बिहार के जल–जीवन–हरियाली अभियान की विश्व स्तर पर प्रशंसा हो रही है। उन्होंने कहा कि बिल गेट्स जब पटना आए थे‚ उस समय उनसे जल–जीवन–हरियाली अभियान को लेकर चर्चा हुई थी। यहां से जाने के बाद उन्होंने इस अभियान की प्रशंसा की थी। युनाईटेड नेशन में भी बिहार के जल–जीवन–हरियाली अभियान की सराहना हुयी थी। किसानों को मौसम के अनुकूल कृषि तथा जैविक खेती करने को लेकर प्रेरित करें। फसल अवशेष को लेकर किसानों को जागरूक करें और उन्हें बताएं कि फसल अवशेष को नहीं जलाएं। सार्वजनिक चापाकल हर हाल में फंक्शनल रहे। जीणाद्धार कराए गए कुओं एवं चापाकलों के किनारे सोख्ता का निर्माण जरुर कराएं। अतिक्रमण मुक्त कराए गए जल संचयन क्षेत्रों के किनारे बसे गरीब लोगों के पुनर्वास को कार्रवाई करें।
ये बातें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जल–जीवन–हरियाली अभियान के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की समीक्षा बैठक में कहीं। उन्होंने कहा कि बिहार में काम करने का मौका मिला है। विकास के कई काम के साथ–साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं। वृक्षारोपण के साथ–साथ जल संरक्षण को लेकर भी कार्य किए जा रहे हैं। राज्य के बंटवारे के बाद बिहार का हरित आवरण ९ प्रतिशत रह गया था। वर्ष २०१२ में हरियाली मिशन की स्थापना की गई और २४ करोड पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया‚ जिसमें लगभग २२ करोड पौधे लगाए गए। अब राज्य का हरित आवरण १५ प्रतिशत से अधिक हो चुका है‚ हमलोगों ने इसे १७ प्रतिशत से अधिक करने का लक्ष्य रखा है और उसके लिए तेजी से वृक्षारोपण का कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि ५ जून २०२० से ९ अगस्त २०२० तक २ करोड ५१ लाख पौधा लगाने का लक्ष्य रखा गया था‚ लेकिन उससे अधिक ३ करोड ९४ लाख वृक्षारोपण किया गया। ५ जून २०२१ को ५ करोड पौधा लगाने के लक्ष्य की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण के बाद उनके रखरखाव पर भी विशेष ध्यान दें। १९ जनवरी २०२० को पर्यावरण संरक्षण को लेकर ५ करोड १६ लाख से अधिक लोगों ने मानव श्रृंखला बनायी। पर्यावरण संरक्षण को लेकर सभी दलों के विधान पार्षदों एवं विधायकों के साथ वर्ष २०१९ में बैठक की गई‚ जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय किया गया कि जल–जीवन–हरियाली अभियान को मिशन मोड में चलाया जाए। जल–जीवन–हरियाली का मतलब है‚ जल और हरियाली है तभी जीवन सुरक्षित है चाहे वह जीवन मनुष्य‚ पशु–पक्षी या किसी अन्य जीव जंतु की हो। जल–जीवन–हरियाली अभियान पर २४ हजार करोड रुपए से अधिक खर्च करने का प्रावधान किया गया है‚ जो बिहार जैसे गरीब राज्यों के लिए बडी बात है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सौर उर्जा के उपयोग एवं उसके उत्पादन तथा उर्जा की बचत के लिए लोगों को प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि कॉलेज‚ पुराने सरकारी स्कूलों के भवन‚ नए बनाए गए इंस्टीच्यूट के भवनों पर भी सौर प्लेट लगाएं। संबद्ध विभाग आपस में इसके लिए मीटिंग कर कार्य योजना बनाएं।
जल–जीवन–हरियाली अभियान के बारे में लोगों के बीच प्रचार–प्रसार कराएं‚ उन्हें इस अभियान के उद्ेश्य‚ फायदे के बारे में बताएं। लोगों को जलवायु संरक्षण के प्रति जागरूक करना है। निरंतर इस बात का आकलन और समीक्षा करें कि कार्य तेजी से पूर्ण हो। लक्षित कार्य को पूरे मनोयोग से पूर्ण करें। समीक्षा के दौरान ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने जल–जीवन–हरियाली अभियान के अंतर्गत किए जा रहे कायोंर् की जानकारी दी। मिशन निदेशक राजीव रौशन ने प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। अभियान के सभी अवयवों यथा आहर‚ ईन‚तालाब/पोखर‚ कुओं को चिह्नित कर उन्हें अतिक्रमण मुक्त कराना एवं उनका जीणाद्धार कराना‚ वास भूमिविहीन परिवारों को वास भूमि उपलब्ध कराना‚ सार्वजनिक कुओं एवं चापाकल के किनारे सोख्ता का निर्माण‚ छोटी–छोटी नदियों/नालों एवं पहाडी क्षेत्रों के जल संग्रहण क्षेत्रों में चेकडैम एवं जल संचयन की संरचना का निर्माण‚ नए जल स्त्रोतों का सृजन‚ गंगा जल उद्वह योजना‚ भवनों में छत वर्षा जल संचयन की संरचना‚ पौधशाला एवं सघन वृक्षारोपण‚ सौर उर्जा का उपयोग एवं उर्जा की बचत के लिए प्रोत्साहन के संबंध में किए जा रहे कायोंर् की अद्यतन प्रगति की विस्तृत जानकारी दी।