सुप्रीम कोर्ट ने १२वीं कक्षा के छात्रों के मूल्यांकन के लिए सीबीएसई और सीआईएससीई द्वारा अपनाई गई आकलन योजना में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। कोविड़–१९ महामारी के कारण दोनों बोड़रं की १२ वीं कक्षा की परीक्षा रद्द कर दी गई है। शीर्ष अदालत ने अभिभावकों के एक संघ की आपत्ति खारिज कर दी और कहा कि आकलन योजना के विभिन्न पहलुओं के बारे में कोई दूसरा उपाय संभव नहीं है।
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की विशेष पीठ ने कहा‚ ‘हम दोनों बोड़रं (सीबीएसई और सीआईएससीई) द्वारा लाई गई योजना स्वीकार करते हैं। पीठ ने‚ व्यक्तिगत तौर पर अदालत की मदद कर रहे और केंद्र की ओर से पेश हुए अटार्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल की इस दलील का भी उल्लेख किया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को यह निर्देश जारी करेगा कि सभी बोड़रं––केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड़ (सीबीएसई)‚ काउंसिल फॉर द इंडि़यन स्कूल सर्टिफिकट एग्जामिनेशंस (सीआईएससीई) और राज्य बोड़रं––द्वारा नतीजों की घोषणा के बाद दाखिले लिये जाए। न्यायालय ने सभी हस्तक्षेपकर्ताओं–– उत्तर प्रदेश पैरेंट्स एसोसिएशन और सेकेंड़ कंपार्टमेंट एवं प्राइवेट छात्रों––की मुख्य आपत्तियों का निस्तारण करते हुए कहा कि जो योजना लाई गई है उस पर महज इस आशंका के साथ संदेह नहीं किया जा सकता कि सीबीएसई स्कूलों द्वारा अपने छात्रों के पक्ष में अंकों में हेरफेर की जाएगी। पीठ ने वेणुगोपाल की दलीलें सुनने के बाद कहा कि यदि छात्रों को आंतरिक आकलन का विकल्प दिया गया है‚ तो योजना के मुताबिक उनके नतीजे ३१ जुलाई तक घोषित होंगे और कम अंक आने पर इसके बाद वे इसमें सुधार का विकल्प चुन सकते हैं। पीठ ने कहा कि बोड़रं ने १२ कक्षा की परीक्षाएं रद्द करने का समझदारी भरा फैसला व्यापक जनहित में लिया गया है।
सीबीएसई ने 12वीं कक्षा के परिणामों की गणना के लिए एक पोर्टल बनाया है ताकि अंकों/ग्रेड़ का व्यवस्थित ढंग से आकलन किया जा सके और समय की बचत हो। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
सीबीएसई ने १२वीं के अंकों के सारणीकरण के लिए नीति जारी की है। इस संबंध में सीबीएसई ने अपने स्कूलों के परिणाम की तैयारी में परिणाम समिति/स्कूलों की सहायता करने का निर्णय लिया है। इसी के तहत बोर्ड़ के आईटी विभाग ने एक पोर्टल तैयार किया है जो १२वीं के परिणामों की गणना के लिए सभी संबंधित स्कूलों को सुविधा प्रदान करेगा। बोर्ड़ के आईटी विभाग के निदेशक अंतरिक्ष जौहरी ने कहा कि सीबीएसई से सबंद्ध स्कूलों के छात्रों के अंकों की गणना के लिए उपलब्ध परिणाम के आधार पर एक प्रणाली तैयार की गई है। दूसरे बोर्ड़ के संदर्भ में सीबीएसई क्षेत्रीय कार्यालयों की मदद से गणना करने के लिए परिणाम संबंधी आंकड़़े जुटाएगी। सीबीएसई का कहना है कि यह प्रणाली गणना के काम के बोझ को कम करेगी‚ लगने वाले समय और कई अन्य परेशानियों को भी कम करेगी।