बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आज महागठबंधन के नेताओं के साथ वर्चुअल मीटिंग की है। मीटिंग में सहमति बनी कि विधायक फंड की दो करोड़ की राशि सरकार इस तरह से खर्च करे कि इसमें पारदर्शिता रहे। साथ ही यह भी कि यह राशि उस विधायक के विधानसभा क्षेत्र में ही खर्च हो। राज्य सरकार ने पहले ही कह रखा है कि विधायक फंड की तीन करोड़ की राशि में से दो करोड़ सरकार हेल्थ सेक्टर में खर्च करेगी।
मीटिंग में माले विधायकों ने बताया कि उन्होंने एक करोड़ की राशि कोविड काल में अस्पतालों में मेडिकल से जुड़ी पर्याप्त सुविधाओं पर खर्च करने के लिए पहले ही दे दी है। बाकी दो करोड़ रुपए सरकार खर्च करेगी। अब RJD और कांग्रेस भी सरकार के फैसले के अनुरूप दो करोड़ रुपए खर्च करने के लिए देने को तैयार हैं। मीटिंग मे और भी कई बातों पर चर्चा हुई और सरकार को कई सुझाव दिए गए।
महागठबंधन के सुझाव
- कोरोना की पहली लहर के बाद भी डॉक्टर्स-नर्सेज सहित अन्य मेडिकल स्टाफ, ड्राइवर और सफाईकर्मियों की लाखों रिक्तियों को भरने के बजाए मुख्यमंत्री आंकड़ा प्रबंधन में लगे रहे। इन पदों को तीन सप्ताह के अंदर भरा जाए।
- हम जानना चाहते हैं कि पिछले 15 साल में जनप्रतिनिधियों के फंड से कितने एंबुलेंस खरीदे गए? ये कहां उपलब्ध हैं? एक सप्ताह के अंदर स्टेटस रिपोर्ट सार्वजनिक किया जाए।
- PM-CARES फंड से प्रदत्त Ventilators के बारे में मिल रही जानकारी अत्यंत चिंता का विषय है। अधिकतर मशीनें खराब हैं और जो काम करने के लायक हैं, वैसे वेटिंलेटर्स को बिहार के विभिन्न हिस्सों से मंगाकर निजी अस्पतालों को सौंपा जा रहा है। इसको लेकर सरकार जल्द से जल्द श्वेत पत्र जारी करे और फैसले की फिर से समीक्षा करे। निजी अस्पतालों को जीवन रक्षक उपकरण देना प्रथम दृष्टया भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना लगता है।
- अविलंब सभी आयु वर्ग को टीका लगाया जाए। विदेशों से वैक्सीन आयात करने की भी पहलकदमी की जाए। भेदभाव और पक्षपात वाली केन्द्र सरकार पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।
- ग्रामीण इलाकों में टीकाकरम के लिए रजिस्ट्रेशन और आधार कार्ड की अनिवार्यता खत्म हो। मोबाइल टीका केन्द्र शुरू किया जाए।
- सरकारी आंकड़े ऑक्सीजन आवंटन की सच्चाई से मीलों दूर हैं। बिहार के दूर-दराज के लोगों को उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। लोग दर-दर भटक रहे हैं। क्या सरकार ने घरों में इलाजरत मरीजों को ऑक्सीजन मुहैया कराने के लिए कोई कदम उठाया है, इससे अवगत कराए।
- RT-PCR टेस्ट बड़े पैमाने पर नहीं करके Antigen test या Trunet test किया जा रहा है। इसको पारदर्शी किया जाए। आंकड़ों को बिना छेड़छाड़ के सार्वजनिक किया जाए।
- कई विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना की तीसरी लहर संभावित है। सरकार इसके मद्देनजर तैयारी करे।
- बिना कोविड जांच के अभाव में मरने वाले मरीजों के परिजनों को भी चार लाख की अनुग्रह राशि प्रदान की जाए।