पर कहते हैं कि ये असली नकली की लड़ाई लंबी चलेगी। लेकिन इसमें जनता को अपना नेता तय करना है। साबित करने से कोई फायदा नहीं होने वाला है। जिसमें रामविलास पासवान की छवि दिखेगी, उसी को पासवान जाति अपना नेता मानेगा। माना जाता है कि पिता के बाद उसके बेटे को ही उसका असली वारिस के रूप में देखा जाता है। ऐसे में चिराग पासवान में ही रामविलास पासवान की छवि दिखती है।
उनका कहना है कि वैसे भी देश में कई उदाहरण है जिसमें पिता के बाद पुत्र को ही असली हकदार माना गया है। इंदिरा गांधी- राजीव गांधी, मुलायम-अखिलेश, लालू – तेजस्वी, बाल ठाकरे- उद्धव ठाकरे सहित दर्जनों उदाहरण हैं जिसमें माता-पिता के बाद पुत्र को ही वारिस माना गया है। इस मामले में भी चिराग का पलड़ा भारी है।
पशुपति पारस (चाचा) और चिराग पासवान (भतीजा) के बीचे 5 जुलाई को होने वाला शक्ति प्रदर्शन अनलॉक-3 के प्रोटोकॉल की भेंट चढ़ सकता है। क्योंकि बिहार में 6 जुलाई तक अनलॉक-3 लागू हैं। इस दाैरान शादी-श्राद्ध में अधिकतम 25 लोगों के शामिल होने की छूट है। साथ ही राज्य में कहीं भी बड़ा आयाेजन करने की अनुमति नहीं है। ऐसे में अब सबकी निगाहें सरकार पर टिकी हैं, क्या सरकार दोनों को कार्यक्रम करने की इजाजत देगी।
बता दें कि 5 जुलाई को रामविलास पासवान की जयंती है। इस दिन चाचा पारस की अलग तैयारी है तो भतीजा चिराग की अलग तैयारी। चिराग पासवान इस दिन से आशीर्वाद यात्रा की शुरुआत करने वाले हैं। अपने चाचा पशुपति पारस के संसदीय क्षेत्र से इसकी शुरुआत करेंगे। वहीं, अपने बड़े भाई रामविलास की जयंती पर पारस 10 हजार लोगों को भोज देने की तैयारी कर रहे हैं।
कोविड प्रोटोकॉल के मुताबिक ही यात्रा : चिराग गुट
LJP दो गुटों में बंट गई है। एक चिराग पासवान का तो दूसरा उनके चाचा पशुपति पारस का गुट है। चिराग पासवान 5 जुलाई को पटना पहुंचेंगे और सीधे हाजीपुर जाएंगे। यहीं से आशीर्वाद यात्रा शुरू करेंगे। चिराग गुट के प्रवक्ता अशरफ अंसारी बताते हैं कि रामविलास पासवान हाजीपुर को अपनी मां मानते थे। ऐसे में चिराग पाासवान यहीं से अपनी यात्रा शुरू करेंगे। इस यात्रा में चिराग ग्रुप के सभी पदाधिकारी और नेता शामिल होंगे। इसकी जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी को दे दी गई है।
दैनिक भास्कर की टीम ने जब पूछा कि कोरोना काल में भीड़ इकट्ठी नहीं करनी है तो उन्होंने कहा कि इसको लेकर पार्टी विचार कर रही है। कैसे यात्रा निकाली जाए, उससे पहले कैसी मीटिंग की जाए। अशरफ अंसारी यह भी बताते हैं कि प्रशासन को मीटिंग और यात्रा के लिए आवेदन दिया जा रहा है। कोविड प्रोटोकॉल के मुताबिक ही यात्रा निकाली जाएगी।
10 हजार लोगों को भोज कराएगा पारस गुट
उधर, LJP पारस गुट ने भी 5 जुलाई को लेकर बड़ी तैयारी की है। इस दिन बड़े स्तर पर जयंती समारोह का आयोजन करने की तैयारी है। पारस गुट के प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने बताया कि असली LJP पारस की है। रामविलास पासवान की जयंती को लेकर बड़ी तैयारी है। 10 हजार लोगों को भोज कराया जाएगा और जयंती समारोह भी किया जाएगा।
दैनिक भास्कर टीम ने श्रवण अग्रवाल से पूछा कि इस कोरोना काल में यह कैसे संभव होगा तो उन्होंने बताया कि इसको लेकर रणनीति बनाई जा रही है। प्रशासन से जगह मांगी गई है कि कोरोना प्रोटोकॉल को देखते हुए कैसे आयोजन को किया जाए। 10 हजार लोगों को भोज कराने को लेकर श्रवण अग्रवाल कहते हैं कि दलित बस्ती और मंदिर-मस्जिद के आसपास लोगों को भोजन कराया जाएगा। भीड़ इकट्ठी नहीं होने दी जाएगी।