कोरोना के मामलों में तेजी से कमी आ रही है। ढाई माह बाद पटना में 24 घण्टे में नए मामलों की संख्या 100 से कम है। बिहार में भी नए मामलों की संख्या एक हजार है। पटना में 71 और बिहार में 1007 है। बिहार में एक्टिव मामलों की संख्या 9627 हो गई है। तेजी से घटते मामलों को लेकर बड़ी राहत है। हालांकि एक्सपर्ट का कहना है कि लॉक डाउन के कारण सोशल डिस्टेंस मेंटेन हुआ और इस कारण से ही मामलों में लगातार कमी आ रही है। बिहार के 38 जिलों में नए मामले अंडर 100 हैं जबकि 4 जिलों में 50 से ऊपर नया मामला है।
4 जिलों में 50 पार हुए नए मामले
पटना सहित बिहार के 4 जिले ऐसे हैं जहां आंकड़ा 50 के पार और 100 से कम है। पटना में 71, मधुबनी में 54 मुंगेर में 67 सुपौल में 83 नए मामले हैं। कोरोना के घटते प्रभाव से स्वास्थ्य विभाग सुकून की सांस ले रहा है। इन जिलों में कोरोना संक्रमितों की संख्या घटने से लोगों को भी राहत मिलेगी। हालांकि अब भी गांव में टेस्ट के लिए कई जगह व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
34 जिले में अंडर 50 नए मामले
अररिया 26, अरवल 14, औरंगाबाद 3, बांका 1, बेगूसराय 26, भागलपुर 12, भोजपुर 5, बक्सर 5, दरभंगा 48, पूर्वी चंपारण 31, गया 18, गोपालगंज 34, जमुई 7, जहानाबाद 5, कैमूर 2, कटिहार 35, खगड़िया 12, किशनगंज 32, लखीसराय 6, मधेपुरा 49, मधुबनी 54, मुंगेर 67, मुजफ्फरपुर 37, नालंदा 9, नवादा 49, पटना 71, पूर्णिया 41, रोहतास 11, सहरसा 26,समस्तीपुर 38, सारण 35, शेखपुरा 7, शिवहर 9, सीतामढी 13, सीवान 43, सुपौल 83, वैशाली 24, पश्चिमी चंपारण 7 नए मामले हैं
कोरोना से AIIMS में छह‚ NMCH में चार की मौत
पिछले २४ घंटे में पटना एम्स में कोरोना से छह जबकि एनएमसीएच में चार लोगों की मौत हो गयी। एम्स के कोरोना नोड़ल ऑफिसर ड़ॉ. संजीव कुमार के मुताबिक‚ मछुआटोली की ५५ वर्षीय सुलोचना सिंह‚ मधुबनी के ४९ वर्षीय मो. जुबैर आलम‚ पटना सिटी के ६० वर्षीय विष्णु स्वरूप‚ अररिया के ६६ वर्षीय दिलीप कुमार सिन्हा‚ कटिहार के ४६ वर्षीय सईद अकरम खान और भागलपुर की ५९ वर्षीय नीलम आचार्य की मौत कोरोना से हो गई। एम्स के आइसोलेशन वार्ड़ में १५ नए कोरोना पॉजिटिव मरीजों को भर्ती किया गया है‚ जिसमें पटना के सबसे ज्यादा १० मरीज शामिल हैं। एम्स में २१ लोगों ने कोरोना को मात दी‚ जिन्हें अस्पताल से डि़स्चार्ज कर दिया गया। शनिवार की शाम तक आइसोलेशन वार्ड़ में एड़मिट कुल ११० मरीजों का इलाज चल रहा था।
