बिहार में कोरोना संक्रमण (COVID-19) से मरने वालों की संख्या को लेकर घमासान मचा हुआ है. बुधवार को स्वास्थ्य विभाग ने महामारी से मरने वालों की संख्या में संशोधन कर उसे 9429 बताया. आंकड़ों में उछाल के बाद अब इसे लेकर विवाद बढ़ गया है. मौत के नए आंकड़े सामने आने के बाद बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय (Mangal Pandey) ने अपनी सफाई दी है और आंकड़ों के पीछे की वजह बताने की कोशिश की. मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि कोरोना से मौत के बाद भी बड़ी संख्या में लोगों को रिपोर्ट नहीं मिल पाई थी. स्वास्थ्य विभाग ने 15 दिनों तक इस मामले की जांच भी कराई है.
मंत्री मंगल पांडेय के मुताबिक, बिहार के हर जिलों से कोरोना से मौत के आंकड़े इकट्ठा किए गए हैं. ताजा रिपोर्ट सामने आने के बाद अब कोरोना के मौत के आंकड़े बढ़ गए है. स्वास्थ्य विभाग रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के आंकड़े जारी करती है. जैसे-जैसे रिपोर्ट आ रही है कोरोना के मौत के मामले बढ़ रहे हैं.
हाईकोर्ट ने दिए थे जांच के आदेश
बक्सर में कुछ शवों के मिलने के बाद हाईकोर्ट ने बक्सर में कोरोना से हुई मौत की जांच करने को कहा था. लेकिन राज्य सरकार ने ऐहतियातन पूरे राज्य में ऑडिट करवाया, जिसके बाद मौत का नया आंकड़ा सामने आया है.
जानें क्या है पूरा मामला
स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमण से बुधवार तक मरने वालों की 5478 की संख्या के अलावा सत्यापन के बाद अतिरिक्त 3951 अन्य लोगों की मौत के आंकडे जोड़े गए हैं. विभाग द्वारा जारी आंकड़े में हालांकि यह नहीं बताया गया है कि ये अतिरिक्त मौतें कब हुईं लेकिन प्रदेश के सभी 38 जिलों का एक ब्रेकअप उल्लेखित किया गया है. ताजा आंकड़ों के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या 8,000 के करीब है और अप्रैल से मरने वालों की संख्या में लगभग छह गुना बढ़ोतरी हुई है.
बिहार में कोरोना से प्रदेश की राजधानी पटना में कुल 2303 मौतें हुईं हैं जबकि मुजफ्फरपुर जिला 609 मौतों के साथ दूसरे नंबर पर है. सत्यापन के बाद पटना में सबसे अधिक 1070 अतिरिक्त मौतें जोड़ी गई हैं. इसके बाद बेगूसराय में 316, मुजफ्फरपुर में 314 और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैतृक नालंदा में 222 अतिरिक्त मौतें जोड़ी गई हैं.