कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों के लिए ब्लैक फंगस बड़ी परेशानी का कारण बनता जा रहा है. देशभर के साथ बिहार में लगातार ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. पिछले एक महीने में इस बीमारी के बिहार में 100 से ज्यादा मरीज मिले हैं. बताया जा रहा है कि जिस तरीके से यह फैल रहा है इसे महामारी की सूची में शामिल करने की बात की जाने लगी है. स्वास्थ्य विभाग की जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री से सहमति मिलने के बाद इसे महामारी की सूची में शामिल कर लिया जाएगा. बता दें कि केंद्र सरकार ने पहले ही ब्लैक फंगस को महामारी की सूची में शामिल कर लिया है.
आज लिए जाने वाले बिहार सरकार के संभावित फैसले से पहले ब्लैक फंगस को केंद्र सरकार के साथ हरियाणा, राजस्थान और तेलंगाना ने पहले ही महामारी घोषित कर दिया है. ब्लैक फंगस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए पिछले दिनों यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इसे महामारी घोषित कर दिया था. माना जा रहा है कि आज बिहार सरकार भी महामारी की सूची में शामिल कर लेगी.
ब्लैक फंगस के इलाज के लिए बिहार में बड़ी तैयारी
ब्लैक फंगस से निपटने के लिए बिहार सरकार ने बड़ी तैयारी शुरू कर दी है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि इसके बेहतर इलाज के लिए पटना एम्स और IGIMS को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का दर्जा दिया गया है. पिछले कुछ दिनों में IGIMS में कई मरीजो का ऑपरेशन कर सफल इलाज हो चुका है. सरकार ब्लैक फंगस के मामले में कोई कोताही नहीं बरतना चाहती है.
इन मरीजों को हो सकता है ब्लैक फंगस
बता दें कि ब्लैक फंगस को लेकर बहुत घबराने की जरूरत नहीं है. समय पर इलाज व ऑपरेशन से मरीज की जान काफी हद तक बचायी जा सकती है. इलाज में देरी ही मरीज के जीवन के लिए खतरा बन सकता है. दरअसल अनकंट्रोल डायबिटीज, स्टेरॉयड लेने के कारण इम्यूनो सप्रेशन, कोरोना संक्रमण अधिक होने के कारण अधिक समय आइसीयू में रहना, जैसे कई कारणों से ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ जाता है.
ऐसे लक्षणों से की जा सकती है पहचान
नाक जाम होना, नाक से काला या लाल स्राव निकलना, गाल की हड्डी में दर्द होना, चेहरे पर एक तरफ दर्द होना या सूजन, दांत या जबड़े में दर्द, दांत टूटना, धुंधला या दोहरा दिखाई देना और सीने में दर्द और सांस में परेशानी जैसे लक्षणों से इसकी पहचान की जा सकती है.
ब्लैक फंगस से ऐसे करें बचाव के उपाय
इसके बचने के लिए खून में शुगर की मात्रा ज्यादा नहीं होने दें तथा हाइपरग्लाइसेमिया से बचें, कोरोना से ठीक हुए लोग ब्लड ग्लूकोज पर नजर रखें, स्टेरॉयड के इस्तेमाल में समय और डोज का पूरा ध्यान रखें, एंटीबायोटिक और एंटीफंगल दवाओं का इस्तेमाल डॉक्टर से सलाह से करें.