प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी ने टीकाकरण अभियान की शुरुआत के दौरान ही देशवासियों को आगाह किया था कि इसे लेकर तरह–तरह के भ्रम और अफवाहें फैलाईजाएंगी और वास्तव में ऐसा हो भी रहा है। गांवों और कस्बों के साथ शहरी क्षेत्रों में अफवाह फैल गई है कि कोरोना रोधी टीका लगवाने से लोगों की दो साल बाद मौत हो जाएगी। यह अफवाह फैलाईगई कि टीकाकरण से पुरुष नंपुसक हो जाएगा या उसकी मौत हो जाएगी। इसी भ्रम और अफवाह के कारण ग्रामीण और शहरी आबादी का एक बड़़ा वर्ग टीका लगाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को देखकर घरों के अंदर छुप जाता है या उन पर हमला करने लगता है। इस तरह के भ्रम फैलाने में विपक्षी दलों की बहुत बड़़ी भूमिका रही है। विपक्षी दलों के नेताओं ने सार्वजनिक तौर पर बयान दिया कि हम यह टीका नहीं लगवाएंगे। टीकाकरण अभियान में बाधा ड़ालने के लिए यह अफवाह फैलाई जा रही है कि स्वदेश निर्मित कोवैक्सीन में नवजात बछड़े़ का सीरम है। भारत जैसे धर्मभीरु देश में इस तरह की अफवाहों का बहुत तेजी से असर होता है। हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने तुरंत एक बयान जारी कर इसका खंड़न करते हुए कहा कि नवजात बछड़े़ के सीरम का इस्तेमाल केवल वेरो कोशिकाएं तैयार करने और उनके विकास के लिए ही किया जाता है। वेरो कोशिकाओं को विकसित होने के बाद पानी और रसायनों से अच्छी तरह से अनेक बार साफ किया जाता है जिससे कि ये नवजात बछड़े़ के सीरम से मुक्त हो जाते हैं। वेरो कोशिकाओं को कोरोना वायरस से संक्रमित किया जाता है ताकि वायरस विकसित हो सके। इस प्रक्रिया में वेरो कोशिकाएं पूरी तरह से नष्ट हो जाती हैं। इसका अर्थ हुआ कि सोशल मीडि़या पर अफवाह फैलाने वालों ने वैक्सीन निर्माण की प्रक्रिया को तोड़़–मरोड़़ कर पोस्ट किया है। जाहिर है कि इस तरह की अफवाहें भारत जैसे अर्धविकसित समाज में सुनियोजित ढंग से फैलाई जा रही हैं ताकि कोरोना के विरुद्ध भारत की लड़़ाई को कमजोर किया जा सके और भारत सरकार को अक्षम बताकर उसका राजनीतिक लाभ लिया जा सके। जरूरत है कि इसके विरुद्ध सभी दल एक मंच पर आकर अफवाहों का खंड़न करें और जनता से अपील करें कि टीकाकरण के अभियान में शामिल होकर इस प्रक्रिया को सफल बनाएं।
चेन्नई के आसमान में राफेल और सुखोई ने दिखाई ताकत, वायुसेना के एयर शो में दिखा अद्भुत नजारा
अपनी 92वीं वर्षगांठ मनाने के लिए भारतीय वायु सेना ने आज तमिलनाडु के चेन्नई मरीना एयरफील्ड में एक एयर एडवेंचर...