इधर‚ एनएमसीएच में कोरोना संक्रमित चार मरीजों की मौत इलाज के दौरान शुक्रवार की देर रात हो गई। मरने वालों में लखीसराय की ४२ वर्षीया हीरा देवी‚ मोकामा शिवनार की ५५ वर्षीया मिथिलेश देवी‚ रामपुरा‚ डु़मरा‚ पटना के २४ वर्षीय पवन कुमार और जलालपुर बसंतपुर‚ सीवान की २४ वर्षीया शारदा कुमारी हैं। अस्पताल अधीक्षक ड़ॉ. विनोद कुमार सिंह एवं एपिडे़मियोलॉजिस्ट ड़ॉ. मुकुल कुमार सिंह ने बताया कि चारों मरीजों कोगंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस अस्पताल में अब तक ६५० कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी है। साथ ही‚ ३० से अधिक कोरोना संदिग्ध मरीजों की भी मौत हुई है। ॥ एनएमसीएच में शनिवार को कोरोना के एक नए मरीज को भर्ती किया गया‚ जबकि १० मरीज बीमारी को मात देकर घर लौट गए। यह जानकारी अस्पताल अधीक्षक ड़ॉ. विनोद कुमार सिंह एवं एपिडे़मिलॉजिस्ट व नोड़ल पदाधिकारी ड़ॉ. मुकुल कुमार सिंह ने दी। चिकित्सकों ने बताया कि अस्पताल में अभी ७० मरीजों का इलाज चल रहा है। अभी ४३० बेड़ कोरोना मरीजों के लिए खाली हैं।
ब्लैक फंगस के इंजेक्शन का करना होगा दो दिन तक इंतजार
पटना में लाइपोसोमल एम्फेटेरेसिम बी इंजेक्शन का स्टॉक ड्राई हो गया है। स्टॉक में ५०० वायल बची थी‚ जिसे शनिवार को सीएस और तीन हॉस्पिटल को अलॉर्ट कर दिया गया। अब स्टॉक पूरी तरह से खाली हो गया है। सोमवार से पहले इंजेक्शन आने की उम्मीद भी नहीं दिख रही है।
औषधि नियंत्रण विभाग का कहना है कि इंजेक्शन के लिए डिमांड भेज दी गई है। पटना में लाइपोसोमल एम्फेटेरेसिम बी इंजेक्शन की एक हजार से अधिक की डिमांड है। पटना एम्स में हर दिन ४०० से ५०० वायल की खपत है। वहीं आईजीआईएमएस में लगभग ५०० वायल लग जाती है। पीएमसीएच में भी ५० वायल तक का खर्च है‚ जबकि‚ एनएमसीएच में संख्या ५० से कम है। इसके अलावा प्राइवेट अस्पतालों में भी एक दिन में लगभग २०० इंजेक्शन की डिमांड है। शुक्रवार से ही अस्पतालों में लाइपोसोमल एम्फेटेरेसिम बी इंजेक्शन को लेकर समस्या हो गई है। एनएमसीएच में लाइपोसोमल एम्फेटेरेसिम बी इंजेक्शन का स्टोर बनाया गया है।
औषधि नियंत्रण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार‚ शनिवार को पटना सिविल सर्जन को ७५ वायल‚ एम्स को ७५ वायल‚ आईजीआईएमएस को २०० वायल और पीएमसीएच को ७५ वायल अलॉट किया गया है। अब स्टॉक पूरी तरह से खाली हो गया है। शनिवार को किसी भी प्राइवेट हॉस्पिटल को लाइपोसोमल एम्फेटेरेसिम बी इंजेक्शन नहीं अलॉट किया गया है। कई हॉस्पीटल में तो अब लाइपोसोमल एम्फेटेरेसिम बी इंजेक्शन नहीं होने के कारण मरीजों को भर्ती ही नहीं ले रहे हैं। पटना की सहायक औषधि नियंत्रक कमला का कहना है कि शनिवार तक ५०० लाइपोसोमल एम्फेटेरेसिम बी इंजेक्शन बची थी‚ जिसे अलॉट कर दिया गया है। अब डिमांड की गई है और लाइपोसोमल एम्फेटेरेसिम बी आने के बाद ही अस्पतालों को दिया जाएगा।